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  • Cannes 2024: Payal Kapadia directed All We Imagine As Light is competing for Palme d'Or in Cannes Film Festival 2024

All We Imagine As Light: ऐसा क्या है इस छोटी सी इंडियन फिल्म में, जिसकी दुनिया दीवानी हुई जा रही है?

Cannes Film Festival 2024 में 30 साल बाद कोई भारतीय फिल्म पहुंची है, जो इस फेस्टिवल के सबसे बड़े अवॉर्ड Palme D'or के लिए कंपीट कर रही है. आइए जानते हैं किस बारे में है All We Imagine As Light.

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ये फिल्म का वही स्टेथोस्कोप वाला सीन है, जिसका ज़िक्र हमने आगे स्टोरी में किया है.
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खुशी
21 मई 2024 (Updated: 21 मई 2024, 10:19 PM IST)
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फाइनली, तीस साल बाद कोई भारतीय फिल्म Cannes Film Festival (2024) के कॉम्पटिशन तक पहुंची है. फिल्म का नाम है All We Imagine as Light. Payal Kapadia ने इसे डायरेक्ट किया है. कान फिल्म फेस्टिवल 2024 में जो फिल्में कॉम्पटीशन के लिए चुनी गईं हैं, उनमें से सिर्फ 4 फिल्में ही महिलाओं ने डायरेक्ट की हैं. इनमें से एक नाम पायल कपाड़िया की फिल्म का भी है. फिल्म फेस्टिवल शुरू होने से कुछ दिन पहले Luxbox के यूट्यूब चैनल पर फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया गया है. पहली नज़र में ये ट्रेलर बड़ा कंफर्टिंग लगता है. आइए इसके बारे में बात करते हैं. 

# फिल्म की कहानी

'ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट' एक मलयालम-हिन्दी फीचर है. फिल्म में कनी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, छाया कदम, ऋधु हरूण और अज़ीस नेदुमंगड़ जैसे एक्टर्स ने काम किया है. ये दो नर्सों (प्रभा और अनु) की कहानी है. वो साथ में रहती हैं. प्रभा की शादी अरेंज्ड है. उनका पति विदेश में रहता है. वहीं दूसरी तरफ अनु, प्रभा से छोटी हैं. उसकी शादी नहीं हुई. वो एक लड़के से प्यार करती हैं. प्रभा और अनु अपनी दो दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर जाती हैं. जहां वो खुद की पहचान तलाशती हैं. एक्सप्लोर करती हैं. उन्हें आज़ादी के मायने समझ आते हैं. ये फिल्म इस समाज में महिला होने, एक महिला का जीवन और उनकी आज़ादी जैसे मसलों पर बात करती है. 

# कैसा है ट्रेलर?

‘ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट’ का ट्रेलर बड़े शांत तरीके से खुलता है. प्रभा खिड़की से पर्दा हटाती है. फिर वो एक मरीज़ का इलाज करते हुए दिखती हैं. वहीं हम मिलते हैं फिल्म की दूसरी किरदार अनु से. वो रोज़ अस्पताल से जल्दी निकलती है. ताकि अपने प्रेमी से मिल सके. प्रभा का पति विदेश में रहता है. वो अकेला महसूस करती हैं. अनु जैसी ज़िंदगी जीना चाहती है. ट्रेलर में आगे चलकर अनु, प्रभा से बड़ा ज़रूरी सवाल पूछती है, “आप एक अंजान आदमी से शादी कैसे कर सकती हैं? मैं तो कभी नहीं कर सकती”. इस लम्हें में हमें प्रभा के भीतर झांकने का मौका मिलता है. ऐसा भान होता है कि उसने ज़िंदगी में खुद से ये सवाल कभी नहीं पूछा. अनु यहीं नहीं रुकती. वो बड़ा एग्जिस्टेंशियल सवाल करती है- "क्या आपने कभी फ्यूचर के बारे में सोचा है". ऐसा लगता है कि चौथी दीवार टूट गई. और अनु का ये सवाल हमारे यानी दर्शकों के लिए है. ट्रेलर के आखिर में एक बड़ा प्यारा सीन है, जब प्रभा स्टेथोस्कोप से अपनी दिल की धड़कने सुनने की कोशिश करती है. कुल जमा बात ये है कि ‘ऑल वी इमैजिन ऐज़ लाइट’ का ट्रेलर देखकर लगता है कि ये फिल्म जीवन और उसे जीने के तरीकों पर कुछ ढंक की बात करने वाली है. 

# कान फिल्म फेस्टिवल के सबसे बड़े अवॉर्ड की रेस में है ये फिल्म 

 ‘ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट’ कान फिल्म फेस्टिवल के सबसे बड़े अवॉर्ड पाम दोर (Palm d'Or) के लिए कंपीट कर रही है. ये इस फेस्टिवल का सबसे प्रतिष्टित अवॉर्ड होता है. जो उससे साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म को मिलता है. 2023 में ये अवॉर्ड फ्रेंच थ्रिलर ‘एनाटोमी ऑफ अ फॉल’ ने जीता था. बाद में उसे बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले का ऑस्कर भी मिला. ‘ऑल वी इमैज़िन ऐज़ लाइट’ का कैन फिल्म फेस्टिवल में कंपीट करना भारत के लिए बड़े सम्मान की बात है. क्योंकि 30 साल बाद कोई भारतीय फिल्म इस अवॉर्ड के लिए कंपीट कर रही है. इससे पहले भारत से सत्यजीत रे की ‘पारश पत्थर’, ‘देवी’, ‘घरे बैरे’, मृणाल सेन की ‘खारिज’ जैसी फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल के कॉम्पटीशन का हिस्सा रह चुके हैं. 1994 में शाजी एन करुण (Shaji N. Karun) की ‘स्वाहम’ वो आखिरी भारतीय फिल्म थी, जिसने पाम दोर के लिए कंपीट किया था. अब सबकी नज़रें अब 'ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट' पर है.

# किन्होंने बनाई है ‘ऑल वी इमैजि़न ऐज़ लाइट’? 

 ‘ऑल वी इमैजि़न ऐज़ लाइट’ को पायल कपाड़िया ने डायरेक्ट किया है. ये उनकी पहली फीचर फिल्म है. साथ ही वो पहली भारतीय महिला डायरेक्टर हैं, जिनकी फीचर फिल्म इस कॉम्पटीशन में पहुंची है. पायल इससे पहले भी कान फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड जीत चुकी हैं. उन्होंने 2021 में 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' (A Night of Knowing Nothing) नाम की एक डॉक्यूमेंट्री डायरेक्ट की थी. जिसे कान फिल्म फेस्ट में 2021 में दी गोल्डन आई अवॉर्ड मिला था. ये अवॉर्ड फेस्टिवल की बेस्ट डॉक्यूमेंट्री को दिया जाता है. पायल मुंबई से हैं. उन्होंने पुणे की फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया यानी FTII फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने चार शॉर्ट फिल्म्स बनाईं. पायल की फिल्म ‘ऑल वी इमैज़िन ऐज़ लाइट’ 23 मई को कान फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित की जाएगी. देखना ये है कि ये फिल्म इंडिया में कब तक रिलीज़ होती है. 

वीडियो: क्या है कान फिल्म फेस्टिवल, जिसका हर साल भारत में शोर मचता है

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