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प्रशांत किशोर ने BJP-JDU नेताओं पर भ्रष्टाचार के क्या-क्या आरोप लगाए? उन पर क्या सफाई आई?

Prashant Kishor ने जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं उनमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष Dilip Jaiswal, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष Sanjay Jaiswal, स्वास्थ्य मंत्री Mangal Pandey और जदयू कोटे से मंत्री Ashok Chaudhary शामिल हैं.

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प्रशांत किशोर ने एनडीए के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
25 सितंबर 2025 (Published: 11:30 PM IST)
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जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर शिक्षा रोजगार और पलायन के मुद्दे को लेकर लगातार मुखर रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से भ्रष्टाचार उनके चुनावी अभियान का सेंट्रल थीम बनता दिख रहा है. उन्होंने बीजेपी और जदयू के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है. पीके ने जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं उनमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं.

दिलीप जायसवाल पर मेडिकल कॉलेज हड़पने का आरोप

प्रशांत किशोर ने 6 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर किशनगंज में एक मेडिकल कॉलेज पर ‘अवैध कब्जा’ करने का आरोप लगाया. जन सुराज के संस्थापक प्रशात किशोर ने दावा किया कि दिलीप जायसवाल ने पिछले 25 सालों से माता गुजरी मेडिकल कॉलेज (MGM) पर ‘कब्जा’ कर रखा है. उन्होंने कहा कि दिलीप जायसवाल एक समय इस कॉलेज में क्लर्क थे, लेकिन समय के साथ उन्होंने कॉलेज के ट्रस्ट और प्रबंधन पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया.

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि जायसवाल ने पहले सरदार मोलेश्वर सिंह के परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट से बाहर करवाया. और फिर गुरुदयाल सिंह और करतार सिंह जैसे सदस्यों को मजबूरी में किशनगंज छोड़ना पड़ा. सरदार मोलेश्वर सिंह माता गुजरी मेडिकल कॉलेज के संस्थापक थे. 6 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरदार मोलेश्वर सिंह भी अपने परिवार के साथ मौजूद थे. 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सीनियर एडवोकेट वाईबी गिरी ने कहा कि MGM कॉलेज का ट्रस्ट सिख अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ा है. लेकिन ट्रस्ट एक्ट और रजिस्ट्रेशन एक्ट की धज्जियां उड़ाकर जायसवाल ट्रस्ट के डायरेक्टर बन गए हैं. 

जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने दावा किया कि दिलीप जायसवाल ने नेताओं और अफसरों के 50 से ज्यादा बच्चों को मैनेजमेंट कोटा के तहत MBBS में दाखिला दिलवाया है. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी जायसवाल को अपना मुंह बोला भाई कहती हैं. और यही वजह है कि राजद ने कभी इस मुद्दे को नहीं उठाया. क्योंकि जब व्यक्तिगत लाभ की बारी आती है तो सब आपस में मिल जाते हैं. उन्होंने दावा किया कि लालू प्रसाद यादव के कुछ रिश्तेदार भी इस मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर डॉक्टर बने हैं.

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दिलीप जायसवाल बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. (इंडिया टुडे)

राजेश शाह की हत्या का मामला

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि किसी भी राजनीतिक दल ने किशनगंज मेडिकल कॉलेज में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई. वहीं मेडिकल कॉलेज से जुड़े राजेश शाह ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो उनकी हत्या हो गई. उन्होंने साल 2007 में हुए राजेश शाह की हत्या में दिलीप जायसवाल की संदिग्ध भूमिका बताई है. प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि जिस पुलिस अधीक्षक (SP) ने इस मामले की जांच में जायसवाल को क्लीन चिट दी, उनकी पत्नी ने उसी कॉलेज से MBBS की डिग्री ली है, जिस पर कब्जे का आरोप है.

