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भारत के 6 संस्थान, जिन्होंने दुनिया में बढ़ाया देश का मान

जानिए उन इंस्टीट्यूट्स के बारे में जो QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के टॉप 300 में शामिल हैं. इस लिस्ट में IISc बेंगलुरु और 5 IIT शामिल हैं.

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Top Indian Institutes
दुनिया की टॉप 300 इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट में 5 IIT और IISc बेंगलुरु शामिल है. (फोटो- IIT दिल्ली)
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प्रशांत सिंह
16 अगस्त 2022 (Updated: 17 अगस्त 2022, 01:49 PM IST)
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देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं उन इंस्टीट्यूट्स के बारे में जो QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के टॉप 300 में शामिल हैं. इस लिस्ट में कुल 6 भारतीय संस्थानों का नाम शामिल है. जिसमें IISc बेंगलुरु और 5 IIT शामिल हैं. आइए जानते हैं इन इंस्टीट्यूट्स के बारे में. 

1. IISc बेंगलुरु

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में 155वीं रैंक हासिल करने वाली IISc बैंगलोर, उद्योगपति जमशेदजी टाटा और स्वामी विवेकानंद के बीच मुलाकात की देन है. साल 1891 में दोनों की मुलाकात एक पानी के जहाज में हुई. जब दोनों जापान से अमेरिका जा रहे थे. मुलाकात में बात हुई कि भारत में एक रिसर्च यूनिवर्सिटी स्थापित की जाये. टाटा का विजन साकार हुआ 27 मई 1909 को. जब तत्कालीन भारत सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बनाने का आदेश पारित किया. पिछले 119 सालों में IISc ने धरती से लेकर अंतरिक्ष तक कई रिकॉर्ड बनाए हैं.

 IISc से मैनेजमेंट और  बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, साइंस, ह्यूमेनिटिज, सोशल साइंस, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, कम्प्यूटर एप्लिकेशन, आईटी, एनिमेशन एंड डिजाइन की फील्ड में कोर्सेज किये जा सकते है. इसके अलावा M.Tech , M.Des Product Design और Engineering जैसे कोर्स भी कर सकते हैं. ये संस्थान PhD में अलग-अलग सब्जेक्ट्स में स्पेशलाइजेशन भी कराती है. IISc से लाइफ साइंसेज और केमिकल साइंसेज में Msc और बायोइंजीनिरिंग में MTech भी कर सकते हैं.

2. IIT Bombay

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में 172वें स्थान पर काबिज IIT बॉम्बे देश की दूसरी IIT है. ये साल 1958 में स्थापित की गई थी. खास बात ये है कि IIT बॉम्बे दूसरे देश के फाइनेंशियल मदद से बनने वाली पहली IIT थी. इसके लिये फंड सोवियत यूनियन से वाया UNESCO आया था. साल 1961 में देश की संसद ने इस संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इम्पॉर्टेंस का दर्जा दे दिया था. IIT बॉम्बे पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग एजुकेशन और रिसर्च की पढ़ाई के लिये जाना जाता है.

IIT बॉम्बे से ग्रेजुएशन, मास्टर्स और PhD भी की जा सकती है. इंस्टीट्यूट BTech, Bsc, MTech और MBA जैसे कोर्स ऑफर करता है. यहां एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, अर्थ साइंसेज, एनर्जी साइंस एंड इंजीनियरिंग जैसी कुछ टॉप ब्रांचेस मौजूद हैं. इसके अलावा इस संस्थान से क्लाइमेट स्टडीज, एजुकेशनल टेक्नोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स में इंटरडिसिप्लेनरी कोर्स भी किये जा सकते हैं.

3.IIT Delhi

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में 174वें स्थान पर मौजूद इस संस्थान की स्थापना कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से साल 1961 में हुई थी. इस इंस्टीट्यूट की स्थापना ब्रिटिश सरकार के साथ समझौते में हुई थी. इसके लिये दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज नाम से एक ट्रस्ट की स्थापना भी की गई थी. कॉलेज का उद्घाटन 17 अगस्त 1961 के दिन प्रो. हुमायूं कबीर द्वारा किया गया था. उस वक्त ये दिल्ली यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त था.

साल 1961 में शुरू होने से अब तक IIT दिल्ली से 48 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ग्रेजुएट हो चुके हैं. वहीं 5 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स यहां से PhD डिग्री हासिल कर चुके हैं. बात BTech की करें तो, यहां से 15 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ये डिग्री हासिल कर चुके हैं.

