पर्रिकर सरकार में डिप्टी सीएम रहे विजय सरदेसाई फतोरदा सीट से जीते कि हार गए?
बीजेपी के दामोदर जी नाइक से था विजय सरदेसाई का मुकाबला.

"प्रिय फातोर्देकर्स, आपने मुझ पर जो अपार विश्वास जताया है और मुझे तीसरी बार विधानसभा में आपका प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्रदान किया है. मेरे पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं. हमेशा की तरह हम भविष्य का एक साथ सामना करेंगे और फतोरदा और गोवा को आगे ले जाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. शुक्रिया"
Dear Fatordekars,Words fail to express my gratitude for the immense trust you’ve placed in me and for giving me the privilege to represent you in the Assembly for the 3rd time. As always we’ll face the future together & continue our fight to take Fatorda & Goa forward. Thank you pic.twitter.com/k5FmJ4sfEW
— Vijai Sardesai (@VijaiSardesai) March 10, 2022
पिछली बार भी था कांटे का मुकाबला
पिछले चुनाव में भी दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला था. 2017 के चुनाव में विजय सरदेसाई ने दामोदर नाइक को 1334 वोटों से हरा दिया था. तब सरदेसाई को 45.65 प्रतिशत वोट मिले थे. इस सीट पर गोवा फॉरवार्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई का मुकाबला बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी दामोदर नाइक से था. विजय सरदेसाई गोवा सरकार में मंत्री रह चुके है. वहीं दामोदर नाइक दो बार विधायक रह चुके हैं. दामोदर 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जीत दिलाने में सफल रहे थे. आम आदमी पार्टी ने संदेश तेलेकर को मैदान में उतारा था तो AITC ने सियोउला अविलिया वास को टिकट दिया था.फतोरदा को फतह करने की लड़ाई!
पिछले चुनाव में इस सीट पर चुनाव लड़ते हुए विजय सरदेसाई ने दामोदर जी नाइक को हराया था. तब उन्होंने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद विजय सरदेसाई को पर्रिकर सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वह 19 मार्च 2019 से लेकर 13 जुलाई 2019 तक गोवा के उपमुख्यमंत्री भी रहे थे. उपमुख्यमंत्री रहते हुए विजय सरदेसाई का एक बयान वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने कहा था कि कभी-कभी चीजों को हासिल करने के लिए आक्रामकता की आवश्यकता होती है. गोवा में स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का मुद्दा काफी बड़ा है. इसे लेकर सरदेसाई ने कहा था कि अगर राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने से जुड़े प्रावधान को कमजोर किया जाता है, तो उनकी गोवा फॉरवर्ड पार्टी युवाओं को 'हथियार' थमाएगी.ऐसा है फतोरदा का चुनावी इतिहास!
इस सीट को 1984, 1989, 1994 और 1999 में कांग्रेस ने जीता था. भाजपा के दामोदर नाइक ने 2002 और 2007 में फतोरदा पर कब्जा किया. लेकिन, 2012 में उन्हें विजय सरदेसाई के हाथों हार का सामना करना पड़ा. विजय ने कांग्रेस छोड़कर एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. बाद में सरदेसाई ने अपनी पार्टी बनाई - गोवा फॉरवर्ड पार्टी. जीएफपी ने इस चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है और फतोरदा सहित तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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