दिलीप जायसवाल ने प्रशांत किशोर को भेजा नोटिस

बिहार बीजेपी के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि दिलीप जायसवाल पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन, दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद हैं. और इसका मकसद जायसवाल की छवि खराब करना है. वहीं दिलीप जायसवाल ने प्रशांत किशोर को इन आरोपों के लिए कानूनी नोटिस भेजा है.

'मंगल पांडे की पत्नी के खाते में 2.12 करोड़ कहां से आए'

मंगल पांडे एनडीए की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. 19 सितंबर को प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी पत्नी उर्मिला पांडे के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में 2019 और 2020 में 2 करोड़ 12 लाख रुपये जमा हुए. उन्होंने सवाल उठाया कि जब पत्नी के अकाउंट में इतनी बड़ी रकम थी तो मंगल पांडे ने दिलीप जायसवाल से कर्ज क्यों लिया. पीके ने उर्मिला देवी का अकाउंट नंबर भी शेयर किया है. उन्होंने सवाल किया,

मंगल पांडे ने दिल्ली में फ्लैट खरीदने के लिए अपने पिता से 25 लाख का कर्ज लेने की बात कही थी. ऐसे में यह रकम उनकी पत्नी के अकाउंट में कहां से आई और क्यों घोषित नहीं की गई? अगर मंगल पांडे जवाब नहीं देते तो हम बताएंगे कि किस अकाउंट से यह पैसे ट्रांसफर किए गए हैं.

प्रशांत किशोर के इस आरोप पर अभी तक मंगल पांडे की ओर से कोई सफाई नहीं आई है. पीके ने जवाब नहीं आने पर उन अकाउंट्स का खुलासा करने का दावा किया है, जिनसे कथित तौर पर 2.12 करोड़ रुपये मंगल पांडे की पत्नी के खाते में गए.

इससे पहले 8 अगस्त को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रशांत किशोर ने मंगल पांडे को निशाने पर लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि जब पूरा बिहार कोविड 19 महामारी से जूझ रहा था तब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दिल्ली में 86 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा. उन्होंने बताया कि मंगल पांडे ने दिल्ली के द्वारका इलाके में CGHS लिमिटेड के अपार्टमेंट में 001 नंबर का फ्लैट अपनी पत्नी उर्मिला पांडे के नाम पर खरीदा.

मंगल पांडे के पिता अवधेश पांडे ने 30 लाख रुपये अपनी बहू को फ्लैट खरीदने के लिए भेजे थे. प्रशांत किशोर ने दावा किया कि 6 अगस्त 2019 को दिलीप जायसवाल ने अपने अकाउंट से 25 लाख रुपये मंगल पांडे के पिता के अकाउंट में RTGS के माध्यम से भेजा. इसके बाद यही रकम अवधेश पांडे ने अपनी बहू के अकाउंट में भेजी. उन्होंने दावा किया कि दिलीप जायसवाल इस खरीदारी के गवाह भी थे.

प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि मंगल पांडे ने साल 2020 में चुनाव आयोग को जो एफिडेविट दिया उसमें उन्होंने इस लोन का जिक्र नहीं किया है. उन्होंने आगे आरोप लगाया,

 मंगल पांडे स्वास्थ्य मंत्री हैं और दिलीप जायसवाल मेडिकल कॉलेज चलाते हैं. साल 2019 में कोरोना काल में उन्होंने पैसा लिया और साल 2020 में दिलीप जायसवाल के कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया.

मंगल पांडे ने क्या कहा था?

प्रशांत किशोर के आरोप के जवाब में मंगल पांडे ने बताया कि प्रशांत किशोर जिस यूनिवर्सिटी को मान्यता दिलाने की बात कर रहे हैं उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं होती है. पांडे ने आगे बताया कि दिलीप जायसवाल से लिया 25 लाख का रुपये का लोन भी उन्होंने चुका दिया था.