4. IIT Madras

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 250वीं रैंक पर मौजूद IIT मद्रास की नींव साल 1956 में पड़ी थी. इस साल जर्मन सरकार ने देश में एक इंजीनियरिंग संस्थान बनाने के लिये टेक्निकल सहायता देने की बात की थी. साल 1959 में जर्मनी के बॉन शहर में हुये पहले इंडो-जर्मन समझौते ने IIT मद्रास की रुप-रेखा सेट कर दी थी. उस वक्त देश के केंद्रीय मंत्री प्रो हुमायूं कबीर ने इस संस्थान का उद्घाटन किया था. IIT मद्रास इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट में लगातार चार साल टॉप पर रहा है. इसके अलावा 2019 की NIRF रैंकिंग में इसे बेस्ट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट भी घोषित किया गया था.

IIT मद्रास एक इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (IoE) भी है. IIT मद्रास में करीब 92 कोर्सेज पढ़ाए जाते हैं. इन कोर्सेज में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले कोर्स में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स शामिल हैं. इसके अलावा IIT मद्रास से ऑनलाइन Bsc प्रोग्राम भी किया जा सकता है. ये प्रोग्राम डेटा साइंस एंड प्रोग्रामिंग में कराया जाता है. IIT मद्रास ने आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग नाम से एक नया प्रोग्राम भी शुरू किया है. इस कोर्स के जरिए संस्थान ने 10 लाख छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है.

5. IIT Kanpur

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 264वीं रैंक पर मौजूद इस संस्थान से पहले देश में पांच IIT बन चुके थे. साल 1962 से 1972 के बीच हुये कानपुर इंडो-अमेरिकन प्रोग्राम (KIAP) ने IIT कानपुर को एक नयी दिशा दी. इन वर्षों में इंस्टीट्यूट को KIAP के तहत अमेरिका के 9 इंस्टीट्यूट्स से टेक्निकल मदद मिली. इस प्रोगाम के तहत अमेरिकन इंस्टीट्यूट्स के फैकल्टी मेंबर ने IIT कानपुर में एकेडमिक प्रोगाम और रिसर्च लैब बनाने में मदद की. IIT कानपुर साल 1959 में शुरू हुआ था, लेकिन तब एकेडमिक क्लासेज हारकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट (HBTI)के कैंपस में होती थी.

IIT कानपुर केमिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग जैसी कई अन्य फील्ड में BTech कोर्स ऑफर करती है. इंस्टीट्यूट बैचलर ऑफ साइंस प्रोगाम भी कराता है. ये केमिस्ट्री, अर्थ साइंसेज, इकोनॉमिक्स जैसे सब्जेक्ट्स में किया जा सकता है. इसके अलावा इंस्टीट्यूट मास्टर्स और डुअल डिग्री प्रोगाम भी ऑफर करता है. MBA और  PhD करने के भी विकल्प यहां मौजूद हैं.  

6. IIT Kharagpur

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए 1946 में सर जोगेंद्र सिंह ने एक कमेटी बनाई. सर जोगेंद्र सिंह, वायसराय एग्जीक्यूटिव कौंसिल, डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के मेम्बर थे. 22 सदस्यों की इस कमेटी का नेतृत्व NR सरकार कर रहे थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि अमेरिका के MIT की तर्ज पर देश के चारों कोनों, उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम में चार संस्थान बनाए जाएं. कमेटी ने कहा कि इन इंस्टीट्यूट्स का काम केवल अंडरग्रेजुएट्स को डिग्री देने की बजाय उन्हें रिसर्च के साथ-साथ रिसर्च वर्कर्स और टेक्निकल टीचर्स को भी तैयार करना होगा.

सरकार कमेटी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए देश के पूर्वी कोने पर मई 1950 में एक नया संस्थान आस्तित्व में आया. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर यानी IIT खड़गपुर. देश का पहला IIT. 224 फ्रेशर्स और 42 टीचर्स के साथ हिजली में जिस बिल्डिंग में IIT की शुरुआत हुई वहां अंग्रेजों के जमाने में डिटेंशन कैंप हुआ करता था. इस डिटेंशन कैंप ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में 270वें स्थान पर मौजूद IIT खड़गपुर दुनिया के कुछ उन चुनिंदा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में है जिसकी शुरुआत जेल में हुई. बाद में मार्च 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने नई बिल्डिंग की नींव रखी.

IIT खड़गपुर में इंजीनियरिंग के कई डिपार्टमेंट मौजूद हैं. बायोटेक्नोलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, ओशियन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग जैसे कई डिपार्टमेंट इस संस्थान में हैं. इंस्टीट्यूट से BTech, Msc,MBA,LLB और PhD जैसे कई कोर्सेज ऑफर करता है.

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