परिवार में विवाद के बीच लालू यादव बोले, 'तेजस्वी भविष्य का नेता, वही पार्टी चलाएगा'
RJD ने बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस बैठक में राजद सुप्रीमो Lalu Yadav ने Tejashwi Yadav के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. बैठक में तेजस्वी को सर्वसम्मति से राजद के विधायक दल का नेता चुना गया.

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) ने परिवार में छिड़े घमासान के बीच छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व पर मुहर लगाई है. राजद के विधायकों की बैठक में तेजस्वी को विधायक दल का नेता चुना गया. बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद लालू यादव ने तेजस्वी का समर्थन किया. और उन्हें 'भविष्य का नेता' बताया.
पटना में 17 नवंबर को राजद के विधायक दल की बैठक हुई जिसमें 25 जीते विधायकों के अलावा हारे हुए 119 प्रत्याशी भी शामिल हुए. इस मौके पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी मौजूद रही. बैठक में राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा. फिर विधायक आलोक मेहता ने औपचारिक रूप से बैठक में प्रस्ताव पास किया जिसे आम सहमति से पारित कर दिया गया.
तेजस्वी ही पार्टी चलाता आया है, आगे भी वही चलाएगातेजस्वी यादव ने बैठक में पहले तो पार्टी का नेता पद छोड़ने की बात की. उन्होंने जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने का जिक्र करते हुए कहा,
हम उन्हें रखना चाहते थे तो उनको हटाने के लिए मुहिम चलाई गई. जो मेरे साथ रहता है उसे हटाने की प्रायोजित मुहिम चलाई जाने लगती है. हमें पार्टी के काम में आजादी चाहिए.
इशारों-इशारों में तेजस्वी 'रोहिणी आचार्य प्रकरण' का नाम लिए बिना विधायकों को संबोधित कर रहे थे. नेता पद छोड़ने की इच्छा जताने पर सभी विधायक और नेता विरोध करने लगे. इसके बाद लालू यादव ने कहा,
तेजस्वी बहुत मेहनत कर रहा है. वही पार्टी चलाता आया है, आगे भी तेजस्वी ही चलाएगा. फिर सभी शांत हुए.
तेजस्वी यादव ने विधायक दल की बैठक में कहा कि जो चुनाव परिणाम आए हैं, उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी. उन्होंने बताया,
चुनाव की समीक्षा में हमने एक-एक सीट का फीडबैक लिया. कम अंतर से हारी सीटों के बारे में पूछा. हमने अपने प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं से यह जांचने के लिए कहा कि क्या ईवीएम के वोट और उनके आकलन में अंतर है? अगर कोई सबूत हैं तो हम कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लडेंगे.
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तेजस्वी यादव पिछले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे. किसी भी पार्टी को सदन में विपक्ष का नेता बनाने के लिए विधानसभा की कुल सीटों के कम से कम 10 प्रतिशत सीटों की आवश्यकता होती है. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं. इस लिहाज से नेता विपक्ष के लिए कम से कम 24 सदस्यों की जरूरत होगी. राजद इस चुनाव में मामूली अंतर से नेता विपक्ष का पद बचा पाई है, क्योंकि पार्टी के सिर्फ 25 विधायक जीते हैं.
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