The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

गेंदबाजों की कमियां तो खूब निकालीं, अब जरा बल्लेबाजों को भी देख लीजिए

बल्लेबाजों की गलती थी.

post-main-image
शुभमन गिल, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर (फोटो - AP)

इंडिया वर्सेज़ इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ 2-2 से ड्रॉ हो गई है. एजबेस्टन में खेले गए पांचवें टेस्ट मैच को इंग्लैंड की टीम ने सात विकेट से जीता. इस जीत के लिए मैच की चौथी पारी में अंग्रेजों के पूर्व टेस्ट कप्तान जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने शतकीय पारी खेली है. और दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर 378 रन के टार्गेट को बेहद आसान बना दिया.

ये सारी बासी बातें अब तक तो आपके कानों में पड़ ही गई होंगी. और अगर आप सोशल मीडिया चलाते हैं, तो वहां बैठे विशेषज्ञों ने आपको ये भी बता दिया होगा कि भारतीय गेंदबाज 378 रन का टार्गेट डिफेंड नहीं कर पाए. और इसके साथ ही तमाम लोग पिछले कुछ मैच के आंकड़े भी ले ही आए होंगे, कि इंग्लैंड से पहले और किस-किसने हमारे खिलाफ़ चौथी पारी में आसानी से टार्गेट चेज किए. कैसे हमारी वर्ल्ड क्लास बोलिंग लगातार फेल हो रही है. कोई भी बैटर इन्हें पीट दे रहा है. और भी तमाम चीजें.

लेकिन इन सबके बीच हमारे महान बल्लेबाजों पर तो कोई बात ही नहीं हुई. लोग बता ही नहीं रहे कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ हमारे महान बैटिंग ऑर्डर ने क्या किया. क्या उन्होंने इंग्लैंड के प्लेयर्स की हालिया फॉर्म देखते हुए बोर्ड पर एक बढ़िया टोटल टांगा?

न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के बीच हुई तीन मैच की टेस्ट सीरीज़ हम सबने देखी ही थी. और उसमें पता चल ही चुका था कि इंग्लैंड के प्लेयर्स टेस्ट नहीं वनडे या T20 क्रिकेट खेल रहे है. तो ऐसे में बोर्ड पर 450 से कम का स्कोर तो होना ही नहीं चाहिए था. लेकिन हमारे बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाए. और ये पहली बार नहीं हुआ है जब वो इसमें फेल हुए हों. इसीलिए हमने सोचा कि क्यों ना आपको इन तीनों मैच में हमारी बल्लेबाजी याद दिलाई जाए.

#साउथ अफ्रीका के खिलाफ़

26 दिसंबर. साल 2021. साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ हमने उन्हीं के घर पर टेस्ट सीरीज़ खेलनी शुरू की. पहला मुकाबला सेंचुरियन में हुआ. इस मैच की पहली पारी में केएल राहुल के 123 और मयंक के 60 रन के दम पर हमने 327 रन बनाए. जवाब में विरोधी टीम से कुल एक पचासा आया, जो कि टेम्बा बवुमा ने लगाया.

मोहम्मद शमी के पांच विकेट और उनके साथ बाकी बोलर्स के कमाल के चलते साउथ अफ्रीका कुल 197 रन ही बना पाई. अब टीम इंडिया के पास 130 रन की लीड थी. लेकिन जब हमने दोबारा बल्लेबाजी की, तो हम कुल 174 रन ही बना पाए. इस पारी में हमारे लिए सबसे ज्यादा, 34 रन पंत ने बनाए.

अब पहली पारी में गेंदबाजों ने जो 130 रन की लीड दिलाई थी. उसके दम पर साउथ अफ्रीका को 305 रन बनाने थे. एक बार फिर हमने उनको 191 रन पर ऑल आउट कर दिया. और 113 रन से ये मैच जीत लिया. अब आप ही देखिए कि ये मैच हमें बोलर्स ने जिताया या बैटर्स ने.

#बल्लेबाज फिर फ्लॉप

खैर, इस लीड के बाद अब आया जोहानसबर्ग टेस्ट. यहां हमारी टीम ने पहले बल्लेबाजी की और 202 रन बनाए. राहुल ने 50, अश्विन ने 46, मयंक अग्रवाल ने 26 और हनुमा विहारी ने 20 रन की पारियां खेली. इन चार के अलावा कोई और 20 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया.

जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम ने 229 रन बनाए. उनको रोकने का काम शार्दुल ठाकुर ने किया था, सात विकेट निकालकर. अब टीम इंडिया 27 रन से पीछे थी. दूसरी पारी में वापसी का मौका था. लेकिन यहां पर भी हम कुल 266 रन ही बना पाए. जिसमें से 27 रन घटा दें, तो साउथ अफ्रीका को जीतने के लिए चाहिए थे 240 रन.

