The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • Somen Mishra comments on Akshay Kumar starrer Kesari 2 criticism, uses hashtag Masterclass for philistines

अक्षय की 'केसरी 2' के मेकर्स बोले, जिन्हें ये फिल्म पसंद नहीं आ रही, वो अशिक्षित...

Akshay Kumar स्टारर Kesari 2 के आलोचकों पर Dharma Productions के क्रिएटिव हेड Somen Mishra की तीखी प्रतिक्रिया.

Advertisement
Akshay Kumar in keasri 2, Somen Mishra ,
'केसरी 2' असल घटनाओं से प्रेरित है. मगर पूरी तरह से वर्क ऑफ फिक्शन है.
pic
अंकिता जोशी
22 अप्रैल 2025 (Updated: 22 अप्रैल 2025, 10:22 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

Akshay Kumar की Kesari 2 का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन तो धीमा है. मगर इससे जुड़ा विवाद रफ्तार पकड़ता नज़र आ रहा है. फिल्म में कुछ ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर दिखाए जाने की चर्चा सोशल मीडिया पर चल ही रही है. तमाम समीक्षकों ने भी रिव्यू में इस बात का ज़िक्र किया. अब Karan Johar की कंपनी से इस पर जवाब आया है. Dharma Productions के क्रिएटिव हेड Somen Mishra ने एक भनभनाता ट्वीट किया. इसमें उन्होंने 'केसरी 2' में इतिहास के साथ छेड़खानी की टिप्पणी करने वालों और आलोचकों को philistines कह डाला. मगर यहां उन्होंने श्लेष अलंकार का इस्तेमाल किया है. एक तीर से दो निशान. क्या है पूरा मामला, आइए विस्तार से बताते हैं.

दरअसल, ‘केसरी 2’ की पूरी मार्केटिंग इतिहास की अनसुनी दास्तान बताकर की गई. मगर जब फिल्म आई, तो शुरुआत में ही ये लिखकर आता कि वैसे तो ये फिल्म असल घटनाओं से प्रेरित है, मगर पूरी तरह से वर्क ऑफ फिक्शन है. क्योंकि फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है, वो घटनाएं असल में वैसे घटित नहीं हुई थीं. मेकर्स ने इस फिल्म को बनाने में भरपूर रचनात्मक आज़ादी ली है. मगर फिक्शन को इतिहास बताकर बेचे जाने पर जब उनकी आलोचना हुई, तो मेकर्स भड़क गए. 

इन्हीं आलोचनाओं के जवाब में धर्मा प्रोडक्शंस के क्रिएटिव हेड सोमेन मिश्रा ने एक पोस्ट लिखी. उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर करण सिंह त्यागी का बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू की एक क्लिप शेयर की. इसमें त्यागी बता रहे हैं कि उनकी फिल्म, हिस्ट्री और फिक्शन का मेल है. त्यागी ने आइकॉनिक स्क्रीनराइटर आरोन सॉर्किन की मिसाल देते हुए बात की. उन्होंने उस इंटरव्यू में कहा,

“स्क्रीन राइटिंग के मेरे हीरो आरोन सॉर्किन ने एक बार कहा था कि असल जिंदगी पर आधारित फिल्में तस्वीरों की तरह नहीं होतीं. वो पेंटिंग्स की तरह हैं. पेंटिंग में अपने आइडिया को नाटकीयता से प्रस्तुत करने की गुंजाइश होती है. बस यही मैंने भी किया.”

इस इंटरव्यू में करण सिंह त्यागी ने बताया कि वो संकरन नायर की कहानी किस तरह दिखाना चाहते थे. इस इंटरव्यू में वो आगे कहते हैं,

"मैं संकरन नायर की कहानी को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहता था. उनके परिवार और मेरे को-राइटर्स के सपोर्ट से मैं उस शख्स की कहानी कह सका, जो ब्रितानी हुकूमत के हिमायती से कट्टर देशभक्त बन गए. जिन्होंने कानून की ताक़त का इस्तेमाल एक पूरे साम्राज्य को चुनौती देने के लिए किया."

करण सिंह त्यागी के इस इंटरव्यू का वीडियो शेयर करते हुए सोमेन मिश्रा ने हैशटैग लिखा, Masterclass for philistines. साथ ही लिखा IYKYK. इसके मायने हैं 'इफ़ यू नो, यू नो'. यानी, जिन्हें पता है, उन्हें पता है. यहां सोमेन ने जिस philistines शब्द का इस्तेमाल किया है, उसके दो मायने हैं. अव्वल, तो एक अंग्रेज़ी शब्द है, जिसका मतलब होता है- अशिक्षित. 

18 अप्रैल को रिलीज़ हुई 'केसरी 2', 1919 में हुए जालियांवाला बाग नरसंहार की कहानी पर आधारित है. वहां जनरल रेजिनाल्ड डायर ने बेकसूर लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. फिल्म में दिखाया गया है कि संकरन नायर ने इस घटना से नाराज़ होकर ब्रिटिश वायसरॉय काउंसिल से इस्तीफा दे दिया. और जनरल डायर को इस नरसंहार का दोषी ठहराने के लिए अदालत पहुंच गए. फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि वो ये केस जीत भी गए. 

मगर असलियत इससे अलग है. संकरन नायर, जालियांवाला बाग नरसंहार के बाद कोर्ट नहीं गए थे. उन्होंने सिर्फ ब्रिटिश वायसरॉय काउंसिल से इस्तीफा दिया था. इस घटना के तीन साल बाद यानी 1922 में उन्होंने एक किताब लिखी ‘गांधी एंड अनार्की’. इस किताब के एक चैप्टर में उन्होंने जालियांवाला बाग नरसंहार के बारे में बात की. उन्होंने इस घटना की निंदा की और इसका दोषी पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ ड्वायर को बताया. 

इसके बाद माइकल ओ ड्वायर ने लंदन के एक कोर्ट में संकरन नायर पर लाइबल केस कर दिया. लाइबल केस तब किया जाता है, जब किसी के लिखे से किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है. माइकल ओ ड्वायर की मांग थी कि संकरन नायर अपने किताब से उनके खिलाफ लिखी बातें हटाएं और माफी मांगें. मगर संकरन नायर ने उनकी मांगें मानने से इन्कार कर दिया. वो लंदन गए और ये केस लड़ा. ये केस रिकॉर्ड 5 हफ्तों तक चला, जिसमें संकरन नायर को हार का सामना करना पड़ा. साथ ही उन्हें माइकल ओ ड्वायर को फाइन की रकम और केस में खर्च हुए पैसों का भुगतान करना पड़ा. असल मामला ये है.  

मगर फिल्म में न कहीं लंदन का ज़िक्र है, न माइकल ओ ड्वायर का. क्योंकि फिल्म में संकरन नायर को जनरल रेजिनाल्ड डायर के खिलाफ लड़ते दिखाया गया है. जो कि इतिहास में कभी हुआ ही नहीं. और जो लोग इस चीज़ के लिए मेकर्स की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें फिल्म के क्रिएटिव हेड सोमेन मिश्रा ने अशिक्षित करार दिया है. 

वीडियो: तारीख: कहानी शंंकरन नायर की जिनके ऊपर 'केसरी-2' मूवी बनी है

Advertisement