जायंट किलर कटिपल्ली वेंकट रमना रेड्डी - जिन्होंने KCR के साथ-साथ रेवंत रेड्डी को भी पटखनी दे दी
तेलंगाना की कामारेड्डी सीट पर CM केसीआर हार गए हैं. इस सीट पर KCR के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी भी खड़े हुए थे, लेकिन वो भी इस सीट से नहीं जीत सके हैं. भाजपा की खुशी का ठिकाना नहीं है.

तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly Election 2023) की कामारेड्डी (Kamareddy) सीट से मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) हार गए हैं. यहां KCR को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को उतारा था. लेकिन रेवंत रेड्डी भी हार गए हैं. फिर किसने इन दोनों कद्दावर नेताओं हराया है? वो नाम है, कटिपल्ली वेंकट रमना रेड्डी का. कटिपल्ली ने BJP की तरफ से चुनाव लड़ा.

कटिपल्ली वेंकट रमना रेड्डी को 66652 वोट मिले हैं. कटिपल्ली ने सीएम केसीआर को 6741 मतों से हराया है. दूसरे नंबर पर रहे KCR को 59911 वोट मिले हैं. तीसरे नंबर पर हैं तेलंगाना कांग्रेस प्रदेश कमिटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी. इन्हें 54916 वोट मिले हैं.

बता दें कि KCR ने कामारेड्डी के अलावा गजवेल सीट से भी चुनाव लड़ा था. इस सीट पर KCR चुनाव जीत गए हैं. उन्हें कुल 111684 वोट मिले हैं. इसी तरह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने भी कामारेड्डी के अलावा कोडंगल सीट से पर्चा भरा था. कोडंगल से रेवंत रेड्डी चुनाव जीत गए हैं. उन्हें 107429 वोट मिले हैं.
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BJP बोली- ‘तेलंगाना चुनाव के सबसे बड़े धुरंधर…’बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने रमना रेड्डी को बधाई देते हुए X पर लिखा,
कांग्रेस में थे कटिपल्ली वेंकट रमना रेड्डी"मिलिए BJP के कटिपल्ली वेंकट रमना से, जो इस चुनाव में सबसे बड़े धुरंधर हैं, जिन्होंने तेलंगाना के कामारेड्डी से मौजूदा सीएम केसीआर और होने वाले सीएम (जैसी की उम्मीद है) रेवंत रेड्डी दोनों को हराया है. BJP न सिर्फ लोकसभा में बड़ी जीत हासिल करेगी, बल्कि अगली बार तेलंगाना में भी सत्ता में आएगी."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कटिपल्ली वेंकट रमना रेड्डी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. 2004 में आंध्र प्रदेश में वाई एस राजशेखर रेड्डी (YSR) सरकार के दौरान तत्कालीन निज़ामाबाद जिले में मंडल परिषद के सदस्य चुने गए थे. इसके बाद जिला परिषद के सदस्य बने. उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया.
YSR के निधन के बाद, रमना रेड्डी स्थानीय कांग्रेस नेतृत्व से अलग हो गए और 2014 के विधानसभा चुनावों में TRS (अब जिसका नाम BRS) का समर्थन किया. बाद में, BRS की ओर से उन पर एक पार्टी कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा. इस विवाद के बाद 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, वो BJP में शामिल हो गए. उन्होंने तब कामारेड्डी सीट से ही चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर रहे थे. और इस बार 2023 के चुनाव में वेंकट रमना ने दो दिग्गजों KCR और रेवंत रेड्डी को मात दी है.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद केसीआर की पार्टी BRS (भारत राष्ट्र समिति) सूबे में अपनी जमीन खो चुकी है. इस खबर के लिखे जाने तक 119 सीटों वाले तेलंगाना में कांग्रेस ने 64 सीटों पर बढ़त बना ली है, 61 सीटें जीत ली हैं और 3 सीटों पर लीड कर रही है. वहीं BRS ने 39 सीटों पर बढ़त बनाई है, 33 सीटें जीत चुकी है और 6 सीटों पर लीड कर रही है. BJP ने यहां 8 सीटों पर जीत दर्ज की है. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को यहां 5 सीटों पर जीत मिल चुकी है और 2 सीटों पर लीड कर रही है. वहीं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 1 सीट मिली है.
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