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मंगल पांडे बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. (इंडिया टुडे)

प्रशांत किशोर ने मंगल पांडे पर एंबुलेंस की खरीद में भी धांधली करने का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि फरवरी 2022 में बिहार स्वास्थ्य विभाग ने 1 हजार एंबुलेंस खरीदने का टेंडर निकाला. इसकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपये थी. इसमें 466 टाइप सी की एंबुलेंस थीं. और 534 एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली. पीके के मुताबिक टाइप सी की एक एंबुलेंस की लागत आई 19 लाख 58 हजार 257 रुपये. अप्रैल 2022 में 222 और सी टाइप एंबुलेंस खरीदी गईं. तीन साल में इसका दाम बढ़कर 27.47 लाख हो गया. एक एंबुलेंस की कीमत 7.90 लाख बढ़ा दी गई.

प्रशांत किशोर ने बताया कि इस टेंडर के लिए दो कंपनियों को बुलाया गया था. टाटा मोटर्स और फोर्स मोटर्स. टेंडर में शर्त थी कि उसी कंपनी को ठेका मिलेगा जिसका हर जिले में एक सर्विस सेंटर हो. लेकिन टेंडर फोर्स कंपनी को मिला जिसके चार-छह जिलों में ही सर्विस सेंटर हैं. यही नहीं, इस बात पर एक्शन लेने के बदले कंपनी से बढ़े हुए दामों पर 222 और एंबुलेंस खरीदे गए.

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि इस टेंडर में ‘एक और मजेदार’ बात हुई. टाटा मोटर्स को तकनीकी आधार पर बोली से हटा दिया गया. कहा गया कि हम लोग वो एंबुलेंस चाहते हैं, जिसमें पेशंट वाले हिस्से में एसी हो, ड्राइवर वाले में ना हो. टाटा मोटर्स ने कहा कि हम उतने ही पैसे में दोनों जगह एसी दे रहे हैं तो उसे तकनीकी तौर पर टेंडर से हटा दिया.

पीके ने आगे सवाल किया कि मंगल पांडे और प्रत्यय अमृत (तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव) को बताना चाहिए कि जिस एंबुलेंस की कीमत कंपनी की साइट पर 21 लाख है, उसे बिहार सरकार 28 लाख में क्यों खरीद रही है. जबकि बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं तो उसे 21 लाख से कम होना चाहिए था.

मंगल पांडे ने इन आरोपों पर क्या कहा?

मंगल पांडे ने प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि एंबुलेंस खरीद की एक प्रक्रिया होती है. इसके लिए टेंडर होता है, जो संबंधित पक्ष होता है वह टेंडर देता है. इसके बाद टेंडर मिलने की भी एक प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया से यदि कोई सहमत नहीं होता है तो वह कोर्ट जाता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भी लोग हाईकोर्ट गए हुए है. मामला कोर्ट में है. पांडे ने आगे बताया कि उन्होंने इस संबंध में जानकारी ली है, अभी तक इसमें कोई भुगतान नहीं हुआ है.

संजय जायसवाल पर फर्जी बिल बनाकर पेट्रोल चोरी का आरोप

प्रशांत किशोर ने कुछ कागजात दिखाते हुए दावा किया था कि बेतिया में बीजेपी सांसद संजय जायसवाल का एक पेट्रोल पंप है. उन्होंने बताया कि ये पंप जायसवाल के भाई के नाम पर है. प्रशांत ने आगे कहा, 

जब मैं बेतिया में पदयात्रा कर रहा था तो लोगों ने बताया कि संजय जायसवाल करीब 10 साल से नेशनल हाईवे पर एक फ्लाईओवर नहीं बनने दे रहे थे क्योंकि इससे उनके पेट्रोल पंप पर पेट्रोल की बिक्री कम हो जाती. जब लोगों का दबाव बना तो उन्होंने वहां एक बोर्ड लगवा दिया जिसमें लिखा था कि इस फ्लाईओवर का निर्माण मेरी वजह से नहीं बल्कि राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं देने से रुका हुआ है.

