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आंटी के वायरल एक्सीडेंट का असल सच जान आपकी आंखें खुली रह जाएंगी!

वीडियो को अबतक सात मिलियन से ज्यादा व्यूज़, 34 हज़ार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं.

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फोटो एक एक्सीडेंट का है जिसमें स्कूटी सवार एक महिला और पुरुष सड़क पर अचानक गिरते दिख रहे हैं

लड़कियों की ड्राइविंग स्किल्स को लेकर बनने वाले मीम्स से सोशल मीडिया अक्सर गुलज़ार रहता है. वॉट्सऐप पर जिस तरह पति-पत्नी जोक्स एवरग्रीन रहते हैं उसी तरह फेसबुक ट्विटर पर लड़कियों की ड्राइविंग वाले मीम्स का हाल है. इंटरनेट के मीमबांकुरे इस विषय पर अपनी विधाओं का प्रदर्शन करते रहे हैं. मीम यूनिवर्सिटी में महिलाओं की ड्राइविंग का मज़ाक उड़ाने वाला डिपार्टमेंट एक बार फिर से एक्टिव हो गया है. वजह है एक वीडियो. स्कूटी, एक्सीडेंट और महिला एक साथ, एक वीडियो में. तब तो उसे वायरल होना ही था.

वीडियो को अबतक सात मिलियन से ज्यादा व्यूज़, 34 हज़ार से ज्यादा लाइक्स, 8 हज़ार से ज्यादा रीट्वीट और हज़ार से ज्यादा कमेंट मिल चुके हैं.

वीडियो एक एक्सीडेंट का है जिसमें स्कूटी सवार एक महिला और पुरुष सड़क पर अचानक गिरते दिख रहे हैं. स्कूटी से गिरते ही महिला उठती है और पीछे से आ रहे एक बाइक सवार को कहती है - "तुम्हें दिख नहीं रहा क्या" 

इस पर बाइक सवार कहता है, “दीदी गाड़ी टकराई भी नहीं है.”

पलट के महिला कहती हैं, “बेटा,बिना टकराए  हम लोग रास्ते में गिर जाएंगे”

इत्ता सुनते ही बाइक सवार उस महिला को वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाने की बात करने लगता है.

एक्सीडेंट के बाद महिला जिस बाइक सवार पर उनकी स्कूटी को टक्कर मारने का आरोप लगा रही है वो उनकी स्कूटी से कुछ दूरी पर था. उस बाइक सवार की हेलमेट पर कैमरा लगा हुआ जिसमें ये पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हो गया.

अब ये तो है 17 सेकंड की क्लिप जो ट्विटर पर वायरल है. इसे देख कुछ लोगों के मन में सवाल उठा कि पीछे चल रहे बाइक सवार के हेलमेट पर कैमरा कैसे लगा था. क्या उसे पता था ऐसा कुछ होने वाला है? या जान बूझकर ऐसा वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए लगाया गया? क्योंकि ऐसे वीडियो खूब वायरल होते हैं.  

इसलिए पहले तो इस वायरल क्लिप की सच्चाई जान लेते हैं. वीडियो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है. ओरिजनली इसे गियर अप नाम के यूट्यूब चैनेल पर पोस्ट किया गया है.  

वीडियो को ध्यान से देखने पर नज़र आता है कि स्कूटी चलते-चलते अपने आप स्लिप हुई थी. स्कूटी चला रहे शख्स ने हेलमेट पहना हुआ था लेकिन पीछे बैठी महिला ने हेलमेट भी नहीं लगाया था. सड़क पर गिरते ही महिला ने बिना देरी किए पीछे आ रहे बाइक सवार पर आरोप लगा दिए.

बाइक सवार शख्स का नाम सुफियान सिद्दीकी है. वो खुद को शौकिया तौर पर राइडर मानते हैं. बाइक राइड और उससे जुड़े वीडियो अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम  पर अपलोड करते हैं. इस घटना का वीडियो भी उन्होंने अपने चैनल पर अपलोड किया है. उन्होंने बताया कि आरोप लगाने वाली महिला वीडियो देखने तैयार नहीं थी. वो पुलिस कंप्लेंट लिखाने की बात कर रही थीं. फिर दोनों पक्ष पुलिस स्टेशन पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद महिला के पति और पुलिसवालों ने वीडियो रिकॉर्डिंग देखा. फिर जाकर महिला के पति ने माफी मांगी और कहा कि उनसे गलती हो गई.

बाकि वो महिला और उनके पति गिरे कैसे ये उन्हें भी समझ नहीं आया. सुफियान का कहना है शायद गाड़ी मेन्टेन नहीं थी या शायद गलत तरह से ब्रेक लगा इसलिए गाड़ी स्किट खा गई.

ये तो हुआ पूरा मामला. पहली बात, महिला का व्यवहार बिल्कुल गलत था. अब आते हैं मुद्दे पर. वीडियो का जो हिस्सा ट्विटर पर वायरल है उसपर आए रिएक्शंस पर ज़रा नज़र डालते हैं.

