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बिहार में भोजपुरी गानों से चुनाव साधने की कोशिश, नीतीश, तेजस्वी, PK सबके गाने ट्रेंडिंग

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में भोजपुरी गानों का खूब तड़का लग रहा है. मशहूर गानों की धुन पर राजनीतिक संदेश देते गाने आम लोगों की जुबान पर चढ़ रहे हैं. RJD, BJP, JDU और Jan Suraaj के लिए भी गाने बने हैं.

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निरहुआ (बाएं) ने बीजेपी और खेसारी लाल (बाएं) ने राजद के लिए गाने गाए हैं. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
2 अक्तूबर 2025 (Published: 07:27 PM IST)
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हमरा के कागज के नइया थमाई. अपने आकासे जहजिया उड़ाई. अन्तर के जन्तर गियान होई कहिया. माई रे माई बिहान होई कहिया. अरबन में जेकर खाता चलेला. खरबन में जनता से घाटा कहत बा. हमनी के लायक विधान होई कहिया. माई रे माई बिहान होई कहिया. 

तंत्र से सवाल करती लोक की ये कविता खुशहाली का नया सवेरा तलाश रही है, जिसका वादा हुक्मरानों की ओर से किया गया था. विनय राय बबुरंग की ये पंक्तियां बताती हैं कि कविता भी सत्ता से सवाल कर सकती है. बिहार में विधानसभा चुनाव का मंच एक बार फिर सज गया है. रैलियों में गाने भी बज रह हैं. बस तेवर बदले हुए हैं. माहौल कुछ ऐसा है कि सवाल पूछने की जगह प्रशस्ति गाई जा रहा हैं. चुनाव में राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं की तारीफों में गाने लिखे जा रहे हैं. और मशहूर गानों की धुन पर राजनीतिक संदेश देते गाने आम लोगों की जुबान पर खूब चढ़ रहे हैं. राजद, जदयू और बीजेपी के लिए तो गाने बन ही रहे हैं. जन सुराज भी इस दौड़ में पीछे नहीं है.

अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के समर्थन में बनाए जा रहे गीत, समर्थकों के फेसबुक और इंस्टाग्राम आइडी पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं. रोज नए नए गाने बनाकर अपलोड किए जा रहे हैं. पुराने बने गाने भी फिर से लोगों का ध्यान खींचने लगे हैं. इन गानों पर लाख से लेकर मिलियन तक के व्यू जा रहे हैं. यानी हजारों लाखों लोग इन गानों को देख सुन रहे हैं. और शेयर भी कर रहे हैं. इन गानों में विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष किया जाता है. वहीं राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता, उनकी नीतियां और चुनावी वादों का भी जिक्र किया जाता है.

बिहार के एक बड़े हिस्से में भोजपुरी बोली जाती है. इसके अलावा यहां मैथिली, मगही, वज्जिका और अंगिका जैसी भाषाएं भी प्रयोग में हैं. लेकिन भोजपुरी गानों का क्रेज पूरे बिहार में है. राज्य के किसी भी हिस्से में जाएं, आपको भोजपुरी ट्रैक बजता मिल जाएगा. राजनीतिक पार्टियों को भी भोजपुरी गानों की लोकप्रियता का अंदाजा है. इसलिए अपने समर्थकों में जोश भरने, रैलियों में भीड़ जुटाने और युवा आबादी को साधने के लिए भोजपुरी गानों का सहारा ले रही हैं.

बीजेपी की बात करें तो इनको भोजपुरी गाना गवाने के लिए गायक भी तलाशना नहीं पड़ता, क्योंकि मनोज तिवारी, पवन सिंह और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) जैसे कई भोजपुरी सितारे पार्टी में हैं. बीजेपी के पूर्व सांसद  दिनेश लाल यादव का गाया एक गाना खूब ट्रेंडिंग में है. गाने के बोल हैं, ‘आया है युग उत्थान का जन-जन के कल्याण का. बरसों पहले संकल्प ने एक भरी थी हुंकार. रफ्तार पकड़ लिहले बा बिहार’. भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब पेज से इस गाने को अपलोड किया गया है. गायक सूरज कुमार का एक गाना भी लोगों का ध्यान खींच रहा है. इसके बोल हैं, जाग उठा है यूपी देखो यूपी में त योगी बा. ई मत पूछो का बा बिहार में त मोदी बा.

