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'द अप्रेंटिस': ट्रम्प के दोस्त की बनाई वो फिल्म, जो उन्हें राष्ट्रपति चुनाव हरवा सकती है!

The Apprentice पर पैसा लगाने वाले Donald Trump के दोस्त को लगा कि फिल्म में महिमा-मंडन होगा. लेकिन अब इस फिल्म को कूड़े में जला डालना चाहते हैं.

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the apprentice donald trump
सेबेस्टिन स्टैन ने फिल्म में डोनाल्ड ट्रम्प का रोल किया है.
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यमन
24 मई 2024 (Published: 07:20 PM IST) कॉमेंट्स
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20 मई 2024. कान फिल्म फेस्टिवल को एक हफ्ता बीत चुका है. इस सोमवार लोग नई फिल्म देखने के लिए जमा होते हैं. अब तक किसी ने भी उस फिल्म की कोई झलक नहीं देखी. बस इंटरनेट पर चंद फोटोज़ रिलीज़ की गईं. इसका नाम The Apprentice था. किसी जमाने में इसी नाम से डोनाल्ड ट्रम्प का रियलिटी शो भी आया करता था. लेकिन इस फिल्म का उस शो से कोई लेना-देना नहीं था. सिवाय इस बात के कि ये डोनाल्ड ट्रम्प के जीवन पर आधारित थी. रेड कार्पेट की चकाचौंध के बाद लोगों ने अपनी कुर्सियों पर बैठना शुरू किया. अंधेर हॉल में परदे पर रोशनी फूटी. फिल्म में चंद पल, चंद मिनट बिताने के बाद एक सीन आता है. हॉल में मौजूद एक भी शख्स उसके लिए तैयार नहीं था. 

डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी इवाना ट्रम्प के रिश्ते का दम टूटने को था. ऐसे में इवाना एक सुझाव देती है. कि उन्हें अपनी सेक्स लाइफ में नई जान फूंकने की ज़रूरत है. ट्रम्प झल्ला जाता है. कहते हैं कि अब मुझे तुम्हारे प्रति कोई आकर्षण महसूस नहीं होता. तुम्हारे नकली ब्रेस्ट से नफरत है मुझे. इससे कुछ सीन पहले ट्रम्प ने ही अपनी बीवी को ब्रेस्ट एंलार्ज करवाने के लिए कहा था. इतना कहकर ट्रम्प इवाना को ज़मीन पर धक्का देता है. वहशी राक्षस बनकर इवाना पर झपट पड़ता है. आगे जो हुआ, उसे वास्तविक इवाना ने रेप करार दिया. हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान बदल दिया था. 

‘द अप्रेंटिस’ के इस एक सीन ने भीड़ को असहज कर दिया. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि कैसे रिएक्ट करें. आखिरकार वो लोग तो जवान डोनाल्ड ट्रम्प की कहानी देखने आए थे. वो ट्रम्प जिसने साल 1973 में अश्वेत लोगों को किराये पर घर देने से मना कर दिया. उसे कोर्ट में घसीटा गया. बदले में उसने 100 मिलियन डॉलर का केस कर दिया. वो ट्रम्प जिसने वकील रॉय कोह्न में अपना गुरु ढूंढा. वही रॉय जिसने ट्रम्प को गुरु मंत्र दिया: ‘सब कुछ खारिज करो, कुछ भी मत मानो और सिर्फ हमला, हमला, हमला करो’. ‘द अप्रेंटिस’ उस ट्रम्प की कहानी है जो अपने वज़न को लेकर इंसिक्योर था. जो अपने पिता के हाथों बचपन से बुली होता आया. जिसने अपना काम निकलवाने के लिए अंडरवर्ल्ड से हाथ मिलाया. ये उसी ट्रम्प के ताकत पाने और वहां बने रहने की कहानी है. 

the apprentice movie
फिल्म के एक स्टिल में रॉय कोह्न और डोनाल्ड ट्रम्प बने जेरेमी स्ट्रॉन्ग और सेबेस्टिन स्टैन.  

‘कैप्टन अमेरिका: विंटर सोल्जर’ के बकी यानी सेबेस्टिन स्टैन ने फिल्म में ट्रम्प का रोल किया है. Succession वाले जेरेमी स्ट्रॉन्ग, रॉय कोह्न बने हैं. और ट्रम्प की पूर्व पत्नी इवाना का रोल मारिया बाकालोवा ने किया. रिव्यूज़ में कुछ जगह इस फिल्म की तारीफ हुई, तो किसी ने इसे औसत बताया. लेकिन कान प्रीमियर के बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. ‘द अप्रेंटिस’ को आठ मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला. तालियों के बाद फिल्म के डायरेक्टर अली अब्बासी ने अपनी बात रखी. उस मंच से दुनिया का ध्यान यूक्रेन, सूडान की तरफ खींचा. कहा कि इससे भी खराब समय आने वाला है. अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा,

फासीवाद से डील करने का कोई सुंदर प्रतीकात्मक तरीका नहीं. अब रेलेवेंट फिल्में बनाने का समय है. अब फिर से पॉलिटिकल फिल्में बनाने का समय आया है.

