'दी केरला स्टोरी' वालों से हाई कोर्ट ने कहा, '32 हज़ार वाला टीज़र' हर जगह से हटाइए
केरल हाई कोर्ट ने फिल्म के टीज़र को यूट्यूब समेत सभी प्लैटफॉर्म्स से हटाने का आदेश दिया है. हालांकि कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने से इंकार किया.

Kerala High Court की डिवीजन बेंच ने The Kerala Story फिल्म विवाद पर अपना फैसला सुनाया. उन्होंने प्रोड्यूसर को सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से 'दी केरला स्टोरी' का टीज़र हटवाने का आदेश दिया है. टीज़र में ये कहा गया था कि केरल की 32 हज़ार लड़कियों का धर्मपरिवर्तन हुआ और वो आतंकवादी संगठन ISIS में शामिल हुईं. हालांकि हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ को रोकने से इंकार कर दिया है.
The Kerala Story के टीजर में जब 32 हजार लड़कियों के धर्म परिवर्तन की बात कही गई, तो इसे लेकर फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन से सवाल पूछा गया. उन्होंने एक इंटरव्यू में जवाब देते हुए कहा,
‘साल 2010 में केरल के तत्कालीन सीएम ओमन चांडी ने विधानसभा के सामने एक रिपोर्ट रखी थी. उन्होंने कहा था कि हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियां इस्लाम धर्म अपना रही हैं. बस इससे अगले 10 सालों का हिसाब लगा लें. ये संख्या 30 से 32 हज़ार होती है.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओमन चांडी ने 2010 में नहीं, बल्कि 25 जून 2012 को इस मसले पर बयान दिया था. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इस बयान का जिक्र भी है. इसमें लिखा है कि ओमन चांडी ने अपने बयान में ये नहीं बोला कि केरल में हर साल 2,667 लड़कियों का इस्लाम में धर्म परिवर्तन हुआ. उन्होंने जो आंकड़ा दिया वो करीब साढ़े छह साल का था.
यानी केरल में साढ़े छह साल में 2,667 लड़कियों ने इस्लाम धर्म अपनाया था. एक बात ये भी ध्यान देने वाली है कि महिलाओं के ISIS में शामिल होने पर ओमन चांडी ने कुछ नहीं बोला था. जब इस फिल्म का टीज़र आया, तो उसमें 32 हज़ार महिलाओं धर्मपरिवर्तन की बात थी. लेकिन बाद में ट्रेलर में इसे तीन महिलाओं की कहानी बताया गया. फिल्म ने पहले जो दावा किया था, उससे पलट गई. इसलिए इस फिल्म को लेकर विरोध हो रहा है. इसे एंटी-मुस्लिम बताया जा रहा है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इसी वजह से केरल हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के जस्टिस एन. नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस ने फिल्म के टीज़र को सभी प्लैटफॉर्म्स से डिलीट करने का आदेश दिया है. जिस पर मेकर्स ने तुरंत अमल किया. अब यूट्यूब समेत तमाम प्लैटफॉर्म्स से टीज़र हटाया जा चुका है.
फ़िल्म की रिलीज़ के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं. मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. केरल हाई कोर्ट में भी इस फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए भी पीटिशन दायर की गई थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि इस फिल्म में 32 हज़ार महिलाओं के धर्म परिवर्तन और आंतकी मिशन पर भेजे जाने की बात दिखाई गई है. जबकि असलियत में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. इसलिए टीज़र में जो बातें कही गई हैं, वो आपत्तिजनक हैं. केरल एक सांप्रदायिक सौहार्द्र वाला प्रदेश है. इस फिल्म की रिलीज़ राज्य के धर्मनिरपेक्ष आउटलुक को बर्बाद कर देगी.
याचिकाकर्ता की रिक्वेस्ट पर बेंच ने 'दी केरला स्टोरी' का ट्रेलर देखा. उसके बाद कहा कि इस फिल्म में ये कहीं नहीं कहा गया कि 'सच्ची घटना' है. बल्कि इसे 'सच्ची घटनाओं से प्रेरित' फिल्म बताया गया है. कोर्ट ने ये भी नोट किया कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने (CBFC) ने पब्लिक रिलीज़ के लिए पास कर दिया है. इसलिए वो फिल्म की रिलीज़ पर रोक नहीं लगाएंगे.
वीडियो: 'द केरला स्टोरी'को बिना रिलीज़ हुए बैन करवाने की मांग क्यों हो रही है