पड़ताल: क्या घरेलू गैस की बढ़ी कीमतों की ज़िम्मेदार "55% टैक्स वसूलने वाली राज्य सरकारें" हैं?
'दी लल्लनटॉप' ने दावे की पड़ताल की. घरेलू गैस पर लगने वाले टैक्स के बारे में किया जा रहा वायरल दावा गलत है. घरेलू गैस पर केंद्र और राज्य सरकारें एक बराबर- 2.5 प्रतिशत -2.5 प्रतिशत टैक्स वसूलती हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में रसोई गैस की कीमतें दिखाई गई हैं. दावा किया जा रहा है कि रसोई गैस पर केंद्र सरकार 5%, जबकि राज्य सरकार 55% टैक्स लगाती है. साथ ही ये भी लिखा जा रहा है कि डीलर्स कमीशन 5 रुपये और 50 पैसे है.
ये मेसेज ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप, फेसबुक- सभी जगह धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है.
ट्विटर यूज़र राजेश जैन
ने भी वायरल मेसेज ट्वीट कर यही दावा किया है. (आर्काइव
)
Central Govt. Tax 5%, State Govt. Tax 55% so Please find which Government is guilty for hiking the cooking gas ⛽ price. https://t.co/tPGBdQActB
— राजेश जैन (@raj3868) July 15, 2021
ट्विटर यूज़र Rajurabilli
ने भी ट्वीट कर दावा किया -(आर्काइव
)
पड़तालGAS BASIC PRICE - RS.495.00 CENTRAL GOVT TAX - RS. 24.75
STATE GOVT TAX - RS. 291.36 పెంచుకుంటూ పోతున్నావుగా.. అన్న.. నీ ఇష్టం కానీ...#APDESERVESBETTER
#Jaitdp
pic.twitter.com/IKwl0pIwfs
— Rajurabilli (@Rajurabilli2) July 15, 2021
'दी लल्लनटॉप' ने दावे की पड़ताल की. घरेलू गैस पर लगने वाले टैक्स के बारे में किया जा रहा वायरल दावा गलत है. घरेलू गैस पर केंद्र और राज्य सरकारें एक बराबर- 2.5 प्रतिशत -2.5 प्रतिशत टैक्स वसूलती हैं.
हमने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स (CBIC) की वेबसाइट जांची. वहां GST (Goods and Services Tax) से जुड़े आंकड़े खँगालने पर पता चला कि LPG (liquefied petroleum gas) पर केंद्र और राज्य सरकारें बराबर टैक्स वसूलती हैं.
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत पर 2.5 प्रतिशत टैक्स केंद्र सरकार, और 2.5 प्रतिशत टैक्स राज्य सरकार लगाती है. यानी केंद्र और राज्य सरकार- LPG पर दोनों का कुल टैक्स 5 प्रतिशत बैठता है. (आर्काइव
)
CBIC की वेबसाइट से मिले LPG गैस सिलेंडर पर लगने वाले टैक्स के आंकड़े.
पोस्ट में किये गए दावे और LPG पर लगने वाले टैक्स की जांच आप घर बैठे भी कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने रसोई गैस का बिल गौर से देखें. इसमें CGST (केंद्रीय GST) और SGST (स्टेट GST) का प्रतिशत साफ-साफ लिखा दिखेगा.
उदाहरण के लिए, ये उत्तर प्रदेश राज्य में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की घरेलू गैस का बिल है. जिसमें CGST और SGST दोनों ही 2.5 प्रतिशत हैं.
घरेलू गैस के बिल में CGST और SGST दोनों ही 2.5% हैं.
इसके अलावा पोस्ट में दिया गया डीलर्स कमीशन का आंकड़ा भी गलत है. पोस्ट में डीलर्स चार्ज 5 रुपये 50 पैसे प्रति सिलेंडर बताया गया है.
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) की वेबसाइट पर जुलाई 2021 के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 61.84 रुपये डीलर्स कमीशन चार्ज किया जा रहा है. (
आर्काइव
)
PPAC की वेबसाइट पर जुलाई 2021 के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार 61.84 रुपये डीलर्स कमीशन चार्ज किया जा रहा है.
तस्वीर में किये गए दावे में गड़बड़ी का आलम कुछ यूँ है कि सब्सिडी को भी असली कीमत में जोड़ दिया गया है. सब्सिडी मिलने से किसी भी वस्तु या सेवा का दाम कम हो जाता है. लेकिन इस दावे में सब्सिडी घटाने की बजाय, उल्टा जोड़ दी गई है.
आखिर कैसे तय होती हैं घरेलू गैस की कीमत ?
"द हिन्दू बिज़नेसलाइन" की एक रिपोर्ट के अनुसार
, LPG या किसी भी अन्य पेट्रोलियम पदार्थ का दाम कभी निश्चित नहीं होता. ये अंतराष्टीय तेल बाजार में चल रही कीमतों यानी इम्पोर्ट पैरिटी प्राइस (IPP) के अनुसार बदलता रहता है.(आर्काइव
)
ये सऊदी अरब की सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनी, सऊदी अरेमको (SAUDI ARAMCO) पर आधारित होता है, जिसमें सीमा शुल्क, बंदरगाह मूल्य, समुद्री शुल्क, एफ.ओ.बी. (बोर्ड पर मुफ्त) आदि शामिल होता है. LPG का अंतरराष्ट्रीय मूल्य डॉलर($) में तय किया जाता है और भारतीय रुपये की कन्वर्ज़न वैल्यू के अनुसार इसकी कीमत भारतीय मुद्रा में निकाली जाती है.
अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर LPG की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, या डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर पड़ता है तो इसका प्रभाव घरेलू गैस की कीमतों पर भी पड़ता है. अंतरराष्ट्रीय कीमत को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार फिलहाल हर महीने की पहली तारीख को LPG की कीमत दोबारा निर्धारित करती है.
‘द लल्लनटॉप’ की पड़ताल में घरेलू गैस सिलेंडर पर केंद्र सरकार के 5 प्रतिशत और राज्य सरकार के 55 प्रतिशत टैक्स लगाने का वायरल दावा गलत निकला. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही LPG गैस सिलेंडर पर 2.5 प्रतिशत टैक्स लगाती हैं. पोस्ट में दिए गए बाकी आंकड़े जैसे डीलर्स कमीशन, सब्सिडी ट्रांसपोर्टेशन टैक्स आदि भी गलत हैं.
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(अनुष्का श्रीवास के इनपुट्स के साथ)