रेंट एग्रीमेंट 2025 आया, अब ना मनमानी डिपॉजिट चलेगा ना अचानक किराया बढ़ेगा
New rent rules 2025 के आते ही रीलबाज पूरा किराया देने को तैयार हो गए हैं. बोले तो सब अपने हिसाब से नियम-कानून बता रहे. आपको जानना चाहिए कि कैसे रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 मनमाने तरीके से (New Rent Agreement Act 2025) किराये में बढ़ोतरी रोकेगा तो सिक्योरिटी मनी और कागज-पत्री का प्रोसेस आसान बनाएगा.

किरायेदार और मकान मालिक गणित की समांतर रेखाओं (Parallel lines) जैसे हैं. जो साथ-साथ में तो चलती है मगर मिलती नहीं, वैसे ही किरायेदार और मकान मालिक का मामला भी है. ये साथ में होते हुए भी कभी मिलते नहीं है. इनके बीच के झगड़े कभी खत्म ही नहीं होते हैं. बात कब खिड़की-दरवाजे से होते हुए कोरट पहुंच जाती है, पता ही नहीं चलता. इसका अंदाजा सरकार को भी है इसलिए वो रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 लेकर (new Rent Agreement Act 2025) आई है. लेकिन इसके आते ही रीलबाज भी अपना भाड़ा वसूलने को तैयार हो गए हैं. फिजूल का ज्ञान बांट रहे हैं.
इसलिए हमें लगा कि New rent rules 2025 पर बात कर लेना चाहिए. आपको जानना चाहिए कि कैसे रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 मनमाने तरीके से किराये में बढ़ोतरी रोकेगा तो सिक्योरिटी मनी और कागज-पत्री का प्रोसेस आसान बनाएगा.
रेंट एग्रीमेंट नियम 2025# 60 दिन का समय: एक मकान मालिक और किरायेदार के बीच की सबसे बड़ी कड़ी याने रेंट एग्रीमेंट के लिए 60 दिन की समय सीमा तय की गई है. डिजिटल स्टैंप मारा हुआ और ऑनलाइन रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट हर किरायेदार के पास 60 दिनों के भीतर होना ही चाहिए. रजिस्ट्रेशन न कराने पर राज्यों के आधार पर ₹5,000 से शुरू होने वाला जुर्माना लग सकता है.
# सिक्योरिटी डिपॉजिट अपने आप में दर्द है. अभी तलक मकान मालिक अपने मन मुताबिक डिपॉजिट वसूलते थे मगर अब इसकी लिमिट भी तय की गई है. घर भाड़े पर दिया है तो 2 महीना और अगर कमर्शियल प्रॉपर्टी है तो 6 महीने का डिपॉजिट लिया जा सकता है. माने किराये से घर लेने के लिए अब लोन लेने की जरूरत नहीं होगी.
# सिक्योरिटी डिपॉजिट के बाद दूसरा दर्द है किराया बढ़ोतरी. मकान मालिक इसमें भी अपनी मर्जी चलाते हैं. लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा. किराया सिर्फ 12 महीने पूरे होने के बाद और मकान मालिक द्वारा 90 दिन का लिखित नोटिस दिए जाने पर ही बदला जा सकता है.
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# मकान मालिक हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि कभी भी घर में घुस जाओगे. मतलब आप समझ ही गए होंगे. नया नियम इसमें किरायेदार की मदद करेगा. किराये के कमरे या घर में जांच के लिए आने से पहले मकान मालिक को कम से कम 24 घंटे पहले लिखित नोटिस देना होगा.
# किराये के घर या प्रॉपर्टी में मरम्मत भी एक बड़ा कारण है विवाद का. नए नियम में इसके लिए भी प्रबंध है. अगर जरूरी मरम्मत की रिपोर्ट की जाती है तो मकान मालिक को कानूनी तौर पर 30 दिनों के अंदर उन्हें पूरा करना होगा. नहीं तो किरायेदार किराये से खर्च से काट सकता है.
# अभी के अभी घर खाली करो: ये अब नहीं हो पाएगा क्योंकि किराये से निकालने की इजाज़त सिर्फ़ रेंट ट्रिब्यूनल के आदेश से और सिर्फ़ कानूनी तौर पर बताए गए आधार पर ही की जाएगी, मकान मालिक अपनी मर्जी से ये काम नहीं होगा. रेंट ट्रिब्यूनल को फाइल करने की तारीख से 60 दिनों के अंदर किराएदारी के झगड़ों का फ़ैसला करना ज़रूरी है. इसमें किरायेदार को हटाने जैसा विवाद भी शामिल है.
# किरायेदारों को किराये की प्रॉपर्टी पर रहने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन करवाना होगा. मकान मालिक ने अगर ज़बरदस्ती निकाला, डराया या धमकाया,बिजली या पानी का कनेक्शन काटा तो कानूनी तौर पर सजा का प्रावधान है.
किराये के भुगतान के लिए भी नियम आया है. 5,000 से अधिक मासिक किराये के लिए डिजिटल पेमेंट करना होगा. किराया अगर 50 हजार रुपये प्रति माह ज्यादा है तो अब धारा 194-आईबी के तहत टीडीएस लागू होगा.
कुल जमा बात यह है कि रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 किरायेदार और मकान मालिक के बीच के झगड़ों को कम करेगा. एक तरफ किरायेदार को सिक्योरिटी डिपॉजिट और किराये में बढ़ोतरी जैसी चीजों का सामना नहीं करना पड़ेगा तो मकान मालिक के पास डॉक्यूमेंट और डिजिटल रिकॉर्ड होंगे.
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