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बाइक से दूर करेंगे बेरोजगारी, Ola-Rapido को लेकर सरकार ने ऐसा ही फैसला किया है

सरकार ने 1 जुलाई को Motor Vehicle Aggregator Guidelines 2025 जारी किया है. इसमें Rapido, Uber, Ola जैसी कंपनियों के लिए गाड़ी की लाइसेंसिंग से लेकर किराया, पेनाल्टी, कैंसिलेशन पर नियम जारी किए गए हैं. नए नियमों में सरकार ने निजी गाड़ी को भी बाइक टैक्सी की तरह ऑपरेट करने की इजाजत दी है.

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govt allowed private vehicles as a bike taxi uber, rapido, ola to be benefited
सरकार का कहना है कि इस कदम से ट्रैफिक, पलूशन कम होगा. लोगों को भी आने जाने के किफायती विकल्प मिलेंगे.
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उपासना
2 जुलाई 2025 (Published: 09:42 AM IST) कॉमेंट्स
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कहीं आने-जाने के लिए आजकल लोग बाइक टैक्सी (Bike Taxi) का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. वजह है, चारपहिया गाड़ियों के मुकाबले सस्ते होते हैं. भारी ट्रैफिक में भी झटपट रास्ता निकालते हुए मंजिल तक पहुंचा देते हैं. खासकर आप अकेले हों तो दफ्तर वगैरह जाने के लिए इससे बेस्ट ऑप्शन और कुछ नहीं. पैसेंजर छोड़िए ड्राइवर्स के लिए भी बाइक से कमाई करना ज्यादा आसान होता है. कई लोगों के लिए तो ये घर खर्ची का इकलौता जरिया है.

मगर नियम कायदों के पेंच की वजह से बाइक टैक्सी का भविष्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ था. बहस चल रही थी कि चारपहिया या तीन पहिया गाड़ियों की तरह बाइक टैक्सी के लिए भी कमर्शल रजिस्ट्रेशन जरूरी किया जाए या नहीं. लेकिन सरकार ने नए आदेश में इस बहस को ही खत्म कर दिया है. सरकार ने आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि प्राइवेट मोटरसाइकल को बाइक टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

नया आदेश क्या कहता है?

1 जुलाई 2025 को जारी मोटर वीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस (Motor Vehicle Aggregator Guidelines) में राइड एग्रीगेटर ऐप्स के लिए कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उसके मुताबिक, राज्य सरकारें नॉन ट्रांसपोर्ट मोटरसाइकल यानी निजी बाइक को शेयर्ड मोबिलिटी ऐप पर चलाने की परमिशन दे सकती हैं. सरकार का कहना है कि इस कदम से ट्रैफिक और प्रदूषण तो कम होगा ही, और लोगों को भी आने जाने के किफायती विकल्प मिलेंगे. गली नुक्कड़ में डिलीवरी पहुंचाई जा सकेंगी और रोजगार के भी नए मौके मिलेंगे.

नियम के मुताबिक, राज्य सरकारें तय करेंगी कि एग्रीगेटर्स को बाइक सर्विस के लिए रोजाना या साप्ताहिक या पखवाड़ा किस आधार पर लाइसेंस देना है. इसके बदले राज्य सरकारें चाहें तो एग्रीगेटर से फीस भी ले सकती हैं. ये पूरी तरह ऐच्छिक है, यानी उनकी मर्जी पर है, लेकिन अनिवार्य नहीं है. हालांकि, इसमें थोड़ा सा पेंच फंसेगा. चूंकि, इस बारे में फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है. इसलिए राज्य सरकारें चाहेंगी तो ही ये फैसला लागू होगा. नहीं चाहेंगी तो नहीं. जैसे कर्नाटक सरकार ने 16 जून से बाइक टैक्सी सर्विस को बंद कर रखा है.

कंपनियां खुश

बहरहाल, अगर राज्य सरकारें इसे लागू कर देती हैं तो राइड बुकिंग कंपनियों को तो राहत मिली ही है. साथ में जो लोग राइड बुकिंग ऐप पर बाइक टैक्सी सर्विस देकर रोजी रोटी चला रहे थे उन्हें भी इससे फायदा मिलेगा. Rapido और Uber ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. कंपनी ने इसे विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. कहा है, ‘पॉलिसी में बदलाव से लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी. गिग इकॉनमी व्यवस्थित होगी. नए दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए कंपनी राज्य सरकारों की पूरी मदद करेगी.’ इधर Uber ने भी इसे डिजिटल इकॉनमी की दिशा में बड़ा कदम बताया गया है. कंपनी ने कहा है कि नए नियम समय से लागू हो जाएं ये भी तय करना होगा.

वीडियो: सुर्खियां: दिल्ली में उबर और रैपिडो की बाइक सर्विस पर रोक, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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