सत्यन वेषी नाम के एक यूजर ने लिखा, 

"लड़कियों को ड्राइविंग लाइसेंस इसलिए दिए जाते हैं कि गलती करने पर लड़कों को फंसाएं और वसूली करें."

एक ने लिखा, 

"इन पापा की परियों को पहले कोई एक्टिवा चलाना सिखाये ब्रेक पैरों में नहीं हैंडल में होते हैं"

तन्मय ने कहा,  

"मैं एक बात बोलता हूं चाहे किसी को बुरा लगे लड़कियों को ड्राइविंग नहीं आती"

निर्मल ने लिखा, 

"औरतों के आस पास गाड़ी संभल कर चलाएं. कम से कम एक किलोमीटर का फासला रखें."

नितीश शर्मा ने कहा, 

"भाई ऑड इवन जैसा कानून लाओ. एक दिन लड़कियां गाड़ी चलायेंगी और दूसरे दिन लड़के. नहीं तो ऐसे ही नौजवानों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होगा"

राजकुमार ने लिखा,  

"पहले चलाना तो सीख लो, मालूम नहीं किस RTO से  लाइसेंस बनवाया होगा, ले देके"

सुधांशु ने लिखा, 

"वो स्त्री है. वो कुछ भी कर सकती है. कहीं से भी टर्न मार सकती है. राईट का इंडिकेटर देकर लेफ्ट मोड़ सकती है. वो स्त्री है. वो सीधी रोड पर स्कूटी चलाते-चलाते अपने आप गिर सकती है"

एक ने कहा, 

"इसलिए कहा गया है कि यदि दीदी, भाभी, चाची जहां भी गाड़ी चलाते दिखें हो सके तो लेन बदल लो. रास्ता बदल लो. संभव न हो तो गाड़ी रोक लो, थोड़ी देर आराम कर लो, नहीं तो गिरेंगी दीदी और रेले जाओगे तुम"

ऐसे हजारों कमेन्ट है. और आपको पता है इन सब में कॉमन क्या है. मिसोजिनी (Misogyny) यानी स्त्री द्वेष. और आसान भाषा में कहूं तो महिलाओं के प्रति कुंठा. यहां महिला गाड़ी चला तक नहीं रही थी, फिर भी सभी महिलाओं की ड्राइविंग पर कूद आए. उन्हें मिल गया मौका महिलाओं की ड्राइविंग का मज़ाक उड़ाने का, अपने मन की भड़ास निकालने का. चाहते तो वो महिला के व्यवहार, उसके रिएक्शन पर उसकी आलोचना कर सकते थे. लेकिन नहीं, उन्हें तो चलाना था अपना एजेंडा. महिलाएं बुरी ड्राईवर  हैं.

अब बात निकली ही है तो ज़रा फैक्ट्स पर भी बात कर लेते हैं.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने साल 2020 की रोड क्रैश फैटालिटीज़ रिपोर्ट यानी सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में जिन लोगों की मौत, जिन लोगों से एक्सीडेंट हुआ, जिन इलाकों, महीनों और समय में सबसे ज्यादा हादसे हुए उन सबका एनालिसिस किया गया था. उसमे सामने आया था कि  2020 में दिल्ली में हुए 99 प्रतिशत जानलेवा रोड एक्सीडेंट्स उन गाड़ियों से हुए जिन्हें पुरुष चला रहे थे, केवल एक प्रतिशत एक्सीडेंट में महिला ड्राइवर्स शामिल थीं. दिल्ली में जितने भी लोग गाड़ी चलाते हैं उनमें केवल आठ प्रतिशत महिलाएं हैं.

बैंक बाज़ार की साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, औरतें धीरे गाड़ी नहीं चलातीं बल्कि इकॉनमी स्पीड में गाड़ी चलाती हैं.

रिपोर्ट ये भी कहती है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में हार्ड ब्रेक्स का इस्तेमाल कम करती हैं और गाड़ी चलाते समय हेलमेट और सीटबेल्ट का इस्तेमाल करती हैं.

रैश ड्राइविंग या ड्रंक ड्राइविंग के ज्यादातर केसेस में पुरुष गाड़ी चलाते पाए जाते हैं.

फैक्ट्स आपके सामने हैं. रिपोर्ट्स आपके सामने है. तो अगली बार ड्राइविंग के लिए किसी महिला पर सवाल उठाने से पहले इन फैक्ट्स पर दोबारा नज़र डालिएगा. पुरुषों के मुकाबले महिला ड्राइवर्स कम हैं. पुरुषों के मुकाबले कम महिलाएं गाड़ी चलाती हैं. इसलिए जब आप सड़क पर गाड़ी लेकर निकलें तो नज़र और फोकस सड़क पर रखें, महिलाएं ऐसा ही करती हैं. इसलिए सेफ ड्राइवर्स कहलाती हैं.