बिहार में BJP के टिकट दावेदारों की लिस्ट फाइनल, डेढ़ दर्जन विधायकों का कट सकता है टिकट
BJP सूत्रों के मुताबिक ऐसे विधायक जिनकी उम्र 70 प्लस हो चुकी है. और क्षेत्र में उनकी सक्रियता नहीं है तो फिर उनके टिकट पर भी खतरा है. साथ ही कुछ और नाम भी हैं जिनकी रिपोर्ट बेहतर नहीं है.

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) की तैयारियों को लेकर बीजेपी की दो दिन तक चली कोर कमेटी की बैठक खत्म हो गई. 24 और 25 सितंबर को दो अलग-अलग ग्रुप में बंटे बीजेपी प्रदेश कमेटी के नेताओं के सामने जिलों के प्रमुख नेताओं ने अपनी बात रखी. इस बैठक में टिकट के दावेदारों से लेकर बूथ लेवल तक पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा हुई.
सीटिंग विधायकों पर संकटदो दिनों तक चली बीजेपी की मैराथन मीटिंग से जो सबसे बड़ी जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक लगभग डेढ़ दर्जन सीटिंग विधायकों का टिकट कट सकता है. इन विधायकों को लेकर भी मीटिंग में चर्चा हुई है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर उन विधायकों का नाम है जो पार्टी के लिए वफादार साबित नहीं हुए हैं.
इंडिया टुडे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 15 से 18 सीटिंग विधायकों के टिकट पर संकट है. इनमें सबसे ज्यादा संख्या चंपारण के इलाके से है. पश्चिम और पूर्वी चंपारण के 4 विधायकों को लेकर बेहतर फीडबैक नहीं है. वहीं मधुबनी,दरभंगा, गोपालगंज, सारण, वैशाली, भागलपुर, बेगूसराय, पटना और भोजपुर से आने वाले कुछ विधायकों को भी बेटिकट किया जा सकता है. केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने इस बार चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर सबसे बड़ा फैक्टर 'जीत' को रखा है.
कम वोट से जीतने वाली सीटों पर भी हो सकता है बदलावसाल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 6 ऐसी सीटों पर जीत मिली, जहां जीत का अंतर 3 हजार वोट से कम था. जबकि 8 सीटें ऐसी रहीं जहां हार-जीत का अंतर हजार वोट से भी कम था. इसके अलावा 13 सीटें ऐसी रहीं, जहां बीजेपी उम्मीदवार 11 हजार से अधिक वोट से हारे थे. ऐसी सीटों पर भी बदलाव देखने को मिल सकता है.
70 पार विधायकों के लिए भी मुश्किलबीजेपी सूत्रों के मुताबिक ऐसे विधायक जिनकी उम्र 70 प्लस हो चुकी है. और क्षेत्र में उनकी सक्रियता नहीं है तो फिर उनके टिकट पर भी खतरा है. एनडीए में अब तक आधिकारिक तौर पर सीट शेयरिंग का एलान नहीं हुआ है. लेकिन चर्चा है कि बीजेपी लगभग 103 सीटों पर उम्मीदवार देगी.
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बीजेपी कोर कमेटी की बैठक को दो ग्रुप में बांटा गया था. पहले ग्रुप प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने लीड किया. इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय के अलावा दीपक प्रकाश और संजय जायसवाल जैसे नेता शामिल रहे. वहीं कोर कमेटी के दूसरे ग्रुप में प्रदेश संगठन मंत्री भीखू भाई दलसानिया और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी समेत दूसरे नेता मौजूद रहे.
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