बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, प्रशांत किशोर ने खुद बता दिया है
चर्चा थी कि Prashant Kishore राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने पहले भी कई बार कहा था कि अगर वो लड़े तो Raghopur Vidhansabha Seat से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन Jan Suraj की ओर से इस सीट पर चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.

बिहार के चुनावी मैदान (Bihar Assembly Elections) में इस बार एक नई पार्टी मैदान में है. ये चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) के नेतृत्व में बनी पार्टी 'जन सुराज' (Jan Suraaj) है. काफी समय से ये अटकलें चल रहीं थीं कि पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर खुद चुनाव लड़ेंगे या नही. लड़ेंगे तो किस सीट से लड़ेंगे? और किसके खिलाफ लड़ेंगे? अब प्रशांत किशोर ने खुद बता दिया है कि वो 2025 का बिहार विधनसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. चुनाव न लड़ने के पीछे की वजह भी उन्होंने खुद बताई है. तो जानते हैं, क्या कहा है उन्होंने.
मैं बाकी कैंडिडेट्स के लिए काम करूंगाये चर्चा थी कि प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने पहले भी कई बार कहा था कि अगर वो लड़े तो राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन जन सुराज की ओर से इस सीट पर चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. ऐसे में ये कहा जा रहा था कि प्रशांत किशोर किसी और सीट से भी पर्चा भर सकते हैं. लेकिन 15 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने अपने चुनाव न लड़ने पर जानकारी देते हुए मीडिया को बताया
पार्टी ने निर्णय लिया है कि मेरे पास पहले से जो काम है, अगर इसी को अच्छे से कर लूं तो ये काफी है. अगर मैं चुनाव लड़ने जाऊंगा तो जो भी 4-5 दिन का नुकसान होगा, उससे जन सुराज के कई प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता है.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी पार्टी में जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है, मैं उसी जिम्मेदारी को निभाता रहूंगा.
नीतीश कुमार की 10 हजार वाली योजना को बताया था सरकारी ‘रिश्वत’प्रशांत किशोर चुनाव भले न लड़ें, लेकिन जन सुराज का सबसे मुख्य चेहरा वही हैं, इसमें कोई शक नहीं है. दो दिन पहले ही उन्होंने तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में जनसभा की थी. राघोपुर में प्रशांत किशोर ने दावा किया कि इतने सालों से राघोपुर से लोग चुनाव जीत रहे हैं. पीके के अनुसार राघोपुर से जीतने वाले लोग और उनके बच्चे बिहार के शासक बन गए, लेकिन यहां के बच्चे आज भी उसी हालत में हैं. किशोर ने दावा किया कि राघोपुर में बाढ़, कटाव, जलभराव और स्कूलों-कॉलेजों की कमी जैसी समस्याएं दशकों से जस की तस हैं. उन्होंने कहा कि ये कोई नई समस्या नहीं हैं. और अगर इतना कुछ झेलने के बाद भी आप उन्हीं नेताओं को वोट देते हैं जो इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं, तो ऐसे ही कष्ट सहने के लिए तैयार रहिए.
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