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कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया, प्रस्तावक पहुंचे ही नहीं

Loksabha Polls 2024 के बीच गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है.

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Nilesh Kumbhani nomination cancelled
नीलेश कुंभानी को चुनाव लड़ने से रोकने पर कांग्रेस गुजरात HC जाएगी. (फोटो- X, @NileshKumbhan100)
21 अप्रैल 2024 (Updated: 22 अप्रैल 2024, 23:36 IST)
Updated: 22 अप्रैल 2024 23:36 IST
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गुजरात में सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुंभानी (Nilesh Kumbhani) का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया गया है. जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर सौरभ पारघी ने इसे 21 अप्रैल को रद्द किया है. बताया जा रहा है कि कुंभानी के नामांकन के लिए जो तीन प्रस्तावक सामने आए थे. उनके डॉक्यूमेंट में 'गड़बड़ी' पाई गई है.

चुनाव अधिकारी ने जांच में क्या पाया?

जिला चुनाव अधिकारी सौरभ पारघी (Saurabh Parghi) ने भारी पुलिस सुरक्षा के बीच अपने ऑफिस में प्रस्तावकों के डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पहले प्रस्तावक रमेश पोलरा के सिग्नेचर की जांच सेल डीड के आधार पर की गई. दूसरे प्रस्तावक जगदीश सावलिया का ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर और तीसरे प्रस्तावक धमेलिया के सिग्नेचर का सत्यापन पैन कार्ड के आधार पर किया गया. जांच पूरी होने के बाद नामांकन पत्र पर प्रस्तावकों के जो सिग्नेचर हैं उसमें गड़बड़ी की बात सामने आई. इसके बाद जिला चुनाव अधिकारी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 36(2) के तहत नामांकन को खारिज कर दिया.

प्रस्तावक पेश करने में असफल

नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख के एक दिन बाद 20 अप्रैल को, बीजेपी के दिनेश जोधानी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुंभानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद चुनाव अधिकारी ने कुंभानी को समर्थकों के साथ पेश होने के लिए एक दिन का समय दिया था. लेकिन ये मुमकिन नहीं हो पाया. आज तक से जुड़े अतुल तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक निलेश कुंभानी ने बताया,

मेरी सुबह प्रस्तावकों से बात हुई थी, उन्होंने कहा था कि 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, हमें उम्मीद थी वो आएंगे लेकिन सभी के फोन बंद है. सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं. 

गुजरात HC का रुख करेगी कांग्रेस

कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने आरोप लगाया कि हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है.  चुनाव अधिकारी को फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए. वहीं दूसरी तरफ नीलेश कुंभानी को चुनाव लड़ने से रोके जाने पर कांग्रेस ने गुजरात हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है.  कांग्रेस के एक नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस घटना के पीछे एक साजिश थी. बोले,

पाटीदार और क्षत्रिय वोट कांग्रेस के पास आ रहे हैं क्योंकि वे भाजपा से नाराज हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में हमें बढ़त हासिल थी. इसलिए ऐसा किया गया.

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हालांकि सूरत से बीजेपी अध्यक्ष निरंजन जजमेरा ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अगर उनके पास इसका कोई सबूत है, तो पेश करना चाहिए. ये कांग्रेस उम्मीदवार ही हैं जिन्होंने अपने प्रस्तावकों के जाली हस्ताक्षर किए थे. मालूम हो कि बीजेपी ने इस बार सूरत से केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश की जगह मुकेश दलाल को अपना उम्मीदवार चुना है.

वीडियो: सूरत के भाजपा उपाध्यक्ष पर दो अख़बारों के प्रिंट सर्कुलेशन की गिनती में घपला करने का आरोप

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