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अब आपको कंपनी बनानी है तो चाहिए सिर्फ एक पैन कार्ड, पहले क्या झमेला था?

बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है.

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Budget 2023 Pan Card
पैन कार्ड का सांकेतिक फोटो. (फोटो: सोशल मीडिया)
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1 फ़रवरी 2023 (Updated: 1 फ़रवरी 2023, 15:06 IST)
Updated: 1 फ़रवरी 2023 15:06 IST
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट भाषण (Budget 2023) के दौरान पैन कार्ड को लेकर एक बड़ी घोषणा की.उन्होंने कहा कि अब कंपनी खोलने के लिए या अपना बिजनेस शुरू करने के लिए बस पैन कार्ड की जरूरत होगी.केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ये पूरे देश में एक सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा. मतलब, बिजनेस शुरू करने के लिए अब पैन कार्ड के अलावा दूसरे दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार इस संबंध में घोषणा कर सकती है.

 
पहले किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी?

वित्त मंत्री के इस ऐलान से पहले तक भारत में किसी कंपनी को खोलने या बिजनेस शुरू करने के लिए कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी.  इसमें कंपनी के डायरेक्टर्स के पैन कार्ड की जरूरत पड़ती था. इन पैन कार्ड्स पर छपे नामों का यूज कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री करती है.

पैन कार्ड्स के अलावा डायरेक्टर्स को एड्रेस प्रूफ देना पड़ता था. इस एड्रेस प्रूफ में कंपनी के डायरेक्टर्स के नाम पैन कार्ड में छपे नामों से मेल खाने चाहिए.साथ ही साथ ये डॉक्यूमेंट्स कम से कम दो महीने पुराने तो होने ही चाहिए. एड्रेस प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल, टेलीफोन बिल और आधार कार्ड का यूज हो सकता था.

एड्रेस प्रूफ के अलावा रेजिडेंसियल प्रूफ की भी जरूरत पड़ती थी. इसकी जरूरत इसलिए पड़ती थी ताकि डायरेक्टर्स के करेंट एड्रेस का प्रूफ दिया जा सके. इस रेजिडेंसियल प्रूफ में भी डायरेक्टर्स के नाम पैन कार्ड में छपे नाम से मेल खाने चाहिए. रेजिडेंसियल प्रूफ के तौर पर बैंक स्टेटमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि को जमा किया जा सकता था.

अगर कोई विदेशी व्यक्ति भारत आकर बिजनेस शुरू कर रहा है या फिर कंपनी खोल रहा है, तो उसे पासपोर्ट तो देना ही देना है. साथ ही साथ बाकी के दस्तावेज तो देने ही हैं. अगर ये दस्तावेज दूसरी भाषा में हैं, तो एक आधिकारिक ट्रांसलेटर से इनको ट्रांसलेट करवाना  जरूरी था.

इन दस्तावेजों के अलावा रजिस्टर्ड ऑफिस का एड्रेस प्रूफ देना भी जरूरी था. इसे कंपनी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तीस दिनों के भीतर जमा किया जाना जरूरी था. ये एड्रेस प्रूफ कंपनी के नाम पर होना चाहिए था. अगर ऑफिस किराए पर लिया  गया है तो मालिक से NOC सर्टिफिकेट भी लिया जाना जरूरी है.

इन डॉक्यूमेंट्स के अलावा INC-9, MOA और AOA जैसे कुछ दूसरे डॉक्यूमेंट्स की भी जरूरत पड़ती थी. इन डॉक्यूमेंट्स को इस क्षेत्र के एक्सपर्ट्स तैयार करते थे.

वीडियो: बजट कैसे बनाया जाता है, हलवा सेरेमनी के पीछे की पूरी कहानी

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