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एंड्रॉयड और iOS को अपने ऑपरेटिंग सिस्टम से टक्कर देने के प्लान में सरकार!

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर हो रहा है मंथन.

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अभी मार्केट में एंड्रॉयड और iOS का दबदबा
भारत सरकार (Indian government) मोबाइल के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम लाने के बारे में विचार कर रही है. बिल्कुल सही पढ़ा आपने. कोई मोबाइल बनाने वाली कंपनी नहीं, बल्कि केंद्र सरकार भारतीय मार्केट में Google के एंड्रॉयड और Apple के आईओएस को टक्कर देने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार नया ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की योजना पर काम कर रही है. बात करें मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की तो आज की तारीख में एंड्रॉयड और iOS का पूरी तरह से कब्जा है. इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लगभग 70 प्रतिशत मोबाइल एंड्रॉयड पर और 29 प्रतिशत मोबाइल iOS पर चलते हैं. भारत में तो एंड्रॉयड की हिस्सेदारी करीब 95 प्रतिशत है. "अभी कोई तीसरा नहीं है", इसलिए भारत सरकार और आईटी मंत्रालय को स्मार्टफोन के लिए एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में दिलचस्पी है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार संबंधित लोगों से बात कर रही है और इससे जुड़ी नीति पर भी गौर कर रही है. स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए सरकार काबिल स्टार्ट अप्स और एकेडमिक इकोसिस्टम तलाश कर रही है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वास्तव में ऐसा कुछ किया जा सकता है तो सरकार की इसमें बहुत दिलचस्पी है. वैसे मोबाइल के लिए नया ऑपेरेटिंग सिस्टम बनाना कोई नई बात नहीं है. 2007 में एंड्रॉयड और iOS के बाजार में आने के बाद सैमसंग द्वारा Tizen और Bada, व माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से विंडोज फोन बाजार में उतारे गए, लेकिन इनका कोई प्रभाव पड़ा नहीं. करीब दो साल पहले हुवावे ब्रांड ने Harmony OS और एक डेवलपर जोला ने कुछ साल पहले SailfisOS को बनाया जो मार्केट में उपलब्ध हैं, लेकिन इनका यूजर बेस लगभग ना के बराबर है. अभी के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम भले दूर की कौड़ी लगे, लेकिन सरकार नया ओएस लाती है या एंड्रॉयड जैसे ओपन प्लेटफॉर्म पर ही कुछ नया डेवलप करती है. नाम भी मज़ेदार हो सकता है. संभव है कि सरकारी ऑपरेटिंग भी iOS ही हो मतलब इंडियन ऑपरेटिंग सिस्टम.