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि 14 अगस्त 2024 को बेतिया की मेयर गरिमा देवी सिकारिया ने नगर आयुक्त को एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने अत्यधिक बिल और भ्रष्टाचार को देखते हुए 15 अगस्त के बाद इस पेट्रोल पंप का भुगतान पूरी तरह से रोकने और इस पेट्रोल पंप से सरकारी खरीद बंद करने की मांग की थी.

बकौल प्रशांत किशोर ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वहां नगर निगम की सफाई की गाड़ियों के बिल के नाम पर पांच करोड़ 86 लाख का भुगतान पेट्रोल पंप को नगर निगम ने किया है. निगम की सशक्त समिति की बैठक में यह पाया गया कि इनमें से ज्यादातर भुगतान फर्जी हैं. गलत बिल बनाकर निगम से ज्यादा पैसे वसूले गए हैं.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि संजय जायसवाल इसके बावजूद अफसरों पर दबाव बनाकर सरकारी गाड़ियों के लिए तेल की खरीद इस पेट्रोल पंप से करवाते हैं. 10 लीटर पेट्रोल बिकता है तो 20 लीटर का भाव लिया जाता है.

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क्रेडिट - (इंडिया टुडे)
संजय जायसवाल ने मेयर को निशाने पर लिया

प्रशांत किशोर के आरोपों पर संजय जायसवाल ने दावा किया है कि मेयर गरिमा देवी सिकारिया ही डीजल चोरी की असली नायिका हैं. उन्होंने बताया  कि 19 सितंबर को लिखित निर्देश देने के बावजूद नगर निगम की बैठक में डीजल चोरी का एजेंडा शामिल नहीं किया गया. संजय जायसवाल ने दावा किया कि डीजल भरने के बाद सभी गाड़ियां वार्ड पार्षद रोहित सिकारिया के गोदाम में भेजी जाती थीं. वहां से तेल निकालकर बेचा जाता था और फिर गाड़ियां पार्किंग में लौटाई जाती थीं. 

बेतिया सांसद ने सवाल उठाया कि क्या यही कारण है कि मेयर इस घोटाले को सार्वजनिक नहीं करना चाहतीं, जबकि सशक्त समिति के पास सब सबूत हैं. इसके अलावा बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर के खिलाफ बेतिया के व्यवहार न्यायालय में मानहानि का मुकदमा किया है. जायसवाल ने पहले पीके को वकालतनामा नोटिस भेजा था. प्रशांत ने उसका जवाब भी दिया था. जवाब से असंतुष्ट होकर जायसवाल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

अशोक चौधरी पर दो साल में 200 करोड़ की जमीन खरीदने का आरोप

अशोक चौधरी जदयू के सीनियर नेता  और बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री मंत्री हैं. प्रशांत किशोर ने 19 सितंबर को आरोप लगाया कि अशोक चौधरी और उनके परिवार ने पिछले दो साल में करीब 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है. उन्होंने दावा किया कि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की सगाई के बाद उनके स्वर्गीय ससुर किशोर कुणाल से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट से ये खरीद हुई है. मानव वैभव विकास ट्रस्ट की ट्रस्टी और ट्रेजरर शांभवी की सास अनिता कुणाल हैं. प्रशांत ने शांभवी की शादी से लेकर सगाई तक 38 करोड़ 44 लाख में खरीदी गई पांच जमीन सौदों की एक लिस्ट भी जारी की है.

12 मई 2022 - करीब 3.40 करोड़ रुपये में पहली जमीन खरीदी गई.

12 मई 2022 - लगभग 8.89 करोड़ रुपये में दूसरी जमीन खरीदी गई.

20 मई 2022 - लगभग 3.44 करोड़ रुपये में तीसरी जमीन खरीदी गई.

14 जुलाई 2022 - लगभग 7.20 करोड़ रुपये में चौथी जमीन खरीदी गई.

18 जुलाई - लगभग 15.50 करोड़ रुपये में पांचवीं जमीन खरीदी गई.

