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IAS बनने के दावे के साथ शेयर की जा रही वायरल तस्वीर की असली कहानी ये है!

सोशल मीडिया पर व्हीलचेयर पर बैठे एक शख्स की तस्वीर IAS बनने के दावे के साथ वायरल है.

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IAS-UPSC
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट.
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अंशुल सिंह
4 जून 2022 (Updated: 6 जून 2022, 01:34 PM IST) कॉमेंट्स
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दावा

 सोशल मीडिया पर UPSC की सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी एक कहानी वायरल हो रही है. कहानी के साथ एक तस्वीर भी है, जिसमें एक व्यक्ति व्हीलचेयर पर बैठे हुए दिखाई दे रहा है. कहानी कुछ इस प्रकार है-

दुनिया बड़ी स्वार्थी है. 2018 में जब एक्सीडेंट में घुटने के पास से पैर कटा तो लोगों ने फोन में नंबर ब्लॉक कर दिया, कही मदद न मांग लूं. जिस लड़की ने प्यार किया, शादी की कसम खाई थी, रिश्ता तोड़ दिया. बोली, मैं दिव्यांग से शादी नहीं कर सकती. अभी UPSC IAS का रिजल्ट आया तो सब बोल रहे साथ में हूं.

वायरल दावे का स्क्रीनशॉट.


वायरल कहानी जिस स्क्रीनशॉट के जरिए शेयर की जा रही है उसमें @IFSANKIT96 यूज़रनेम का एक ट्विटर हैंडल दिखाई दे रहा है. हमने जब इसे ट्विटर पर सर्च किया तो अंकित नाम से एक ट्विटर यूज़र का अकाउंट मिला. अंकित ने वायरल हो रही कहानी को यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद 31 मई को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर ट्वीट किया था.  

                                                                          

वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट
पड़ताल 

वायरल कहानी की सच्चाई क्या है और व्हीलचेयर पर दिख रहा व्यक्ति कौन है? इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए 'दी लल्लनटॉप' ने पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल हो रही कहानी के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ.

सबसे पहले हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वायरल तस्वीर को खोजा. सर्च से हमें वायरल तस्वीर लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिली. तस्वीर को 21 अक्टूबर 2020 को ट्वीट किया गया था. LBSNAA ने तस्वीर के साथ कैप्शन अंग्रेजी में दिया, जिसका हिंदी अनुवाद है-


ब्रेकिंग बैरियर्स: नए क्षितिज की खोज. 95वें फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए 'दिव्यांगजन' के अधिकारों पर संवेदीकरण गतिविधि और पैनल चर्चा.


तस्वीर के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने 95वें फाउंडेशन कोर्स के IAS अधिकारी प्रदीप सिंह से संपर्क किया. प्रदीप ने बताया,

'तस्वीर में व्हीलचेयर पर दिख रहे अधिकारी मेरे बैच से हैं और वे दिव्यांग नहीं हैं. हम सब उस समय LBSNAA में ट्रेनिंग कर रहे थे. ट्रेनिंग के दौरान दिव्यांगों की संवेदना समझने और महसूस करने के लिए इस तरह की गतिविधि कराई जाती है. उदाहरण के लिए आप बाकी की तस्वीरों को गौर से देखिए. इनमें से कई लोगों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है. लेकिन असल में उन्हें आंखों से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है.


हमने LBSNAA के ट्वीट में दिख रहीं बाकी तस्वीरों को गौर से देखा तो प्रदीप सिंह की बात सच निकली. पहली तस्वीर में दिख रहे लोग आंखों पर पट्टी बांधे हैं तो दूसरी तस्वीर में जो व्यक्ति एक पैर पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है, उसके पैर में भी पट्टी है.

LBSNNA के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट की गई तस्वीरें  

थोड़ा और सर्च करने पर हमें फेसबकु पर 95वें फाउंडेशन कोर्स के IAS अधिकारी योगेश पाटिल के फेसबकु पोस्ट में वायरल तस्वीर मिली. 22 अक्टूबर 2020 को लिखे इस पोस्ट में योगेश पाटिल ने तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए लिखा,


यह संवेदीकरण गतिविधि, 'ब्रेकिंग बैरियर्स' के तहत किया गया एक अभ्यास था. दिव्यांग विशेष व्यक्ति हैं. इस अभ्यास में, कुछ साथी प्रशिक्षु अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बांधी गई, कुछ ने ईयर प्लग पहने हुए थे और कुछ ने दिव्यांगों की रियल टाइम फीलिंग्स का अनुभव करने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल किया.

योगेश पाटिल के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट.


अब सवाल ये कि क्या हर बैच में इस तरह की गतिविधि होती है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने 2015 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी और वर्तमान जालौर कलेक्टर निशान्त जैन से संपर्क किया. उन्होंने बताया,


'इस तरह की गतिविधि ट्रेनी अधिकारियों के हर बैच में होती है. इसका मकसद होता है कि प्रशिक्षु अधिकारी दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील बनें.

निशान्त ने अपने संपर्क में मौजूद 95वें फाउंडेशन कोर्स के अधिकारियों को वायरल तस्वीर भेजी. इनमें से एक अधिकारी ने तस्वीर में दिख रहे शख्स की पहचान IPS आनंद कलादगी (Anand Kaladagi) के रूप में की है. मूलत: कर्नाटक से संबंध रखने आनंद फिलहाल मध्य प्रदेश कैडर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

सर्च करने पर हमें IPS आनंद कलादगी की इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिली. इंस्टा प्रोफाइल पर मौजूद तस्वीरों में से एक तस्वीर की तुलना हमने वायरल तस्वीर से की. तुलना पर पर दोनों के चेहरों में काफी समानताएं देखीं जा सकती हैं. 

वायरल तस्वीर और आनंद कलादगी की तस्वीर की तुलना 

आगे तस्वीर से जुड़ी जानकारी के लिए हमने आनंद कलादगी से भी संपर्क करने की कोशिश की. जैसे ही उनकी तरफ से कोई जवाब मिलता है, उसे स्टोरी में अपडेट कर दिया जाएगा.

 

ट्विटर हैंडल @IFSANKIT96 की कहानी

ऐसा पहली बार नहीं है कि  @IFSANKIT96 ने इस तरह की मार्मिक कहानी अपनी ट्विटर अकाउंट से शेयर की हो. इससे पहले इसी अकाउंट से 28 नवंबर 2021 को वायरल हो रही कहानी ट्वीट की गई थी लेकिन उस समय कहानी के साथ कोई तस्वीर शेयर नहीं की गई थी.


Yandex पर हमने जब इस अकाउंट से जुड़ी जानकारी खोजी तो पता चला कि 22 अप्रैल 2021 को बने इस ट्विटर हैंडल ने पहले अपना नाम ANKIT MISHRA IFS रखा था.


इसके बाद जब ट्वीट किया तो नाम बदलकर ANKIT IAS रख लिया और जब ट्वीट वायरल हुआ तो अकाउंट प्रोटेक्ट कर लिया.


                                                                   
कुछ देर बाद ये अकाउंट फिर से पब्लिक हुआ और नाम ANKIT IAS से बदलकर ANKIT रख लिया. इस दौरान इस अकाउंट का यूज़र @IFSANKIT96 ही रहा.


कई बार इस अकाउंट से ऐसे ट्वीट हुए जो आमतौर पर सिविल सर्वेंट नहीं करते. जैसे - एक ट्विटर यूज़र ने यूपी चुनाव 2022 को लेकर पूछा कि कौन सी जीत दर्ज करेगी. इस सवाल के जवाब में @IFSANKIT96 लिखा - BJP.


आप जब इस अकाउंट को स्कैन करेंगे तो आपको ये समझने में देर नहीं लगेगी कि ये फेक अकाउंट है, जो मनगढ़ंत कहानियों की आड़ में अपनी असली पहचान छिपा रहा है.

नतीजा


हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ. वायरल तस्वीर मध्य प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी आनंद कलादगी की है, जिसे 21 अक्टूबर 2020 को LBSNAA ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया था. तस्वीर संवेदीकरण गतिविधि, 'ब्रेकिंग बैरियर्स' के तहत किए गए एक अभ्यास के दौरान खींची गई थी. LBSNAA में इस अभ्यास का उद्देश्य होता है कि प्रशिक्षु अधिकारी विकलांगजनों के प्रति संवेदनशील बनें और उनकी जीवन को नजदीक से समझ सकें. LBSNAA उत्तराखंड के मसूरी में मौजूद एक संस्थान है, जहां यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों जैसे- IAS, IPS आदि को ट्रेनिंग दी जाती है.

 

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