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बिली बाउडन से चार कदम आगे निकला ये अंपायर, सिर के बल देता है डिसीज़न!

इंटरनेट पर खूब वायरल है इनका वीडियो.

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तस्वीर में अंपायर दीपक राजाराम नाइक नवारे ( फोटो क्रेडिट : Twitter Screengrab)
अंपायरिंग काफी कठिन जॉब है. हमेशा एकाग्रता बनाए रखनी होती है. एक गलत फैसले की वजह से मैच का परिणाम भी बदल सकता है. अक्सर मैदानी अंपायर बेहद गंभीर मुद्रा में ध्यान लगाए क्रिकेट फील्ड पर नज़र आते हैं. हालांकि, कुछ अंपायर्स ऐसे भी हुए हैं, जो अपने अंदाज़ या यूं कहें कि अंपायरिंग सिग्नल देने की वजह से मशहूर हुए. और हमारे ज़हन में सबसे पहला नाम बिली बाउडन का ही आता है. जब भी बिली बाउडन को चौके, छक्के या आउट का सिग्नल देना होता था. वह अलग अंदाज़ में दिया करते थे. हालांकि, बिली बाउडन अब इंटरनेशनल क्रिकेट में सक्रिय नहीं हैं. उन्हें ICC ने अपने एलीट पैनल से निकाल दिया है. और इस समय बिली बाउडन न्यूज़ीलैंड की घरेलू सर्किट में अंपायरिंग कर रहे हैं.  लेकिन ऐसा लगता है कि क्रिकेट को नया बिली बाउडन मिल गया है. एकदम अपडेटेड वर्जन. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. यह वीडियो एक क्रिकेट मैच का है. जहां वाइड बॉल का सिग्नल देने के लिए अंपायर दोनों हाथ फैलाकर नहीं बल्कि सिर के बल खड़े होकर पैरों को फैलाकर वाइड का सिग्नल देते हैं. नो बॉल होने पर ये अंपायर पहले बैक जंप लगाता है. फिर नो बॉल का सिग्नल देता हैं. इसी तरह चौके-छक्के लगने पर भी ये अंपायर गोविंदा की तरह डांस मूव्स दिखाता है. इस अंपायर का नाम है -दीपक राजाराम नाइकनवरे. दीपक राजाराम के इस वायरल वीडियो को पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन ने भी शेयर किया है. माइकल वॉन दीपक के अंदाज़ पर फ़िदा हो गए हैं. माइकल ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा,
'निश्चित रूप से हमें इस व्यक्ति को ICC एलीट पैनल में शामिल होते देखना चाहिए.'
बता दें कि दीपक राजाराम नाइकनवरे का ये वायरल वीडियो पुरंदर प्रीमियर लीग का है. दीपक भिवरी ब्लास्टर्स और केडेपाथर किंग्स के बीच खेले जा रहे मुकाबले में अंपायरिंग कर रहे थे. और इसी दौरान उन्होंने अलग-अलग अंदाज़ में अंपायरिंग सिग्नल दिए. फैन्स को एंटरटेन किया. और उनका वीडियो वायरल हो गया. दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान दीपक राजाराम नाइकनवरे (Deepak Rajaram Naiknavare) ने अपनी अंपायरिंग को लेकर कई दिलचस्प बताें बताईं. दीपक ने कहा,
'मैं पिछले 9-10 साल से अंपायरिंग कर रहा हूं. महाराष्ट्र में राजनेताओं की ओर से टेनिस बाल टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं. उनके फाइनल मैच में अंपायरिंग के लिए मुझे खासतौर पर आमंत्रित किया जाता है. एक मैच के पांच-छह हजार रुपये मिल जाते हैं. मैंने अंपायरिंग के लिए कहीं कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है. सब कुछ टीवी और मैदान में देखकर सीखा. मैं भले मैदान पर दर्शकों का मनोरंजन करता हूं लेकिन अंपायरिंग की अपनी जिम्मेदारियों को लेकर बेहद गंभीर हूं और बहुत सोच-समझकर कोई फैसला सुनाता हूं क्योंकि उसपर हार-जीत निर्भर करती है.'
इतना ही नहीं, दीपक न्यूज़ीलैंड के अंपायर बिली बाउडन को अपना आइडल मानते हैं. और उन्हीं की तरह बनना भी चाहते हैं. दीपक का कहना है कि उनके पिता की इच्छा थी कि वह अंपायरिंग में कुछ अलग करें. और इसी वजह से दीपक ने अलग-अलग अंदाज़ में सिग्नल देना शुरू किया. आलम ये है कि दीपक की अंपायरिंग देखने के लिए हज़ारों की तादाद में क्रिकेट फैन्स आते हैं और मैच के साथ-साथ उनके अंदाज़ का भी लुत्फ उठाते हैं.