प्रशांत किशोर ने बताया कि इन जमीनों का मालिकाना हक अशोक चौधरी की पत्नी या उनके दामाद सायन कुणाल और उनकी मां अनिता कुणाल या उनसे जुड़े ट्रस्ट के नाम पर है. उन्होंने ट्रस्ट से जुड़े लोगों से सवाल किया है कि जिस ट्रस्ट से पहले कोई जमीन नहीं खरीदी जा रही थी, उस ट्रस्ट से शांभवी की सगाई के बाद करोड़ों की जमीन कैसे खरीदी गई है. 

प्रशांत ने ट्रस्ट से जुड़े लोगों से पूछा कि उनको बताना चाहिए कि इतना पैसा कहां से आ रहा है. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी और उनकी पत्नी ट्रस्ट की सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनको यह भी बताना चाहिए कि उनका ट्रस्ट से क्या लेना देना है. साथ ही उन्होंने ये भी पूछा कि अगर इनका इस ट्रस्ट से संबंध नहीं है तो अनिता कुणाल के खाते से उनकी पत्नी के खाते में बहुत सारा पैसा कैसे आ रहा है.

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अशोक चौधरी नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री हैं. (इंडिया टुडे)
अशोक चौधरी पर पीए के नाम से भी बेनामी संपत्ति खरीदने का आरोप

प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी को ‘बिहार का भ्रष्टतम नेता’ बताया और जमीन खरीद-फरोख्त और बेनामी संपत्ति मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि साल 2019 में अशोक चौधरी के पर्सनल सेक्रेटरी रहे योगेंद्र दत्त के नाम पटना के बिक्रम में 23 कट्ठा जमीन खरीदी गई. इसके बाद साल 2021 में यह जमीन 34 लाख रुपये में ही चौधरी की बेटी सांसद शांभवी चौधरी के नाम कर दी गई. लेकिन योगेंद्र के खाते में सिर्फ 10 लाख रुपये भेजे गए.

प्रशांत ने दावा किया कि जब आयकर विभाग ने नोटिस भेजा और पूछा कि 34 लाख की संपत्ति में 10 लाख का लेन-देन दिख रहा है, बाकी 24 लाख का भुगतान कहां है. तब जाकर चौधरी ने 4 साल बाद 27 अप्रैल 2025 को 24 लाख रुपये योगेंद्र दत्त को ट्रांसफर किया.

इससे पहले 26 अप्रैल को प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी ने चिराग पासवान को पैसे देकर अपनी बेटी शांभवी चौधरी को लोकसभा का टिकट दिलवाया है. इस आरोप को लेकर चौधरी ने पीके को मानहानि का नोटिस भेजा है.

जमीन खरीद के आरोप पर अशोक चौधरी ने क्या प्रतिक्रिया दी?

200 करोड़ की जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के 4 दिन बाद 23 सितंबर को अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये के मानहानि का दूसरा नोटिस भेजा. चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर पहले के मानहानि केस पर घबराहट में आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है. उनका सब कुछ पब्लिक डोमेन में है. वो सालाना आईटी रिटर्न दाखिल करते हैं.

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अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसमें उन्होने दावा किया कि उनकी बेटी शांभवी चौधरी ने अपनी वैधानिक आय और संसाधन से खरीदा था. चौधरी ने कहा कि इस संपत्ति का जिक्र उनके (शांभवी चौधरी) चुनावी शपथ पत्र में भी है. इसलिए इस मामले में किसी प्रकार की बेनामी का प्रश्न नहीं उठता.

100 करोड़ के नोटिस पर पीके की प्रतिक्रिया

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 100 करोड़ के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अशोक चौधरी मानहानि का एक और नोटिस तैयार कर लें. वह दो दिन में उनसे जुड़े और खुलासे करेंगे. पीके ने कहा कि अशोक चौधरी 10 नोटिस भेजेंगे तो भी वो उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे.

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