The Lallantop
Advertisement

बैंक डूबा तो 5 नहीं, 10 लाख रुपये मिलेंगे! सरकार बढ़ा सकती है डिपॉजिट बीमा की सीमा

अगर बैंक किसी तरह बंद हो जाता है या दिवालिया हो जाता है तो इस स्थिति में आपको 5 लाख रुपये तक Bank Deposit Insurance मिलता है. अब केंद्र सरकार इस लिमिट को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक करने पर विचार कर रही है.

Advertisement
bank deposit insurance cap hike 5 lakh upto 10 lakh government is increase limit
केंद्र सरकार बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है (फोटो: आजतक/AI)
pic
अर्पित कटियार
26 मई 2025 (Published: 02:50 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

फरवरी में मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ये चर्चा तेज हो गई कि क्या बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए?(Bank Deposit Insurance Cap Hike). जिसकी लिमिट अब तक 5 लाख है. ऐसा पहली बार नहीं है कि कोई बैंक किसी संकट से गुजर रहा हो या उस पर कोई बैन लगाया गया हो. ऐसे में बैंक में डिपॉजिट करने वाले लोग इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनकी जमा पूंजी का क्या होगा? अब ये चिंता कुछ हद तक कम हो सकती है. क्योंकि, केंद्र सरकार बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक करने पर विचार कर रही है.

बिजनेस स्टैंडर्ड को सूत्रों ने बताया कि आने वाले 6 महीनों में इस लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है. हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. इससे पहले फरवरी में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने भी मीडिया से बात करते हुए यही बात कही थी. उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्रालय डिपॉजिट इंश्योरेंस के लिए 5 लाख रुपये की वर्तमान सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा था,

उस (डिपॉजिट इंश्योरेंस बढ़ाने) पर विचार किया जा रहा है. जैसे ही सरकार मंजूरी देगी, हम इसकी नोटिफिकेशन जारी कर देंगे.

DICGC क्या है?

DICGC यानी ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन' रिजर्व बैंक की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर देती है. DICGC एक्ट के तहत बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की राशि दी जाती है. इसे एक उदाहरण से समझिए. मान लीजिए कि बैंक में आपके 7 लाख रुपये जमा है. अगर बैंक किसी तरह बंद हो जाता है तो इस स्थिति में आपको 5 लाख रुपये बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत मिल जाएंगे. यानी बचे हुए 2 लाख रुपये का आपको नुकसान उठाना पड़ेगा.

पहले भी बढ़ चुकी लिमिट

भारत में डिपॉजिट इंश्योरेंस योजना की शुरुआत 1962 में हुई थी. उस समय बीमा की सीमा मात्र 1,500 रुपये थी. बाद में, जमा बीमा की सीमा को कई बार बढ़ाया गया. 1976 में 20,000 रुपये, 1980 में 30,000 रुपये, 1993 में 1 लाख रुपये तक बढ़ाया गया. इसके बाद पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक संकट के चलते फरवरी 2020 में इसे ₹5 लाख तक कर दिया गया. 

ये भी पढ़ें: PM मोदी बोले- बैंक डूबा तो 90 दिन में मिल जाएगा जमाकर्ताओं को उनका पैसा

क्या है प्रक्रिया?

अगर बैंक किसी वजह से दिवालिया होता है या किसी संकट के चलते बंद हो जाता है या उस पर बैन लगा दिया जाता है. ऐसे में नियम ये है कि 90 दिन में आपको DICGC के तहत पैसा वापस मिल जाता है. इसके लिए प्रभावित बैंक को 45 दिन में DICGC को खाताधारकों की जानकारी भेजनी होती है. इसके बाद DICGC इंश्योरेंस की रकम बैंक को देता है और फिर बैंक अपने ग्राहकों की जमा रकम के आधार पर इंश्योरेंस का पैसा उनके अकाउंट में भेज देता है. 

वीडियो: खर्चा पानी: हेल्थ इंश्योरेंस पर मोदी सरकार बड़ा फैसले लेने जा रही है, क्या बदलेगा?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement