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उदयपुर हत्या के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार बताने वाले जज का 'कांग्रेस कनेक्शन' ये निकला!

सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला को कांग्रेस से जोड़ा जा रहा है.

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जस्टिस जेबी पारदीवाला और नूपुर शर्मा.
1 जुलाई 2022 (Updated: 1 जुलाई 2022, 19:25 IST)
Updated: 1 जुलाई 2022 19:25 IST
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दावा

पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में नूपुर शर्मा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने बीजेपी से निलंबित नूपुर शर्मा को खूब खरी-खोटी सुनाई है. कहा कि नूपुर को टीवी पर देश से माफी मांगनी चाहिए. कोर्ट ने उदयपुर (Udaipur) की घटना के लिए भी नूपुर शर्मा को जिम्मेदार बताया है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणियां नूपुर शर्मा का केस ट्रांसफर करने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान कीं. नूपुर की मांग थी कि देश के कई राज्यों में उनके खिलाफ जो FIR दर्ज हुई हैं उन्हें दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए. लेकिन जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने मामले की सुनवाई करते हुए नूपुर शर्मा की याचिका को ख़ारिज कर दिया है.

याचिका ख़ारिज होने के बाद सोशल मीडिया पर जस्टिस पारदीवाला को लेकर एक दावा जमकर वायरल हो रहा है. इसमें एक स्क्रीनशॉट चस्पा है, जिसमें अंग्रेजी में जस्टिस पारदीवाला को लेकर कुछ लिखा गया है. इस स्क्रीनशॉट को आधार बनाकर दावा है,

जस्टिस जेबी पारदीवाला कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं.

ट्विटर यूज़र SamDelhi ने स्क्रीनशॉट ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला जिन्होंने नूपुर शमा को उदयपुर की घटना के लिए जिम्मेदार बताया, वह 1989 से 1990 के बीच कांग्रेस विधायक थे. #SupremeCourt

ट्वीट का स्क्रीनशॉट.


ट्विटर से इतर फेसबुक पर भी ऐसे ही दावे किए जा रहे हैं. लेकिन इनकी सच्चाई क्या है?

पड़ताल

'दी लल्लनटॉप' ने जब जस्टिस पारदीवाला से जुड़े दावे की पड़ताल की तो दावा गलत निकला.

सबसे पहले जिस स्क्रीनशॉट को आधार बनाकर जस्टिस पारदीवाला के कांग्रेस से विधायक रहने का दावा किया जा रहा है, उस स्क्रीनशॉट को हमने गौर से पढ़ा. स्क्रीनशॉट के ऊपर Supreme Court Observer लिखा हुआ है. इसके बाद हमने इंटरनेट पर Supreme Court Observer डालकर सर्च किया तो www.scobserver.in वेबसाइट मिली. इस वेबसाइट पर J.B. Pardiwala सर्च करने पर हमें उनकी प्रोफाइल दिखी. इसी प्रोफाइल के एक पैरा को स्क्रीनशॉट के जरिए वायरल किया जा रहा है. वायरल पैराग्राफ का हिन्दी अनुवाद है-

'पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में दक्षिण गुजरात के वलसाड से संबंध रखने वाले वकीलों के परिवार में हुआ था. उनके परदादा नवरोजजी भीकाजी पारदीवाला ने 1894 में कस्बे में अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू की. उनके बेटे, कावासजी नवरोजजी पारदीवाला 1929 में वलसाड बार में शामिल हो गए. जस्टिस पारदीवाला  के पिता बुर्जोर कावासजी पारदीवाला अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए 1955 में वलसाड बार में शामिल हुए. बाद में वह कांग्रेस विधायक बने. दिसंबर 1989 से मार्च 1990 के बीच, उन्होंने 7वीं गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया.'

इस पैराग्राफ में MLA शब्द पर एक इंटरलिंक भी मौजूद है, जब हमने इस पर क्लिक किया तो इंडियन एक्सप्रेस की 9 मई 2022 की रिपोर्ट सामने आई. रिपोर्ट में जस्टिस पारदीवाला के पिता के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है, 

'उनके पिता बुर्जोर जी पारदीवाला एक कांग्रेस विधायक थे. उन्होंने मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी और अमरसिंह चौधरी के कार्यकाल के दौरान सातवीं गुजरात विधानसभा (1989-1990) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.'

इसके बाद हमने गुजरात विधान सभा की आधिकारिक वेबसाइट का रुख किया. यहां पर हमें स्पीकर्स की लिस्ट में Barjorji Pardiwala का नाम दिखा जो 19 जनवरी 1990 से 16 मार्च 1990 तक गुजरात विधानसभा के स्पीकर रहे हैं.

गुजरात  विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद स्पीकर्स की लिस्ट.


साफ है जस्टिस पारदीवाला के पिताजी का संबंध कांग्रेस से था, न कि उनका.

कौन हैं जस्टिस जेबी पारदीवाला?

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, वकीलों के परिवार में जन्मे जस्टिस पारदीवाला ने वकालत की शुरुआत 1989 में वलसाड, गुजरात से की थी. अगले साल ही 1990 में उन्होंने प्रैक्टिस के लिए अहमदाबाद में मौजूद गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया. साल 2011 में उन्हें गुजरात हाई कोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया और 2013 में स्थायी जज बने. इसके बाद 9 मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उनकी नियुक्ति हुई.

नतीजा

साफ है जस्टिस जेबी पारदीवाला के कांग्रेस से संबंधों वाले दावे आधारहीन हैं. जस्टिस पारदीवाला के पिता कांगेस से विधायक और स्पीकर रहे थे न कि स्वयं जस्टिस पारदीवाला.

"नोट: सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा के लिए की गई तीखी टिप्पणियों का जिक्र कोर्ट के असली आदेश में नहीं है."

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