जितने हमारे जीवन में रंग हैं, शायद उतने ही हमारी कारों और दोपहिया वाहनों में भी. तकरीबन हर रंग में आपको वाहन मिलेंगे. अब तो रंग बदलने वाली कारें भी आने लगी हैं. सब ‘रंगा-चंगा’ सी, लेकिन टायर के साथ गंदा सी. मतलब वो बेचारा काले रंग का ही है. सफेद क्यों नहीं, और सफेद क्या गुलाबी, हरा, नीला, पीला क्यों नहीं? सोचकर देखिए. चलिए हमने सोचकर देखा. पता चला, इसके पीछे टायर की कोई गलती नहीं, बल्कि साइंस की करामात है. अब टायर की तरह गोल-गोल नहीं घुमाते हैं और सीधे पॉइंट पर आते हैं.
गाड़ी का टायर काला ही क्यों होता है? सफेद कर दें तो क्या होगा?
आसमां है नीला क्यों... पानी गीला-गीला क्यों...
नहीं, बिल्कुल नहीं. इसके लिए जरा 125 साल पीछे चलते हैं. बात तब की, जब रबर की खोज हुई. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कच्चा रबर हल्के पीले रंग का होता है. जब इस रबर से टायर बनाए जाने लगे, तो वे बहुत जल्दी घिस जाते थे. ज्यादा वजन भी नहीं उठा पाते थे. इसके बाद थोड़ी और रिसर्च की गई और इसको हार्ड बनाने के लिए इसमें मिलाया गया जिंक आक्साइड (Zinc Oxide). अब टायर हो गया पूरा सफेद, जो आप कई सारी पुरानी गाड़ियों में देख सकते हैं. वैसे इससे भी उतना फायदा हुआ नहीं. समय बदला और फिर BFGoodrich नाम की अमेरिकी कंपनी ने इसमें मिलाया कार्बन, तो टायर हो गया काला. वैसे ये वो कार्बन नहीं है, जो आप समझ रहे हैं.
ये कार्बन निकलता है क्रूड ऑइल (Crude Oil) से, जो अपेक्षाकृत सस्ता होता है. लेकिन इसका असल कमाल टायर की लाइफ पर पड़ा. जहां एक सादा रबर का जो टायर करीब 8 हजार किलोमीटर में दम तोड़ देता था, लेकिन कार्बन मिलने से वो 40 से 50 हजार किलोमीटर चलने लगा. आजकल तो टायर 1 लाख किलोमीटर तक चलते हैं, वजह है कार्बन के साथ सल्फर का मिलना.
आपने छोटे बच्चों की साइकिल में रंगीन टायर देखा होगा. बच्चों की साइकिल पर ज्यादा बोझ भी नहीं होता. बच्चों की साइकिल कम दूरी के लिए होती है और उनके टायर के घिसकर खत्म होने में बहुत दिन लगते हैं. क्योंकि बच्चों के लिए रंग-बिरंगा चीजें, टायर के मजबूत होने से ज्यादा मायने रखती हैं, इसलिए उनकी साइकिल में रंगीन टायर भी चलते हैं. लेकिन असल जिंदगी में ऐसा संभव नहीं.
रंगीन टायर बनाने के लिए रबर में रंग मिलाना होगा और कार्बन और सल्फर की मात्रा कम… बहुत कम करनी होगी. इस तरह तैयार किए गए टायर मजबूत नहीं होंगे. हालांकि, तकनीक में लगातार प्रयोग हो रहे हैं और हो सकता है कि मजबूत टायर बनाने के लिए रबर में मिलाए जाने वाले कार्बन का कोई ऑप्शन मिल जाए और भविष्य में कार, ट्रक वगैरह में रंगीन टायर नजर आने लगें.
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