प्रशांत किशोर ने 3 साल में कैसे कमाए 241 करोड़ रुपये? अपनी कमाई की दी पूरी जानकारी
जन सुराज के संस्थापक Prashant kishor ने Bihar की जनता के सामने अपनी कमाई की जानकारी सार्वजनिक की है. ये भी बताया है कि उनकी पार्टी के पास पैसा कहां से आता है. अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने Samrat Chaudhary और Ashok Chaudhary पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant kishor) ने अपनी पार्टी की फंडिग और खुद की इनकम से जुड़े सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने पिछले तीन साल में जन सुराज के पास पैसा कहां से आया इसका पूरा हिसाब दिया है. पीके ने बताया कि चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जिसने भी उनसे सलाह ली. उसके एवज में उन्होंने फीस ली. इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी सलाह देने के बदले उनको पैसे मिले.
पीके ने 29 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया,
मैंने 3 साल में फीस के तौर पर 241 करोड़ रुपये लिए हैं. इस पर सरकार को 18 प्रतिशत जीएसटी ( 30,95,68,764 रुपए) और करीब 20 करोड़ इनकम टैक्स दिया है. मैं जो भी फीस लेता हूं. उसमें अपना खर्च काट कर जो बचता है उसे पार्टी के नाम डोनेट कर देता हूं. मैंने अपने अकाउंट से जन सुराज को 98 करोड़ 75 लाख रुपये डोनेट किए हैं.
इस दौरान प्रशांत किशोर ने फिर से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) और मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सम्राट चौधरी पर हत्या का आरोपप्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी 7 लोगों की हत्या के मामले में अभियुक्त हैं. उन्होंने बिहार के राज्यपाल, बिहार सरकार और केंद्र सरकार से उनको पद से हटा कर गिरफ्तार करने की मांग की. प्रशांत किशोर ने कहा,
सम्राट चौधरी हत्या के अभियुक्त हैं. तारापुर केस नंबर 44/1995 इनके खिलाफ है. इस केस में इनको नाबालिग होने के नाम पर राहत दी गई. चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास 24 अप्रैल 1995 को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का डॉक्यूमेंट जमा किया गया. जिसमें इनका डेट ऑफ बर्थ था. 1 मई 1981. जबकि साल 2020 के इलेक्शन एफिडेविट में इनकी उम्र 51 साल है. यानी साल 1995 में इनकी उम्र 26 साल थी. कोर्ट ने इनको नाबालिग होने के आधार पर अभियुक्त होने के बावजूद जेल से राहत दे दी.
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सम्राट चौधरी को पद से हटा कर जेल भेजने की मांग की है. उन्होंने कहा,
सम्राट चौधरी की गिरफ्तारी होनी चाहिए वरना बिहार में जितने लोग हत्या के अभियुक्त हैं, उनको भी जेल से रिहा कीजिए. अगर पुलिस अरेस्ट नहीं करती है, तो हमलोग कोर्ट जाएंगे.
जन सुराज के संस्थापक ने बड़ा आरोप लगाते हुए शिल्पी गौतम रेप-हत्याकांड में सम्राट चौधरी के संदिग्ध होने का दावा किया है. उन्होंने कहा,
अशोक चौधरी ने 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कैसे खरीदी?शिल्पी गौतम रेप-हत्याकांड का आरोप साधु यादव पर था. क्या सम्राट चौधरी का नाम उस केस में संदिग्ध के तौर पर नहीं था. ये बात डिप्टी सीएम प्रेस को बताएं. ये पूरा केस सुशील मोदी ने उठाया था. तब सम्राट चौधरी साधु यादव गैंग के आदमी थे.
प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से जदयू नेता और कैबिनेट मिनिस्टर अशोक चौधरी पर हमला बोला है. उन्होंने अशोक चौधरी को मानहानि का नोटिस वापस नहीं लेने पर बड़ा खुलासा करने की चेतावनी दी. प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया,
जब से अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की शादी हुई है, तब से विकास वैभव ट्रस्ट के नाम पर पटना में 100 करोड़ की संपत्ति कैसे खरीदी गई. इस ट्रस्ट में तीन लोग हैं. जियालाल आर्य, किशोर कुणाल की पत्नी अनिता कुणाल और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास. ये तीनों बताएं कि 100 करोड़ की प्रॉपर्टी कहां से खरीदी. प्रॉपर्टी में इन तीनों का नाम है.
पीके ने आगे बताया कि अशोक चौधरी ने पिछले 8 महीने में 20 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया है. जिसमें 5 प्रतिशत कट मनी ली गई है. और इसके बाद जब जब पैसा रिलीज होता है उसमें इनका 0.5 प्रतिशत शेयर बनता है. उन्होंने दावा किया,
वही पैसा एक इंजीनियर वसूल करके ला रहे थे पटना जमा कराने. उसमें एक आदमी पकड़ा गया. जिसके बाद रात भर नोट का गड्डी जलाया गया. अशोक चौधरी जवाब दें कि वो इसमें शामिल हैं कि नहीं. अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन लोगों को खड़ा करेंगे जो इनके नाम पर पैसे की वसूली कर रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने 100 करोड़ के मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया, तो वो उनके खिलाफ 500 करोड़ रुपए के मामले का खुलासा करेंगे. इसके साथ ही पीके ने अशोक चौधरी पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में राज्यपाल से शिकायत करने की बात भी कही है.
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पूरा बिहार जानता है राजद के बारे मेंप्रशांत किशोर से सवाल किया गया कि तेजस्वी यादव भी भ्रष्टाचारी नेताओं की सूची बना रहे हैं. इस पर पीके ने कहा कि इसमें तो सबसे पहले उनको अपने दोनों मामा (साधु और सुभाष यादव) का नाम लिखना पड़ेगा. और इसके बाद अपने माता-पिता का नाम लिखना होगा. जिन्होंने नौकरी देने के नाम पर कितने लोगों की जमीन ले ली. उन्होंने आगे कहा कि पूरा बिहार जानता है कि राजद वाले चोर हैं, इसलिए वो उन पर कुछ नहीं बोलते हैं.
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