इसके अलावा बीजेपी पर बना तीन साल पुराना गाना भी चुनावी मौसम में अचानक से ट्रेंडिंग में आ गया है. इस गाने पर 1.8 मिलियन व्यूज आए हैं. गायक का नाम अभिषेक सिंह है. गाने के बोल हैं, ‘भाजपा के गमछिया गेरूआ बंधले अपना सिर हो, मजनुआ हमार बीजेपी लभर ह’. बीजेपी कार्यकर्ता भगवा गमछे के साथ इस गाने पर खूब रील बना रहे हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी इस मामले में पीछे नहीं है. गायक प्रशांत सिंह का गाना ‘25 से 30 फिर से नीतीश, इनके कारण बिहार में बहार बा, रोजी रोटी के बौछार बा.’ जदयू समर्थकों का हौसलाअफजाई कर रहा है. वहीं गायक विक्रांत सिंह का गीत ‘2025 फिर से नीतीश’ भी सुर्खियों में है.

ये तो बात रही एनडीए की. महागठबंधन भी इस रेस में पीछे नहीं है. सबसे ज्यादा भोजपुरी गीत और गाने तो राजद के समर्थन में ही बनते हैं. राजद के समर्थन में खेसारी लाल यादव का एक गीत भी खूब चर्चा में है. बोल हैं, ‘तेजस्वी के बिना सुधार ना होई, भाई लालू बिना चालू ई बिहार ना होई.’  वहीं टुनटुन यादव के गाए गाने 'राजद के गमछिया हरियर बांधले अपना सिर हो, जनुआ हमार आरजेडी लभर हो.' ‘हईं लालू जी के मैन, फैन आरजेडी के हईं.’ और 'फैन हम लालू के, ठीकदारी करीला बालू के' भी राजद समर्थकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. साथ ही साथ इन गानों पर खूब रील भी कट रहे हैं. 

भोजपुरी सिंगर गोलू राजा ने तेजस्वी यादव को केंद्र में रख कर एक गाना गाया है, जोकि राजद समर्थकों को खूब भा रहा है. गाने के बोल हैं, ‘टुटिह जनी रुकिह जनी झुकिह हे तेजस्वी भैया, हमनी ला लड़िह लड़इया ए तेजस्वी भइया.’ इसके अलावा गायिका खुशी कक्कड़ का एक गाना भी खूब पॉपुलर है. इसके बोल हैं, ‘लालटेन पर बटन दबाई दिह ना, भइया तेजस्वी के जिताई दिह ना.’
अपनी पार्टी के प्रचार के लिए भोजपुरी गानों का सहारा लेने में प्रशांत किशोर की जन सुराज भी पीछे नहीं हैं.  भोजपुरी के मशहूर सिंगर रितेश पांडे उनकी पार्टी में हैं. रितेश पांडे का गाया गीत, ‘हर घर के आवाज बडु़ए, आवे वाला जनसुराज बडु़ए, जनता ही हो मालिक’ भी खूब सुना जा रहा है.

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भोजपुरी का बाजार और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में उसका वर्चस्व बढ़ रहा है. आजकल हिंदी फिल्मों में भी भोजपुरी स्टार से गवाने का चलन शुरू हो गया है.  स्त्री 2 में पवन सिंह का गाया गाना खूब पॉपुलर हुआ. पंजाबी और हरियाणवी के तर्ज पर भोजपुरी में भी एक मास ऑडियंस तैयार हुआ है.  राजनीतिक पार्टियों के लिए रणनीति बना रहे नेता और पीआर प्रोफेशनल्स से ये बात छुपी कैसै रह सकती है. स्क्रिप्ट राइटर और भोजपुरी गीत लिखने वाले अतुल कुमार राय बताते हैं, 

भोजपुरी के गानों की गुणवत्ता एक अलग विमर्श है लेकिन आज यू टयूब ट्रेंड हो या इंस्टाग्राम ट्रेंड, उसमें हमेशा भोजपुरी गाने छाए रहते हैं. कैची लीरिक्स और तेज बीट उनके वायरल होने और हाशिए पर खड़े आखिर आदमी तक जाने की संभावना को बढ़ा देते हैं. दूसरी बात लोकल भाषा में अपनी बात को मतदाता तक पहुँचाना आसान भी होता है. बिहार में पहले भी तमाम नेता भोजपुरी में जाकर भाषण देते आएं हैं. इससे पहले यूपी औऱ दिल्ली इलेक्शन में भी तमाम पार्टियों ने भोजपुरी में गाने बनवाए हैं.

राजनीतिक पार्टियां एक भोजपुरी गाना बनवाने के लिए 2 लाख से 5 लाख तक का खर्च कर रही हैं. अतुल कुमार राय का मानना है कि इसे सकारात्मक ढंग से देखा जाना चाहिए. इससे कलाकारों का काम बढ़ा है और आर्थिक निश्चिंतता भी. इसके अलावा भोजपुरी सिंगर्स को एक फैन बेस भी मिल जाता है. 

वीडियो: राजधानी: लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ आने की क्या संभावना है?

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