तलाक की अर्ज़ी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शख्स, बोला- मेरी पत्नी महिला नहीं है
सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर महिला से जवाब मांगा है.
मध्य प्रदेश के एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक की याचिका लगाई है. उसने दलील दी है कि उसकी पत्नी महिला नहीं है और इस आधार पर उसे तलाक दिया जाए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी से जवाब मांगा है. जवाब देने के लिए कोर्ट ने चार हफ्तों का वक्त दिया है. याचिका के मुताबिक, राहुल (बदला हुआ नाम) और अदिति (बदला हुआ नाम) की शादी 2016 में हुई थी. शादी के बाद कुछ वक्त तक अदिति शारीरिक संबंध नहीं बना रही थी. जब राहुल ने उसके साथ इंटरकोर्स करने की कोशिश की तो उसने पाया कि अदिति के शरीर में कोई वजाइनल ओपनिंग नहीं है. राहुल अपनी पत्नी को मेडिकल चेक-अप के लिए ले गया. डॉक्टरों ने बताया कि अदिति इम्परफोरेट हाइमन नाम की कंडीशन से जूझ रही हैं. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें हाइमन वजाइनल ओपनिंग को कवर लेता है. राहुल का कहना है कि इसके लिए डॉक्टरों ने सर्जरी करवाने की सलाह दी थी, हालांकि कहा था कि इसमें प्रेग्नेंसी के चांसेस नहीं के बराबर होंगे. इसके बाद राहुल ने अदिति को मायके भेज दिया. राहुल का आरोप है कि अदिति को मायके भेजने के बाद अदिति के पिता जबरन उनके घर में घुस गए और अदिति को ससुराल में रखने से इनकार करने पर जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद राहुल ने अदिति और उनके पिता के खिलाफ ग्वालियर के न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराई. राहुल ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया और IPC की धारा 420 के तहत शिकायत दर्ज करवाई. इसके साथ ही राहुल ने हिंदू मैरिज ऐक्ट, 1955 की धारा 12(1)(ए) के तहत शादी को अमान्य घोषित करने के लिए आवेदन किया. इस मामले में राहुल ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई थी. 29 जुलाई को हाईकोर्ट ने तलाक की अर्ज़ी खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि तलाक के लिए मेडिकल प्रूफ ज़रूरी है. मौखिक सबूत काफी नहीं है. इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश ने 11 मार्च को एक नोटिस जारी किया और अदिति से राहुल के आरोपों पर जवाब मांगा है.
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि जनवरी, 2017 में पत्नी ने बदले के तौर पर उसके खिलाफ IPC की धारा 498-ए के तहत FIR दर्ज कराई थी.