The Lallantop
Advertisement

'शार्क टैंक' वाले अमन गुप्ता की BoAt कंपनी के बही-खातों में गड़बड़ी का दावा, IPO फंस जाएगा?

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सेबी के सौंपे गए आईपीओ दस्तावेजों (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) में कंपनी ऑडिटर्स ने कई ऐसे मामलों का जिक्र किया है, जहां उधार देने वाले बैंकों को भेजी गई तिमाही रिपोर्ट और कंपनी के बही-खातों में अंतर पाया गया.

Advertisement
Aman Gupta
अमन गुप्ता बोट कंपनी के को -फाउंडर हैं (फोटो क्रेडिट: Aaj Tak)
pic
प्रदीप यादव
11 दिसंबर 2025 (Published: 10:33 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

आईपीओ यानी इनीशियल पब्लिक ऑफर लाने की तैयारी में लगी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कंपनी बोट (BoAt) को झटका लग सकता है. कंपनी ने जो कागज पत्तर बैंकों के साथ साझा किये हैं उनकी जानकारी कथित तौर पर कंपनी के इंटर्नल रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सेबी के सौंपे गए आईपीओ दस्तावेजों (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) में कंपनी ऑडिटर्स ने कई ऐसे मामलों का जिक्र किया है, जहां उधार देने वाले बैंकों को भेजी गई तिमाही रिपोर्ट और कंपनी के बही-खातों में अंतर पाया गया.

BoAt की पैरेंट कंपनी का नाम इमैजिन मार्केटिंग (Imagine Marketing) है. इसने खुलासा किया है कि पिछले कई सालों में ऑडिटर्स ने कई ऐसी टिप्पणियां और आपत्तियां दर्ज की थीं जो कंपनी के पक्ष में नहीं हैं. ये सभी कथित गड़बड़ियां वित्त वर्ष 2023, 2024 और 2025 से संबंधित थीं. ऑडिटर्स ने चिंता जताई कि कंपनी ने कई बार उधार के पैसे का इस्तेमाल उन कामों में किया, जिसके लिए वे मंजूर नहीं किए गए थे.

इसे भी पढ़ें: ट्रंप का 'गोल्ड कार्ड' वीजा तुरंत दिलाएगा अमेरिकी नागरिकता, लेकिन एक शर्त है

कंपनी के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस पर सोशल मीडिया में भी सवाल उठाए गए हैं. खासकर उन ट्रांजैक्शन पर जिनके बारे में कंपनी ने अपने बही खातों में जानकारी नहीं दी है.

इसे भी पढ़ें: अमेरिका के बाद इस देश ने भी भारत की टेंशन बढ़ा दी, 50% तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया

हालांकि, कंपनी ने कहा कि उसने ऑडिटर्स की कुछ आपत्तियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं. इनमें शेयरधारकों के प्रस्ताव के जरिए निदेशकों को दी गई अतिरिक्त वेतन-राशि के लिए छूट लेना और इस वित्त वर्ष से सही और सटीक आंकड़े रिपोर्ट करना शामिल है. इसके अलावा कंपनी ने सफाई दी है कि मौजूदा वित्त वर्ष से सही आंकड़े रिपोर्ट किए जाएंगे ताकि बही-खातों और बैंकों को भेजे गए रिटर्न में अंतर कम किया जा सके.

इस बीच, कंपनी के को-फाउंडर और सर्वेसर्वा अमन गुप्ता अब नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बन गए हैं. दूसरे को-फाउंडर और सीईओ समीर मेहता को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है.

वीडियो: 'धुरंधर' के लिए अक्षय खन्ना को रणवीर सिंह से 20 गुना कम पैसे मिले

Advertisement

Advertisement

()