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मिल्कीपुर उपचुनाव नतीजे: सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हारे, BJP के चंद्रभानु पासवान ने दी शिकस्त

Milkipur By Polls Result Updates: Samajwadi Party ने Faizabad सासंद Awadhesh Prasad के बेटे Ajit Prasad को चुनावी मैदान में उतारा. वहीं, Chandrabhanu Paswan BJP से उम्मीदवार थे, जो अब विधायक बन गए हैं.

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मिल्कीपुर की दिलचस्प जंग में BJP को जीत. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
8 फ़रवरी 2025 (Updated: 8 फ़रवरी 2025, 04:48 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur By Election Result) पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चंद्रभानु पासवान (Chandrabhanu Paswan) को जीत मिली. वहीं, फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) के बेटे और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) को हार. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक़, चंद्रभानु को 1,46,397 और अजीत को 84,687 वोट मिले हैं. यानी जीत-हार का अंतर पचास हज़ार के वोटों को पार कर गया.

बता दें, अवधेश प्रसाद के विधायक पद से इस्तीफ़े के बाद ये सीट खाली हुई थी. ये सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. मिल्कीपुर विधानसभा सपा का गढ़ मानी जाती रही है. लेकिन अब ये गढ़ भेदने में BJP कामयाब हो गई है.

आंकड़ों के मुताबिक़, मिल्कीपुर सीट पर क़रीब 3.60 लाख मतदाता हैं. जिनमें 1.25 लाख दलित मतदाता (जिनमें से 65,000-70,000 पासी समुदाय से हैं), 60,000-65,000 ब्राह्मण और 50,000-55,000 यादव शामिल हैं. चौरसिया, मौर्य, विश्वकर्मा और चौहान जैसे ओबीसी समुदायों में क़रीब 30,000 मतदाता हैं. जबकि मुस्लिम और ठाकुर मतदाता क्रमशः 30,000 और 18,000 हैं.

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यहां मुख्य मुकाबला अजीत प्रसाद और चंद्रभानु पासवना के बीच था. हालांकि, आजाद समाज पार्टी ने आख़िर समय में सूरज चौधरी को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसका कुछ ख़ासा असर दिखा नहीं. बता दें, सूरज चौधरी पहले सपा में ही थे और फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के क़रीबी माने जाते थे.

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चंद्रभानु पासवान के लिए प्रचार के दौरान BJP के बड़े नेता. (फ़ोटो - PTI)

बताते चलें, दोनों ही पार्टियों के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था. राम मंदिर बनने के बाद भी जब जब यहां से सपा के अवधेश प्रसाद अयोध्या से सांसद बने, तो इस पर ख़ूब सवाल उठे. ऐसे में अब जब विधानसभा के उपचुनाव हुए, तो व्यापक प्रचार अभियान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मैदान में उतरे. अक्टूबर से वोटिंग के दिन यानी 5 फ़रवरी तक योगी यहां 8 से ज़्यादा बार पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई सरकारी कार्यक्रम और जनसभाएं कीं.

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अजीत प्रसाद के लिए चुनावी प्रचार करतीं सांसद डिंपल यादव और सांसद प्रिया सरोज. (फ़ोटो - PTI)

वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी प्रचार के लिए पहुंचे थे. बीते दिनों जब समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर उपचुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और बाहर के वोटरों को बुलाकर फर्जी वोटिंग के साथ बुर्का हटाकर मतदाताओं की चेकिंग का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने इसे लेकर अयोध्या प्रशासन और चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया.

उपचुनाव में इस बार 65 फ़ीसदी से ज़्यादा वोटिंग हुई है. 2022 के विधानसभा चुनाव में 60 फ़ीसदी से कम वोटिंग हुई थी. आजतक से जुड़े कुमार अभिषेक अपने एक विश्लेषण में बताते हैं कि इस बंपर वोटिंग के बाद BJP नेताओं के चेहरे खिले गए. बताया जाता है कि BJP ने इस चुनाव में जमीन पर उतरकर वोटरों पर अपनी पैठ बिठाई. चाहे जातियों का समीकरण हो या फिर बूथ प्रबंधन. चाहे अपने रूठे नेताओं को मनाना हो या अपने वोटरों को बूथ तक ले जाना.

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