भोजपुरी स्टार पवन सिंह की बीजेपी में वापसी तय? उपेंद्र कुशवाहा संग मुलाकात, आरा से लड़ सकते हैं चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव में Pawan Singh ने Upendra Kushwaha के खिलाफ रोहतास जिले के काराकाट सीट से निर्दलीय ताल ठोक दी थी. उनके चुनावी मैदान में उतरने के चलते कुशवाहा चुनाव हार गए थे. अब पवन सिंह दोबारा से घर वापसी करने से पहले उपेंद्र कुशवाहा के साथ अपने रिश्ते ठीक करने में जुट गए हैं.

भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह (Pawan Singh) की बीजेपी में घर वापसी होने जा रही है. इससे पहले 30 सितंबर को उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की. मुलाकात के दौरान पवन सिंह उपेंद्र कुशवाहा के गले लगे और पैर छुए. माना जा रहा है कि दोनों के बीच के सारे गिले-शिकवे मिट गए हैं. इस दौरान उनके साथ बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद रहे. मीटिंग के बाद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम करते हुए एनडीए को मजबूत करेंगे. ये भी खबर आ रही है कि पवन सिंह इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ रोहतास जिले के काराकाट सीट से निर्दलीय ताल ठोक दी थी. उनके चुनावी मैदान में उतरने के चलते कुशवाहा चुनाव हार गए थे. अब पवन सिंह दोबारा से घर वापसी करने से पहले उपेंद्र कुशवाहा के साथ अपने रिश्ते ठीक करने में जुट गए हैं.
बीजेपी पवन सिंह की घर वापसी चाहती है. उनके जरिए पार्टी शाहाबाद (आरा, बक्सर, रोहतास, कैमूर) में राजपूत वोटर्स को साधना चाहती है. साथ ही भोजपुरी सिनेमा और गायकी के चलते उनका एक पैन बिहार फैन बेस भी है. पार्टी इसको भी भुनाना चाहती है. लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से आ रही थी.
पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ काराकाट सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई. वो तीसरे स्थान पर रहे. वहीं पवन सिंह निर्दलीय दूसरे स्थान पर रहे. जीत मिली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी -लेनिनवादी) लिबरेशन के उम्मीदवार राजाराम सिंह को.
पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से शाहाबाद और मगध के इलाके में एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा था. आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और औरंगाबाद सीट से एनडीए को हार मिली. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा की जाति के वोटर्स (कुशवाहा/कोइरी) ने इन सीटों पर एनडीए का समर्थन नहीं किया. क्योंकि उनका मानना था कि पवन सिंह को बिहार बीजेपी के एक नेता ने ही कुशवाहा के खिलाफ प्लांट किया था.
चुनाव बाद बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. और उन्हें राज्यसभा भेजा. बीजेपी अब चाहती है कि पवन सिंह वापसी करने के पहले उपेंद्र कुशवाहा के साथ मुलाकात कर अपने रिश्ते ठीक कर लें, उसके बाद उनकी घर वापसी हो.
पवन सिंह साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से टिकट दिया. जिसके बाद TMC नेता और सिंगर बाबुल सुप्रियो ने उनके कुछ गानों को लेकर सवाल उठाए.
इन गानों में उन पर बंगाली महिलाओं को सेक्शुअलाइज करने का आरोप लगा. विवाद बढ़ने के बाद पवन सिंह ने आसनसोल से टिकट लौटा दिया. और काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े. 24 मई, 2024 को बीजेपी ने पवन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके पीछे एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ना रहा.
पवन सिंह की बीजेपी में एंट्री की पैरोकारी आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह कर रहे हैं. 18 सितंबर को दिल्ली में दोनों की मुलाकात हुई. इसके करीब एक महीने बाद 20 सितंबर को आरा में एक जनसभा में हिस्सा लेने पहुंचे आरके सिंह ने कहा कि पवन सिंह को बीजेपी में लौट जाना चाहिए.

पवन सिंह की बीजेपी में वापसी अब तय हो गई है. खबर है कि वो आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अभी अमरेंद्र प्रताप सिंह इस सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक है. पांचवी बार विधायक बने हैं. पिछली सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं. अब उनकी उम्र 75 साल के पार हो गई है. अमरेंद्र प्रताप इस सीट से अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं. वहीं आरा से सांसद हार चुके आरके सिंह अमरेंद्र प्रताप सिंह का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में इस सीट से पवन सिंह को मौका मिल सकता है.
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बिहार चुनाव के लिए बीच से शो छोड़ कर आएपवन सिंह पिछले दिनों बिजनेस टायकून अशनीर ग्रोवर की रियलिटी ‘शो राइज एंड फॉल’ का हिस्सा बने थे. लेकिन बीच में ही शो छोड़ दिया. शो से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि जनता उनके लिए भगवान है और चुनाव के समय उनका फर्ज है कि वो जनता के बीच रहे. इस बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि पवन सिंह अब पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय होने जा रहे हैं.
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