The Lallantop
Advertisement

कांग्रेस का घोषणापत्र 2019 से कितना अलग? 'गरीबों के लिए 72 हजार' वाली स्कीम गायब

Congress Manifesto में तमाम नए वादे किए गए हैं. Electoral Bonds की तस्वीर छापकर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया है.

Advertisement
Congress Manifesto
कांग्रेस ने 5 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया. (India Today)
font-size
Small
Medium
Large
5 अप्रैल 2024 (Updated: 5 अप्रैल 2024, 23:31 IST)
Updated: 5 अप्रैल 2024 23:31 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस बार के मैनिफेस्टो का नाम है 'न्यायपत्र'. पूरे घोषणापत्र को 10 बिंदुओं में बांटा गया है. जैसे युवा न्याय, महिला न्याय, किसान. इस तरह के 10 न्याय के वादे किए गए हैं. ‘न्याय’ शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस ने 2019 के घोषणा पत्र में भी किया था. पिछले चुनाव में वेल्फेयर योजना के तहत कांग्रेस ने 'न्यूनतम न्याय योजना' का वादा किया था. पर इस बार के न्यायपत्र में ये वाला 'न्याय' नहीं है.

ऐसे कई वादे हैं जो पिछली बार किए गए थे. लेकिन इस बार के घोषणापत्र में नहीं हैं. कई नए वादे भी हैं जो पिछली बार से अलग हैं. आइए एक-एक करके नज़र डालते हैं.

न्यूनतम न्याय योजना

2019 में कांग्रेस के घोषणापत्र का सेलिंग प्वाइंट यही वादा था. गरीबों को हर महीने के हिसाब से 6 हजार रुपये. यानी साल में 72 हजार रुपये. कांग्रेस ने नारा दिया था 'गरीबी पर वार, 72,000'. इस योजना के तहत देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को साल में 72 हजार रुपये का 'न्याय' देने का वादा किया गया.

पर इस बार कांग्रेस के घोषणापत्र में न्यूनतम न्याय योजना का नाम भी नहीं है.

नौकरी

2019 में कांग्रेस ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियों को अपनी पहली प्राथमिकता बनाने का वादा किया था. पार्टी ने कहा था कि मार्च 2020 से पहले केंद्र सरकार की सभी 4 लाख रिक्तियों को भरने और राज्य सरकारों की अपनी 20 लाख रिक्तियों को भरा जाएगा. इस योजना के तहत हर ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय में अनुमानित 10 लाख नए सेवा मित्र पद बनाने का वादा किया गया था.

2014 में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के अधीन 30 लाख नौकरियां देने का वादा किया है. साथ ही 25 साल से कम उम्र के स्नातक और डिप्लोमा धारकों के लिए निजी या सरकारी क्षेत्र में एक साल के लिए अप्रेंटिस कराने का कानून बनाने का वादा किया गया है.

किसान

2019 में कांग्रेस ने वादा किया था कि वह हर साल एक अलग "किसान बजट" पेश करेगी. साथ ही पार्टी ने कृषि विकास और योजना पर एक स्थायी राष्ट्रीय आयोग लाने का भी वादा किया था.

2024 के घोषणापत्र में कांग्रेस ने फसलों की MSP स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक देने का वादा किया है. इस बार भी एक आयोग बनाने की बात कही गई है. इस बार कृषि वित्त एक स्थायी आयोग का वादा किया गया है जो समय-समय पर कृषि कर्ज की सीमा और कर्ज से राहत की आवश्यकता पर रिपोर्ट देगा.

स्वास्थ्य

पिछली बार कांग्रेस ने राइट टू हेल्थकेयर का वादा किया था. सबके लिए मुफ्त इलाज की गारंटी दी थी. कहा था कि स्वास्थ्य पर 2023-24 तक जीडीपी का 3 प्रतिशत खर्च किया जाएगा.

2024 में कांग्रेस ने अस्पतालों की स्थिति सुधारने, और हर नागरिक को मुफ्त इलाज, दवा और सर्जरी जैसी सुविधाएं देने का वादा किया है. राजस्थान में गहलोत सरकार ने चिरंजीवी योजना लागू की थी. जिसके तहत गरीबों को कैशलेस इलाज के लिए बीमा दिया गया था. कांग्रेस ने उसी को देशभर में लागू करने की बात कही है. पार्टी ने कहा है कि देश के किसी भी अस्पताल में 25 लाख तक का मुफ्त इलाज कराने के लिए राजस्थान की तर्ज पर योजना लागू की जाएगी.

GST 

2019 में कांग्रेस ने GST में बदलाव करने का वादा किया. अपने घोषणापत्र में "GST 2.0" का प्रस्ताव किया. जिससे GST को सरल बनाया जाएगा. कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा, "हम पंचायतों और नगर पालिकाओं को GST राजस्व का हिस्सा देने का भी वादा करते हैं."

GST को लेकर इस बार भी कांग्रेस ने GST 2.0 लाने की बात कही है. यह भी कहा है कि GST काउंसिल को दोबारा डिजाइन किया जाएगा. कृषि क्षेत्र को GST से बाहर करने का वादा किया है. इसके अलावा केंद्र और राज्यों में कर के बंटवारे में पारदर्शिता लाने की बात कही गई है.

महिला आरक्षण

पिछले चुनाव के घोषणापत्र में कांग्रेस ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था. लेकिन ये काम नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरा कर दिया. केंद्र सरकार ने तीन दिन का विशेष सत्र बुलाकर 19 सितंबर, 2023 को महिला आरक्षण बिल पास कर दिया.

इस बार कांग्रेस ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत किया है. साथ ही गरीब महिलाओं के लिए बड़ा वादा किया है. कांग्रेस ने कहा कि गरीब महिलाओं के खाते में एक लाख सालाना दिए जाएंगे.

इन सबके अलावा कांग्रेस ने इस बार के घोषणापत्र में सामाजिक न्याय को सबसे ऊपर जगह दी है. पार्टी ने आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना की बात कही है. साथ ही देश में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात कही है.

कांग्रेस के घोषणापत्र में एक और बात गौर करने लायक है. उसने कई राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा. लंबे समय से राहुल गांधी भी OPS की तरफदारी करते रहे हैं. लेकिन आज लोकसभा के लिए जारी हुए घोषणापत्र में कांग्रेस ने OPS का जिक्र तक नहीं किया है.

thumbnail

Advertisement

Advertisement