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महंगाई से आपको राहत देने के लिए RBI ने आपकी EMI बढ़ा दी!

RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया!

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RBI
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)
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प्रदीप यादव
5 अगस्त 2022 (Updated: 5 अगस्त 2022, 11:29 AM IST)
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एक बार फिर आपके होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) समेत सभी तरह कर्ज की EMI का बोझ बढ़ने जा रहा है. शुक्रवार 5 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी (RBI Repo Rate Hike) का ऐलान किया है.  RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है. आरबीआई के इस कदम से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4.90 परसेंट से बढ़ाकर 5.40 परसेंट कर दिया है. इससे पहले आरबीआई ने मई और जून में दो बार में रेपो रेट में 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस तरह से करीब चार महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.40 फीसदी का इजाफा किया है. ताजा बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट कोरोना काल के पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं. 

आमतौर पर नीतिगत दरों में बदलाव आरबीआई की मौद्रिक नीति की दो महीने पर होने वाली बैठक में होता है. 8 जून को हुई मौद्रिक कमेटी की बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था. इससे पहले आरबीआई ने सबको चौंकाते हुए 4 मई 2022 को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी थी. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए आरबीआई ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था लेकिन 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.

आरबीआई के पास नहीं था कोई दूसरा विकल्प

इस वित्तीय वर्ष में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की यह तीसरी बैठक थी. यह कमेटी शक्तिकांत दास की अगुवाई में महंगाई और आर्थिक वृर्द्धि पर विचार-विमर्श कर रही थी. बेकाबू महंगाई पर लगाम के लिए समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि अभी रेपो रेट बढ़ाने के अलावा और कोई दूसरी विकल्प नहीं है. इसलिए रेपो दर को फिर एक बार 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

क्या है Repo Rate?

रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. मतलब बैंकों द्वारा आरबीआई को दिया जाने वाला ब्याज. ये बढ़ेगा तो आप और हम जो बैंकों को कर्ज देंगे, वो बढ़ेगा.

MPC क्या है?

MPC यानी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की साल में कम से चार बार बैठकें होती हैं. मौजूदा महंगाई को देखते हुए फिलहाल हर दो महीने में यह बैठक हो रही है. इस बैठक में मौद्रिक नीति की समीक्षा की जाती है. इस कमेटी का नेतृत्व आरबीआई गवर्नर करते हैं. इसके अलावा MPC में RBI के तीन अधिकारी और तीन बाहरी सदस्य होते हैं जिन्हें सरकार नामित करती है.

वीडियो: RBI ने रेपो रेट बढ़ाया, कितनी बढ़ेगी आपकी होम लोन की EMI?

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