नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले महिलाओं को 10 हजार दिए, PK बोले- ' ये सरकारी घूस है'
Jan Suraj के संस्थापक Prashant Kishore ने कहा कि NDA और Mahagathbandhan पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर Nitish Kumar और BJP सत्ता में आए तो अभी की तरह ही बिहार में भ्रष्टाचार जारी रहेगा. अगर Lalu Yadav के लिए वोट करेंगे तो बिहार में मर्डर, लूट, अपहरण और बदहाल कानून व्यवस्था फिर से आएगी.

'अगर ऐसे वोट करेंगे तो बिहार के लोगों के लिए कुछ नहीं बदलेगा'. जन सुराज (Jan Suraaj) के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने बिहार चुनाव (Bihar Elections) के मद्देनजर जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की महिलाओं को '10 हजार' देने वाली योजना पर निशाना साधा. उन्होंने नीतीश कुमार की इस योजना को वोट पाने के लिए दी गई 'सरकारी घूस' बताया है. प्रशांत किशोर बिहार के राघोपुर (Raghopur Vidhansabha Seat) में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. बता दें कि बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) इसी सीट से विधायक हैं.
प्रशांत किशोर ने इस जनसभा में बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए और तेजस्वी यादव के महागठबंधन; दोनों को आड़े हाथों लिया. प्रशांत किशोर ने कहा
अगर लोग अपना वोटिंग पैटर्न नहीं बदलते हैं तो कुछ नहीं बदलेगा. चाहे तेजस्वी आएं या प्रशांत किशोर आएं, आपकी जिंदगी नहीं सुधरेगी. प्रशांत किशोर अगर सत्ता में आ भी जाएं, तो भी कुछ नहीं बदलेगा. असली बदलाव तभी होगा जब आप अपने वोट करने के तरीके को बदलेंगे, जब आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए, रोजगार के लिए और बाढ़ और कटाव के खिलाफ वोट करेंगे जो आपके जीवन को कष्ट देते हैं. लोग कहते हैं कि कटाव एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन अगले दिन वे 500 रुपये के लिए वोट देते हैं. ऐसे में कटाव कैसे ठीक होगा? अगर आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए, रोजगार के लिए, विकास के लिए वोट नहीं करेंगे, तो बदलाव कैसे आएगा?
प्रशांत किशोर ने राघोपुर से जीत रहे विधायकों, खासकर तेजस्वी यादव पर नाम लिए बिना ही निशाना साधा. उन्होंने कहा
राघोपुर एक विधायक नहीं, एक राजा चुनता है. पिछले 30 सालों से यहां के लोग बिहार के शासकों को चुनते आ रहे हैं. और फिर भी, वही कुशासन और पिछड़ापन बना हुआ है. राघोपुर के बच्चे आज भी उसी हालत में जी रहे हैं जैसे 30-40 साल पहले थे.
राघोपुर में प्रशांत किशोर ने दावा किया कि इतने सालों से राघोपुर से लोग चुनाव जीत रहे हैं. पीके के अनुसार राघोपुर से जीतने वाले लोग और उनके बच्चे बिहार के शासक बन गए, लेकिन यहां के बच्चे आज भी उसी हालत में हैं. किशोर ने दावा किया कि राघोपुर में बाढ़, कटाव, जलभराव और स्कूलों-कॉलेजों की कमी जैसी समस्याएं दशकों से जस की तस हैं. उन्होंने कहा कि ये कोई नई समस्या नहीं हैं. और अगर इतना कुछ झेलने के बाद भी आप उन्हीं नेताओं को वोट देते हैं जो इस अव्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार हैं, तो ऐसे ही कष्ट सहने के लिए तैयार रहिए.
नीतीश कुमार आए तो भ्रष्टाचार, महागठबंधन आया तो अपराधप्रशांत किशोर ने अपने दोनों राजनीतिक विरोधियों, एनडीए और महागठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार और भाजपा सत्ता में आए तो अभी की तरह ही बिहार में भ्रष्टाचार जारी रहेगा. एक ऐसी सरकार बनेगी जहां नीतीश कुमार लगभग गायब रहेंगे और उनके आसपास के लोग बिहार को लूटते रहेंगे. वहीं पीके ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लालू यादव के महागठबंधन को घेरा.
उन्होंने कहा कि अगर लालू यादव के लिए वोट करेंगे तो बिहार में मर्डर, लूट, अपहरण और बदहाल कानून व्यवस्था फिर से आएगी. अगर वो आए तो आप शिकायत मत करिएगा. लालू-नीतीश का राज देखा, अब एक नया विकल्प आजमा कर देखें . किशोर ने कहा कि लोगों का वोट उनका अपना फैसला है, फिर भी उन्होंने लोगों को 'परिणामों के लिए तैयार रहने' की चेतावनी दी. उन्होंने कहा
आपने देखा है कि नीतीश कुमार की सरकार का क्या मतलब है. आपने देखा है कि लालू यादव का शासन कैसा था. अब एक बार कुछ नया करके देखिए. मेरे लिए नहीं, बल्कि अपने और अपने बच्चों के लिए.
जन सुराज को तीसरे विकल्प के रूप में पेश करते हुए, किशोर ने कहा कि अगर आप एक नई व्यवस्था चाहते हैं, अगर आप अपने बच्चों के लिए रोज़गार और शिक्षा चाहते हैं, अगर आप बाढ़, रिश्वत और पिछड़ेपन को खत्म करना चाहते हैं, तो जन सुराज को आजमाएं. पीके ने कहा कि अगर आप कोशिश करेंगे, तो यह आपके पक्ष में काम करेगा. अगर नहीं, तो हालात ऐसे ही चलते रहेंगे.
चुनाव की वजह से बांट रहे पैसासरकार की ओर से कल्याणकारी योजनाओं के भुगतान में हालिया बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए किशोर ने दावा किया कि ये चुनाव से प्रेरित थे. वो कहते हैं कि बीस सालों में वृद्धावस्था पेंशन में 10 रुपये भी नहीं बढ़े, यह 400 रुपये पर ही रही. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं, तेजस्वी यादव भी तीन साल उप-मुख्यमंत्री रहे. अब यह अचानक 1,100 रुपये कैसे हो गया? ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों के पास अब विकल्प है. जन सुराज ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन प्रतिस्पर्धा के डर से सरकार ने यह कदम उठाया है.
जन सुराज के संस्थापक ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा दिए जा रहे 10 हजार रुपये आधिकारिक तौर पर घोषित रिश्वत हैं. वे इसे दे रहे हैं और कह रहे हैं, ‘हमें वोट दो’. यह एक आधिकारिक रिश्वत है. किशोर ने आगे कहा
पैसे ले लो, लेकिन समझ लो कि 10,000 रुपये से तुम्हारी जिंदगी नहीं सुधरेगी. असली बदलाव तो तुम्हारे बच्चों के लिए रोजगार और शिक्षा से ही आएगा.
उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि अगर वे 10 हजार रुपये में अपना वोट बेचते हैं तो भविष्य में सरकारी सेवाओं के लिए उनसे और भी बड़ी रिश्वत मांगी जा सकती है.
वीडियो: चुनाव यात्रा: तेजस्वी यादव पर निजी हमले की वजह, जन सुराज की चुनावी स्ट्रैटेजी, प्रशांत किशोर ने सब बता दिया