बता दूं, टीम इंडिया को यहां तक पहुंचाने के लिए पुजारा और रहाणे ने पचासा लगाया था. और हनुमा विहारी ने 40 रन की पारी खेली थी. लेकिन ये पारियां किसी काम नहीं आईं. क्योंकि साउथ अफ्रीका को जीत के लिए अपनी जमीन पर सिर्फ 240 रन बनाने थे. और कप्तान डीन एल्गर ने 96 रन की नॉट आउट पारी खेल मैच खत्म कर दिया.

#बल्लेबाजी एक बार और फ्लॉप 

सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर थी. हमारे बैटर्स को कमबैक करने की बहुत ज्यादा जरूरत थी. लेकिन केपटाउन में हुए तीसरे मुकाबले में हमने फिर पहले बल्लेबाजी की, और सिर्फ 223 रन बनाए. विराट कोहली ने 79, पुजारा ने 43 और पंत ने 27 रन का योगदान दिया. इसके अलावा एक भी बल्लेबाज 20 का आंकड़ा नहीं पार कर पाया.

इसके बाद हमारे बोलर्स फिर एक्शन में आए और साउथ अफ्रीका को 210 रन पर समेट दिया था. क्रेडिट मिला बुमराह के पांच विकेट को. और टीम इंडिया के पास 13 रन की लीड. लेकिन दूसरी पारी में हमारे बैटर्स फिर ढह गए. ऋषभ पंत की सेंचुरी के बावजूद हमारी दूसरी पारी 198 रन पर ही सिमट गई.

पंत के अलावा कोहली ने 29, राहुल ने 10, मयंक ने सात, पुजारा ने नौ, रहाणे ने एक, अश्विन ने सात और ठाकुर ने कुल पांच रन बनाए. साउथ अफ्रीका को जीत के लिए सिर्फ 212 रन बनाने थे. और उन्होंने सिर्फ तीन विकेट खोकर ये रन बहुत आराम से बना लिए. साथ में सीरीज़ को भी 2-1 से अपने नाम कर लिया.

# एजबेस्टन की दूसरी पारी में हमारी बल्लेबाजी

अब बीते मैच पर आते हैं. जहां हमारे गेंदबाज 378 रन नहीं बचा पाए. यहां से मैं आपको थोड़ा फ्लैशबैक में लेकर जाना चाहती हूं. मई–जून के महीने में. जब न्यूज़ीलैंड की टीम इंग्लैंड के दौरे पर तीन टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलने आई थी. ये तीनों मुकाबले इंग्लैंड ने चेज़ करते हुए जीते थे.

पहले मैच में जो रूट के शतक के दम पर 276 रन चेज़ कर लिए. दूसरे मैच में जॉनी बेयरस्टो के शतक के दम पर 299 रन बना दिए. फिर तीसरे मैच में ओली पोप, जो रूट और जॉनी बेयरस्टो की बल्लेबाजी के दम पर 296 रन बना कर सीरीज़ अपने नाम कर ली. और इन सभी मैच को इंग्लैंड ने क़रीबन पांच या सात विकेट से जीता था.

और इतना देखने के बाद दुनिया को पता था कि इंग्लैंड का मिडल ऑर्डर जबर फॉर्म में है. 300 के आस-पास का स्कोर ये टीम बड़ी आसानी से चेज कर रहे हैं. और टीम इंडिया ने ये जानने के बाद भी गलती की. पहली पारी में तो हमने ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा के शतक के दम पर 416 रन बना दिए.

उसके बाद इंग्लैंड को 284 पर समेट कर 132 की लीड भी ले ली. लेकिन फिर दूसरी पारी में हमारी टीम 245 रन ही बना पाई. जिसमें पुजारा और पंत के बल्ले से पचासे आए. इनके अलावा गिल ने चार, हनुमा विहारी ने 11, विराट कोहली ने 20, श्रेयस अय्यर ने 19, जडेजा ने 23, ठाकुर ने चार रन बनाए.

हमने चौथी पारी में चेज करने की मास्टर होती जा रही इंग्लैंड को कुल 378 का टार्गेट दिया. इसके बाद रिजल्ट देख गंगाजल का वही डायलॉग याद आता है जो अखिलेंद्र मिश्रा ने बीड़ी जलाते हुए कहा था, ‘ई तो हैशटैग होना ही था.’

बाउंसर बॉल आयी तो स्टुअर्ट ब्रॉड अंपायर से शिकायत करने चले गए