जोधपुर: राजस्थान सीएम के बेटे बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए हैं
हारे, और तगड़े मार्जिन से हारे हैं.
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गजेंद्र सिंह शेखावत और वैभव गहलोत. जोधपुर में दोनों पार्टियों ने जबरदस्त प्रचार किया था और एक-दूसरे के प्रचार पर सवाल उठाए थे.
सीट का नामः जोधपुर, राजस्थानप्रमुख प्रत्याशीः गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा), वैभव गहलोत (कांग्रेस)
नतीजा: गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा) ने तकरीबन 2 लाख 74 हजार वोट से वैभव गहलोत (कांग्रेस) को हरा दिया है.

सोर्स: इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया वेबसाइट
2014 का नतीजाः
गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा) - 7,13,515 (66.08 %) चंद्रेश कुमारी (कांग्रेस) - 3,02,031 (28.10 %) जीत का अंतर - 4,11,484
जोधपुर मारवाड़ की सांस्कृतिक राजधानी है. हाल की राजनीति में तारीफ ये कि सूबे के सीएम अशोक गहलोत का घर यहीं है. बावजूद इसके मोदी लहर में जोधपुर ने गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी मार्जिन से जिताया. शेखावत को दिल्ली वाली भाजपा में पसंद किया जाता है तो मंत्री पद भी है. लेकिन राजस्थान के बारे में एक बात किंवदंती ये भी है कि वहां वसुंधरा के अलावा किसी और नेता का मज़बूत होना मुश्किल होता है. लेकिन शेखावत को टिकट मिला है. उनकी समस्या इस बार ये है कि अशोक गहलोत ने अपने बेटे को चुनावी राजनीति में लॉन्च करने के लिए जोधपुर को चुना है. गहलोत ने प्रचार में कोई कमी नहीं की है. मोदी ने कहा कि गहलोत बेटे के प्रचार में लगे हुए हैं तो गहलोत ने कह दिया कि पलटकर कह दिया,
''कौन बाप अपने बेटे के लिए प्रचार नहीं करता, उन्होंने तो कभी परिवार चलाया नहीं''
गजेंद्र सिंह को दो चीज़ों का सहारा है. पहली उनकी लीड, दूसरी ये बात कि जनता ने वैभव को पहली बार ही मैदान पर पसीना बहाते हुए देखा है. जोधपुर शहर का पुराना इलाका मज़बूती से वैभव के साथ खड़ा है. इसी तरह की उम्मीद गजेंद्र सिंह को ग्रामीण वोटर से है. कांग्रेस को इस सीट पर भाजपा की तरफ से कमज़ोर प्रचार की उम्मीद थी. क्योंकि कांग्रेस की तरफ से झालावाड़ में वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत के खिलाफ मज़बूत कैंडिडेट खड़ा नहीं किया गया. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.वीडियोः जोधपुर के बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत से चुनावी बातचीत (Interview)

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