कुछ घंटे बाद दुनियाभर के पब्लिकेशन्स में ‘द अप्रेंटिस’ के रिव्यू छप गए. रोलिंग स्टोन ने इसे ‘डोनाल्ड ट्रम्प की सबसे ब्रूटल बायोपिक’ कहा. वहीं IndieWire ने लिखा कि सेबेस्टिन स्टैन की परफॉरमेंस भी इस फिल्म को नहीं बचा सकी. डोनाल्ड ट्रम्प साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले हैं. उनके कैम्पेन तक भी फिल्म की खबर पहुंच चुकी थी. चुनाव का माहौल गर्माया हुआ है. ऐसे में ट्रम्प की टीम को चिंता है कि इस फिल्म से उनकी छवि को भारी नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि ट्रम्प से सीखकर उन्होंने इसे खारिज कर दिया. इसे कूड़ा बताया. उनका कहना था,       

ये कचरा सिर्फ कल्पना मात्र का काम है जो ऐसे झूठ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है जिसका पहले ही पर्दाफाश किया जा चुका है. ये फिल्म सिर्फ छवि खराब करने की कोशिश करती है और इसे किसी भी हालत में रिलीज़ नहीं होना चाहिए. एक बंद होने वाले स्टोर के खस्ता डीवीडी सेक्शन में भी इस फिल्म के लिए जगह नहीं होनी चाहिए. इसे कूड़े में जला देना चाहिए. 

बताया गया कि इसी बैकलैश की वजह से मेकर्स ने अब तक ये फिल्म किसी को नहीं दिखाई थी. उसका ट्रेलर तक रिलीज़ नहीं किया गया. हालांकि कान प्रीमियर से कुछ महीने पहले एक आदमी ने ये फिल्म देखी थी. उस आदमी ने इस उम्मीद से फिल्म देखी कि यहां ट्रम्प का महिमा-मंडन किया जाएगा. मगर ऐसा ना होते देख वो गुस्से में अपने बाल खींचने लगा. डैन स्नाइडर, ट्रम्प के करीबी हैं और उन्होंने ट्रम्प के इलेक्शन कैम्पेन में पैसा भी लगाया था. साल 2016 में उन्होंने 1.1 मिलियन डॉलर डोनेट किए. उसके बाद 2020 के चुनाव में उन्होंने 1 लाख डॉलर दिए थे. डैन की कंपनी Kinematics ने ‘द अप्रेंटिस’ पर भी पैसा लगाया था. अब वो फिल्म के काफी हिस्से कटवाना चाहते हैं. धमकी दे रहे हैं कि बदलाव नहीं किए तो केस कर देंगे. 

apprentice
मेकर्स ने फिल्म का कोई टीज़र या ट्रेलर रिलीज़ नहीं किया.
  

‘द अप्रेंटिस’ को सिर्फ डैन स्नाइडर से ही लीगल केस की धमकी नहीं मिल रही. ट्रम्प का कैम्पेन भी फिल्म का गला घोंटने में लगा है. दूसरी ओर फिल्म के डायरेक्टर अली अब्बासी को उम्मीद है कि ट्रम्प को इस फिल्म से कोई आपत्ति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि वो खुद ट्रम्प के साथ फिल्म देखना चाहेंगे. कान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था,    

मुझे नहीं लगता कि ये ऐसी फिल्म है जो उन्हें नापसंद होगी. मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि ये उन्हें अच्छी लगेगी, लेकिन वो इसे देखकर हैरान होंगे. मैं उनसे मिलने के लिए उत्सुक हूं, फिल्म की स्क्रीनिंग रखूं और उसके बाद हम इस पर चर्चा भी करें.

अली अब्बासी एक डैनिश-इरानियन फिल्ममेकर हैं. अपने लिबरल दोस्तों की राय से इतर वो ट्रम्प को एक कॉम्प्लेक्स या जटिल इंसान मानते हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि ट्रम्प एक मूर्ख इंसान हैं. अब्बासी को ऐसा नहीं लगता. उनका मानना है कि ट्रम्प को बेवकूफ या बनावटी समझना आपकी भूल है. अगर वो बराक ओबामा की तरह सफाई से नहीं बोल पाते तो इसका ये मतलब नहीं कि वो मूर्ख हैं. ट्रम्प को पता है कि जनता क्या चाहती है. और वो बस वही कर रहे हैं. बाकी अब्बासी से पूछा गया कि ट्रम्प के लीगल केस के सामने वो क्या करेंगे. उनका जवाब साफ था. कि ट्रम्प ने बहुत लोगों के खिलाफ केस किए हैं. मगर उनमें से वो कितने केस जीत पाए. 

‘द अप्रेंटिस’ को अभी तक किसी अमेरिकन डिस्ट्रिब्यूटर ने नहीं खरीदा है. बाकी मेकर्स का प्लान है कि नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले इस फिल्म को रिलीज़ किया जाएगा. एक फिल्म से ट्रम्प के इलेक्शन कैम्पैन पर कितना असर पड़ता है, ये देखने लायक होगा.          
     
 

वीडियो: क्या है कान फिल्म फेस्टिवल, जिसका हर साल भारत में शोर मचता है

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