संजय मिश्रा जब एक्टिंग फील्ड में ठीक-ठाक एक्टिव थे, तब बीमार पड़ गए. पापा ने खूबदेखभाल की. लेकिन संजय के ठीक होने के बाद 15 दिन बाद पिताजी की डेथ हो गई. संजय कोसमझ न आए कि वो इस चीज़ को कैसे हैंडल करें. तब तक वो ‘गोलमाल’ वगैरह जैसी फिल्मोंमें काम कर चुके थे. लेकिन पापा की डेथ के बाद मुंबई जाने के बदले वो ऋषिकेश निकलगए. एक सरदार जी के ढाबे पर काम करने लगे. मालिक ने पहचाना नहीं इसलिए काम चलतारहा. लेकिन उस ढाबे पर आने-जाने वाले उन्हें पहचान जाते. ऑमलेट खाते. फोटो खिंचातेऔर चलते बनते. अगर रोहित शेट्टी ‘ऑल द बेस्ट’ के लिए संजय को ढूंढते नहीं, तो आज इसआर्टिकल का इंट्रो कुछ और होता. खैर, अब वो एक फिल्म लेकर आ रहे हैं. इसका नाम है‘कामयाब’. संजय इस फिल्म को अपने दिल के बहुत करीब मानते हैं. क्योंकि इस फिल्म कीकहानी उनके जैसे ही एक ‘साइड एक्टर’ के बारे में है.