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10वीं के बोर्ड एग्ज़ाम से पंजाबी को 'हटाए' जाने पर CBSE की सफाई, गुरु रंधावा भी मैदान में कूदे!

CBSE ने पंजाबी को कथित तौर पर मेन सब्जेक्ट की सूची से हटाए जाने के आरोपों को खारिज किया है. बोर्ड के एग्ज़ाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट सिर्फ ‘सांकेतिक’ है. किसी भी सब्जेक्ट को हटाया नहीं जाएगा. उधर राज्य सरकार ने पंजाब के सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा को कंपल्सरी करते हुए नई नोटिफिकेशन जारी की है.

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Punjabi
विवादों के बीच सीबीएसई ने दी सफाई. (AI Image)
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रिदम कुमार
27 फ़रवरी 2025 (Published: 01:50 PM IST) कॉमेंट्स
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10वीं के बोर्ड एग्ज़ाम को लेकर नए सिरे से ड्राफ्ट की जा रही CBSE की पॉलिसी में पंजाबी समेत कुछ क्षेत्रीय भाषाओं को हटाने पर जमकर बवाल कटा था. विरोध के बाद अब CBSE ने अपने फैसले पर सफाई दी है. CBSE ने कहा, “किसी भी क्षेत्रीय भाषा को हटाया नहीं जाएगा. जो क्षेत्रीय भाषाएं अभी लागू हैं वे आगे भी जारी रहेंगी.” CBSE की ड्राफ्ट पॉलिसी के बीच पंजाब सरकार ने 26 फरवरी को राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा को कंपल्सरी करते हुए नई नोटिफिकेशन जारी की है. 

CBSE
CBSE की ओर से सफाई में जारी किया गया पत्र.

इंडिया टुडे के मुताबिक, CBSE ने पंजाबी को कथित तौर पर ‘हटाए’ जाने के आरोपों से इनकार किया है. बोर्ड के एग्ज़ाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा, 

ड्राफ्ट लिस्ट सिर्फ ‘सांकेतिक’ है. किसी भी सब्जेक्ट को हटाया नहीं जाएगा. हाल ही में पेश किए जा रहे सब्जेक्ट्स की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 10वीं की बोर्ड एग्ज़ाम के दोनों चरणों में सभी सब्जेक्ट्स लागू रहेंगे.

CBSE ने ड्राफ्ट पर 9 मार्च तक पब्लिक से फीडबैक मांगा है. ड्राफ्ट अगले सेशन यानी 2025-26 से लागू करने की बात कही गई है. पॉलिसी को फाइनल करने से पहले इसकी समीक्षा की जाएगी. कथित तौरपर पंजाबी भाषा को ‘हटाए’ जाने पर पंजाब की पॉलिटिक्स गरमा गई. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार समेत अन्य नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. आरोप लगाया गया कि BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत आने वाले CBSE बोर्ड की ये ‘सोची-समझी साज़िश’ है. 

उधर, पंजाब सरकार ने 26 फरवरी को कहा कि राज्य के स्कूल भले ही किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हों. लेकिन उनमें पंजाबी भाषा कंपल्सरी और मेन सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाई जाएगी. पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, 

पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं से ‘हटा’ दिया गया है. इसका मतलब है कि पंजाबी मुख्य विषय नहीं है. मुख्य क्षेत्रीय भाषा ख़त्म हो गई है. उन्होंने (केंद्र ने) थाई, जर्मन, फ्रेंच आदि विदेशी भाषाओं को रखा, लेकिन वे पंजाबी को भूल गए. ये पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के खिलाफ एक सोची-समझी साज़िश है. राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से एक नई नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके तहत प्रदेश में किसी भी शिक्षा बोर्ड के तहत 10वीं क्लास के लिए पंजाबी भाषा मेन सब्जेक्ट होगा. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा,

पंजाबी हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में अच्छी तरह से बोली जाने वाली भाषा है. ऐसी अहम भाषा की महान संस्कृति और इतिहास है. पंजाबी सिर्फ एक भाषा नहीं है. ये हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. इसे देशभर में लाखों लोग बोलते हैं. उन्होंने पंजाब की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और घावों पर नमक छिड़का.

शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने इसका विरोध किया. पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री और सीनियर अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने भी कहा कि ये देखना चौंकाने वाला है कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले CBSE ने स्टूडेंट्स के लिए क्षेत्रीय भाषा के विकल्प के तौर पर पंजाबी को ‘हटा’ दिया है. 

पंजाबी सिंगर और ग्लोबल आइकन गुरु रंधावा ने भी इस विषय पर विरोध जताया. उन्होंने X पर कहा, “मेरा पूरा अस्तित्व मेरी भाषा और पंजाबी गीतों की वजह से है. हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पंजाबी भाषा हमारी जड़ है.” ऐसे में CBSE की इस सफाई से मामला कितना शांत होता है, ये देखना दिलचस्प होगा.

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