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कोरोना: DRDO ऐसा वेंटिलेटर बना रहा है जिससे कई मरीज़ों का एक साथ इलाज हो सकेगा

DRDO के साथ मिले हैं टाटा और महिंद्रा.

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देश में कोरोना वायरस आउटब्रेक के बाद तेजी से पेशेंट बढ़े हैं. अब डीआरडीओ, टाटा और महिंद्रा मिलकर मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर पर काम कर रहे हैं. सफल हुए तो एक ही वेंटिलेटर से कई पेशेंट का इलाज किया जा सकेगा. (सांकेतिक फोटो)
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अभिषेक त्रिपाठी
29 मार्च 2020 (Updated: 29 मार्च 2020, 06:53 AM IST) कॉमेंट्स
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देश में कोरोना वायरस इंफेक्शन बढ़ने के बाद मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. आने वाले वक्त में वेंटिलेटर कम पड़ सकते हैं. इसलिए टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियां डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइज़ेशन (DRDO) के साथ आ गई हैं. ये तीनों मिलकर मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर पर काम कर रहे हैं. मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर की मदद से एक ही वेंटिलेटर पर कई मरीज़ों का इलाज साथ में किया जा सकेगा. उम्मीद की जा रही है कि ये जल्दी ही बनकर तैयार हो जाएगा, ताकि COVID-19 के केसेज़ में भी ये मदद कर सके. बिज़नेस टुडे के मुताबिक- टाटा, महिंद्रा और डीआरडीओ ने मिलकर मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर का काम काफी हद तक पूरा कर लिया है और इसके अगले एक हफ्ते में तैयार हो जाने की भी उम्मीद है. पहले हफ्ते करीब पांच हज़ार और दूसरे हफ्ते करीब 10 हज़ार वेंटिलेटर सप्लाई हो सकते हैं. डीआरडीओ की कोशिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा कॉम्पोनेंट लोकल लेवल पर ही अरेंज किए जा सकें. नौ कंपनियों को डिज़ाइन ट्रांसफर के लिए चुना गया था. महिंद्रा को अलग-अलग कॉम्पोनेंट मिलने के बाद इनके अंसेबल की ज़िम्मेदारी मिली है. एक मल्टी-पेशेंट वेंटिलेटर करीब चार लाख रुपए का पड़ेगा. पांच ऑटो कंपनियों से प्लांट मांगा गया केंद्र सरकार ने पांच ऑटोमेकर कंपनियों से कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर वे अपना प्लांट वेंटिलेटर प्रोडक्शन के काम के लिए उपलब्ध रखें. ये पांच कंपनियां हैं- टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ह्युंडई मोटर इंडिया, होंडा कार और मारुति सुजुकी इंडिया. एक अनुमान के मुताबिक भारत में अभी करीब 40 हज़ार वेंटिलेटर हैं. इसमें से सरकारी अस्पतालों के पास करीब आठ से नौ हज़ार ही हैं. केरल इस समय कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से है और वहां करीब पांच हज़ार वेंटिलेटर ही हैं. मुंबई में तो एक हज़ार से भी कम हैं. तमिलनाडु में करीब 1500 और मध्यप्रदेश में करीब 1800 वेंटिलेटर ही हैं. वेंटिलेटर गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज में उपयोगी है. यह ऐसी डिवाइस है जो फेफड़ों में हवा और ऑक्सीजन देती है. कोरोना वायरस सीधा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में वेंटिलेटर जान बचाने का काम करता है. अभी वेंटिलेटर काफी डिमांड में हैं. इसकी कीमत 5 लाख से 12 लाख रुपये तक होती है. अभी भारत अधिकतर वेंटिलेटर विदेशों से ही मंगाता है.
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