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'बाहुबलियों के गुरु' कहे जाने वाले काली पांडे ने लगातार चुनाव हारने का रिकॉर्ड बनाया!

गोपालगंज की कुचायकोट सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे काली.

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काली पांडे सांसद भी रह चुके हैं और विधायक भी. बाहुबली तो रहे ही हैं. फोटो साभार- Twitter
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Varun Kumar
11 नवंबर 2020 (Updated: 11 नवंबर 2020, 01:26 PM IST)
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बिहार का एक जिला है गोपालगंज. यहां की कुचायकोट सीट से चुनाव मैदान में उतरे काली पांडे हार गए. अब आप कहेंगे कि ये कौन-सी बड़ी खबर है. दरअसल, काली पांडे कोई छोटी-मोटी शख्सियत नहीं हैं. उन्हें बिहार के तमाम बाहुबलियों का गुरु माना जाता है. बल्कि कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि 80 के दशक में पूरे उत्तर भारत में जो सबसे बड़े बाहुबली थे, काली पांडे को उनमें गिना जाता था. 1987 में एक फिल्म आई थी 'प्रतिघात'. एन. चंद्रा की इस फिल्म के विलेन का नाम था काली प्रसाद. ऐसा कहा जाता है कि उस किरदार की प्रेरणा असल जिंदगी के काली पांडे थे. ये कितना सच है, कोई नहीं जानता. लेकिन गोपालगंज में सब ये जरूर जानते हैं कि काली पांडे को कोई हल्के में नहीं ले सकता. 2015 में उन्होंने जो हलफनामा चुनाव आयोग को दिया था, उसके मुताबिक उन पर आठ मामले दर्ज हैं. काली पांडे सांसद भी रहे हैं और विधायक भी. बाहुबली तो रहे ही हैं. लेकिन उनकी जिंदगी में एक दौर वो भी था, जब वो टीचर बनना चाहते थे. 'लल्लनटॉप' के साथ हाल ही में हुई बातचीत में उन्होंने बताया था कि वो टीचर ही बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत उन्हें राजनीति में खींच लाई. https://www.youtube.com/watch?v=snw2VRflkkg इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब देश में लोकसभा चुनाव हुए, तब कांग्रेस के लिए एक लहर थी. लेकिन उस लहर में भी काली पांडे ने कांग्रेस उम्मीदवार को हरा दिया था और चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए थे. कुछ वक्त बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस के बाद वो लालू यादव की आरजेडी के साथ हो गए. इसके बाद वो एलजेपी में पहुंच गए. एलजेपी में उनका मन बहुत दिन नहीं लगा और आखिरकार वो फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए. लगातार दूसरा चुनाव हारे हैं काली इस बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर कुचायकोट सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. उनके खिलाफ जीत दर्ज कराई है अमरेंद्र कुमार पांडे ने, जिनको 74,359 वोट मिले. काली पांडे को 53,729 वोट मिले. साल 2015 में भी अमरेंद्र कुमार पांडे ने काली पांडे को हरा दिया था. उस वक्त काली एलजेपी में थे. हार-जीत का अंतर रहा था 3,562 वोटों का. माने लगातार दो बार काली पांडे कुचायकोट विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं. हालांकि विजेता बने अमरेंद्र कुमार पांडे को भी बाहुबली ही माना जाता है. अब काली पांडे भी यही सोच रहे होंगे कि आखिर लगातार दूसरी बार वो चुनाव क्यों हारे?

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