Nifty ने 14 महीने के बाद तोड़ा रिकॉर्ड, निवेशकों पर बरसे 96 हजार करोड़, इतनी तेजी आई कैसे?
Nifty at Record High: निफ्टी आज करीब 90 अंक चढ़कर 26,295.55 पर पहुंच गया, जो इसका रिकॉर्ड हाई लेवल है. पिछले साल सितंबर में निफ्टी 50 इंडेक्स का रिकॉर्ड हाई लेवल 26,277.35 अंक था. लेकिन बाजार इतना झूम क्यों रहा?

काफी महीनों बाद शेयर बाजार में चमक वापस लौटी है. ऐसी कि निफ़्टी अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. निफ्टी आज करीब 90 अंक चढ़कर 26,295.55 पर पहुंच गया, जो इसका रिकॉर्ड हाई लेवल है. पिछले साल सितंबर में निफ्टी 50 इंडेक्स का रिकॉर्ड हाई लेवल 26,277.35 अंक था. इसके बाद 7 अप्रैल 2025 को ये 21,743.65 तक टूट गया था और अब ये करीब 21 फीसदी रिकवर होकर नए हाई पर पहुंचा है.
वहीं सेंसेक्स का पिछले रिकॉर्ड हाई लेवल 85,978.25 अंक था. हालांकि अभी सेंसेक्स ने रिकॉर्ड हाई लेवल टच नहीं किया है, लेकिन यह भी अपने पिछले हाई लेवल के काफी करीब है. सेंसेक्स 300 अंक चढ़कर 85,912.94 पर कारोबार कर रहा है. शेयर बाजार की इस बढ़त के बीच BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 96 हजार करोड़ रुपये बढ़ गया, यानी इन्वेस्टर्स को 96 हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ है.
कौन से शेयर भाग रहे?BSE पर आज 3424 शेयरों की ट्रेडिंग हो रही हैं. इसमें 1904 शेयर मजबूत दिख रहे तो 1904 में गिरावट है. जबकि 211 में कोई बदलाव नहीं दिख रहा. इसके अलावा 62 शेयर एक साल के हाई और 57 शेयर एक साल के निचले स्तर पर हैं. वहीं 89 शेयर अपर सर्किट पर पहुंच गए तो 63 शेयर लोअर सर्किट पर आ गए.
BSE के टॉप 30 शेयरों की बात करें, तो इनमें से 11 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि 19 शेयरों में तेजी है. बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के शेयर टॉप परफॅामर हैं. लूजर वाले शेयरों में जोमैटो और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं. अगर अलग-अलग सेक्टर्स की बात करें तो PSU Bank, कंज्यूमर्स और ऑयल एंड गैस को छोड़कर सभी सेक्टर में अच्छी तेजी देखी जा रही है.
RBI गवर्नर के बयान का असर!कुछ जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार में आई इस तेजी के पीछे की वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा का एक बयान है. सोमवार, 24 नवंबर को उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है. उनके मुताबिक अक्टूबर 2025 में हुई पिछली एमपीसी मीटिंग में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह कमेटी पर निर्भर करेगा कि वो इसपर कोई फैसला लेगी या नहीं.
ये भी हैं कारण हैंकुछ जानकारों का कहना है कि सितंबर 2024 के बाद से बाजार अच्छा खासा गिर गया था. इसकी कई वजहें थीं. जैसे कंपनियों के शेयरों की वैल्युएशन काफी ज्यादा हो गई थी. शेयरों की वैल्युएशन का मतलब किसी कंपनी के शेयर की असली कीमत का अंदाजा लगाना. यानी वह शेयर महंगा है या सस्ता है या अपनी सही कीमत पर ट्रेड हो रहा है.
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जानकार ये भी बताते हैं कि कंपनियों के मुनाफे घटने से विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार अपने शेयर बेच रहे थे. लेकिन अब ये सब दिक्कतें काफी हद तक कम हो गई हैं. इसके अलावा भारत ही नहीं, दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की तरफ से इंटरेस्ट रेट्स में कटौती की उम्मीदें जताई जा रही हैं. वहीं, भारत में जीएसटी टैक्स दरों में कमी के चलते आर्थिक ग्रोथ बढ़ने की भी उम्मीद है. कुल मिलाकर इन सभी कारकों को मार्केट के बढ़ने का कारण बताया जा रहा है.
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