The Lallantop
Logo
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

एक कविता रोज़: जैसे पुरानी मोहब्बतों में चिठ्ठियां फेंका करते थे लोग

आज के दौर के युवा कवि गौरव सोलंकी की एक कविता.

पहले उसने ढूंढा मुझे फिर चिल्लाई यह भी कि धोखा दे गया हूं मैं. फिर, रोने लगी. और रोती रही महीनों. बस इतना ही प्यार किया हमने.