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एंग्ज़ायटी और नींद की गोलियां खाने से दिमाग की बीमारियां हो जाती हैं? 'सच' जान लीजिए

कई लोगों को लगता है कि इन्हें खाने से फौरी राहत भले मिले. पर इनसे दिमाग की कई बीमारियां भी हो सकती हैं. यही बात नींद की गोलियों के लिए भी कही जाती है. इसलिए, डॉक्टर से जानिए कि क्या एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां लेने से वाकई दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं.

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are antidepressants and sleeping pills harmful for brain
मूड ठीक करने, नींद लाने वाली दवाएं सेफ हैं या नहीं? (फोटो: Freepik)
1 अगस्त 2025 (Published: 03:45 PM IST) कॉमेंट्स
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डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी. कई लोग इनसे निपटने के लिए दवाएं खाते हैं. इन दवाओं को एंटीडिप्रेसेंट दवाएं कहा जाता है. ये दवाएं, दिमाग में मौजूद केमिकल्स का लेवल बदलती हैं. जिससे मूड पर असर पड़ता है. मूड सुधरता है. अब क्योंकि ये दवाएं सीधे दिमाग पर असर डालती हैं. इसलिए कई लोगों को लगता है कि इन्हें खाने से फौरी राहत भले मिले. पर इनसे दिमाग की कई बीमारियां भी हो सकती हैं. यही बात नींद की गोलियों के लिए भी कही जाती है.

इसलिए, डॉक्टर से जानिए कि क्या एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां लेने से वाकई दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं. एंग्जायटी की दवाएं लंबे समय तक लेने के क्या कोई नुकसान हैं. और, क्या नींद की गोलियां लंबे समय तक ली जा सकती हैं.

क्या एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां लेने से दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं?

ये हमें बताया डॉक्टर राहुल चंडोक ने.

dr rahul chandok
डॉ. राहुल चंडोक, हेड, साइकेट्री, आर्टेमिस लाइट एनएफसी, नई दिल्ली

एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां दिमाग में मौजूद केमिकल्स के असर को बढ़ाती हैं. अगर डॉक्टर कह रहे हैं कि दवा लंबे समय तक लेनी है तो उससे कोई नुकसान, कोई बीमारी नहीं होती. इन दवाओं का एक तय कोर्स होता है. अगर कोर्स पूरा न किया जाए, तो दोबारा बीमार पड़ने के चांस बढ़ जाते हैं. इसलिए, अगर डॉक्टर लंबे समय तक दवा खाने को कह रहे हैं, तो ज़रूर खाएं. कुछ लोगों को इन दवाओं की ज़रूरत लंबे समय तक होती है. जैसे ही दवा बंद होती है, उनमें बीमारी दोबारा आने का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में इलाज ठीक डायबिटीज़ या बीपी की तरह किया जाता है. यानी कुछ दवाएं चलती रहती हैं ताकि एपिसोड्स न लौटें. डॉक्टर की सलाह से आप एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लंबे समय तक निश्चिंत होकर ले सकते हैं. ये डर गलत है कि इन दवाओं से ब्रेन की कोई बीमारी हो जाएगी. हां, हर दवा की तरह इनके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. लेकिन डॉक्टर आपको पहले ही इसके बारे में जानकारी देंगे. अगर किसी तरह की परेशानी महसूस हो तो डॉक्टर को बताएं, समाधान ज़रूर मिलेगा.

एंग्जायटी की दवाएं लंबे समय तक लेने के क्या नुकसान हैं?

एंग्जायटी की दवाएं दो तरह की होती हैं. एक, जो दिमाग में केमिकल्स का लेवल ठीक करती हैं और दिमाग को बेहतर महसूस करवाती हैं. दूसरी, जो सिर्फ घबराहट से राहत देती हैं.

अक्सर लोग ये गलती करते हैं कि मेन दवा छोड़ देते हैं. वो केवल एल्प्राज़ोलाम या क्लोनाज़ेपम जैसी दवाएं लेने लगते हैं, जो सिर्फ राहत देती हैं. ये दवाएं लंबे समय तक लेने से आदत बन जाती है, क्योंकि आप डॉक्टर की सलाह के बिना ये दवाएं खाते रहते हैं. इससे बीमारी कभी ठीक नहीं होती, बस थोड़ा आराम मिल जाता है.

जब भी इलाज किया जाता है, तो दोनों तरह की दवाएं साथ दी जाती हैं. बाद में डॉक्टर धीरे-धीरे बेंज़ोडायज़ेपिन जैसी दवाएं बंद कर देते हैं. इसलिए खुद से इलाज करने की कोशिश न करें. एंग्जायटी की दवाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें.

क्या नींद की गोलियां लंबे समय तक ली जा सकती हैं?

आम भाषा में जिन्हें हम नींद की गोली कहते हैं, उनमें ज़्यादातर बेंज़ोडायज़ेपिन होती हैं. इन दवाओं की लत लगने का ख़तरा ज्यादा होता है. कुछ लोगों को सच में लंबे समय तक नींद न आने की समस्या होती है. ऐसे मामलों में डॉक्टर्स वैसी दवाएं देते हैं, जिनकी लत नहीं लगती और नींद भी अच्छी आती है. डॉक्टर धीरे-धीरे उन दवाओं को बंद कर देते हैं, जिनकी आदत पड़ सकती है. फिर ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिनसे नींद भी ठीक आए और आदत भी न पड़े. इसलिए, खुद से इलाज करने की बजाय, डॉक्टर की सलाह से ही नींद की दवा ले. वरना लत लगने या साइड इफेक्ट्स होने का ख़तरा बढ़ सकता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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