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लू लगने से मौत क्यों हो जाती है?

ज़्यादा गर्मी के संपर्क में आने से शरीर के ज़रूरी अंगों पर असर पड़ता है.

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गर्मियों के मौसम में ज़्यादा हीट होने से या ज़्यादा समय तक हीट में रहने से शरीर का तापमान उसे अडजस्ट नहीं कर पाता है
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

जिस हिसाब से गर्मी पड़ रही है, कौन कहेगा ये अप्रैल का महीना है. मई, जून में क्या होगा ये सोचकर तो मेरी रूह कांप जाती है. हम हर साल यही कहते हैं कि भई इस बार गर्मी ज़्यादा पड़ गई. पर फिर नया साल आता है और पुराने सारे रेकॉर्ड्स टूट जाते हैं.
कुल मिलाकर गर्मी बढ़ती ही जा रही है. अब ऐसे में जितना मन करे कि यार बाहर नहीं निकलते हैं. घर में AC या कूलर चलाकर बैठे रहते हैं. पर हम ऐसा कर नहीं पाते. बाहर तो निकलना है. और बाहर तेज़ गर्मी में निकलने से या ज़्यादा देर गर्मी में रहने से लगती है लू. उत्तर भारत में गर्मी आते ही लू के थपेड़े चलने लगते हैं. लू लगना ख़तरनाक होता है, यहां तक कि जानलेवा भी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 50 सालों में लू लगने से 17 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हर साल लू के कारण कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इसलिए लू से बचकर रहना बेहद ज़रूरी है. आज के एपिसोड में हम डॉक्टर्स से जानेंगे कि लू लगने से मौत क्यों हो जाती है और इससे कैसे बचें. तो सबसे पहले ये जान लेते हैं कि लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान पहुंचता है. लू लगने से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है ये हमें बताया डॉक्टर शरद सेठ ने.
Dr. Sharad Sheth - Consultant & Head - Nephrology - Kokilaben Hospital डॉक्टर शरद सेठ, कंसल्टेंट एंड हेड, नेफ्रोलॉजी, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई


-दुनियाभर में गर्मी बढ़ती जा रही है.
-गर्मियों के मौसम में ज़्यादा हीट होने से या ज़्यादा समय तक हीट में रहने से शरीर का तापमान उसे अडजस्ट नहीं कर पाता है.
-शरीर में मौजूद पसीने की वजह से शरीर गर्मी को झेल पाता है.
-लेकिन अगर आप ज़्यादा धूप में रहते हैं या ज़्यादा देर तक रहते हैं तो शरीर वो गर्मी झेल नहीं पाता.
-उसकी वजह से शरीर को नुकसान होता है.
-जैसे शरीर एकदम थक जाता है.
-शरीर में ऐंठन होती है.
-कभी-कभी इंसान बेहोश भी हो जाता है.
-शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है.
-पसीना निकलना बंद हो जाता है.
-इसलिए शरीर से गर्मी बाहर निकल नहीं पाती.
-इसकी वजह से शरीर में ऐंठन होती है.
-कमज़ोरी हो जाती है.
-बेहोशी और चक्कर आने लगते हैं.
-कंफ्यूज़न होने लगता है.
-मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है.
-ज़्यादा गर्मी के संपर्क में आने से शरीर के ज़रूरी अंगों पर असर पड़ता है. लू लगने से मौत कैसे हो जाती है? -अगर गर्मी 40 डिग्री सेल्सियस से पार है और आप इसमें लंबे समय तक रहते हैं.
-तो उससे सनस्ट्रोक या हीटस्ट्रोक हो सकता है जिसे लू लगना कहते हैं.
-इसमें शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचता है.
7 Common Summer Ailments And Tips to Deal With Them | India.com ज़्यादा गर्मी के संपर्क में आने से शरीर के ज़रूरी अंगों पर असर पड़ता है


-जैसे ब्रेन, दिल, लिवर, किडनी और मांसपेशियां.
-सबसे ज़्यादा असर किडनी पर पड़ता है.
-क्योंकि शरीर से पानी निकल जाता है.
-शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है.
-ऐसे में पेशाब होना एकदम बंद हो जाता है.
-लू लगने पर इंसान बेहोश हो जाता है.
-ज़रूरी अंगों को नुकसान पहुंचने से मौत भी हो सकती है. लू लगने के लक्षण -शरीर एकदम गर्म और लाल हो जाता है.
-स्किन एकदम ड्राई हो जाती है.
-पसीना एकदम बंद हो जाता है.
-हाथ-पैरों में ऐंठन होने लगती है.
-चक्कर आने लगते हैं.
-दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है.
-सांस तेज़ चलने लगती है.
-बहुत ज़्यादा देर तक गर्मी में रहने से या ज़्यादा गर्मी में रहने से हीटस्ट्रोक पड़ता है जिसे हम लू लगना कहते हैं. लू से कैसे बचें? -गर्मी में बहुत सावधानी रखने की ज़रूरत है.
-ग्लोबल वॉर्मिंग बहुत बढ़ती जा रही है.
-मई के महीने में उत्तर भारत में तेज़ गर्मी पड़ेगी.
-इस गर्मी से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है कि अच्छी मात्रा में पानी पिएं.
-लिक्विड ज़्यादा लें.
-फ्रूट जूस पिएं.
-खीरा, तरबूज़, अनार खाएं.
-शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.
India in for drier, hotter summer | Latest News India - Hindustan Times बहुत ज़्यादा देर तक गर्मी में रहने से या ज़्यादा गर्मी में रहने से हीटस्ट्रोक पड़ता है जिसे हम लू लगना कहते हैं


-ज़्यादा गर्मी में ज़्यादा समय तक रहना अवॉइड करें.
-थोड़े ठंडे तापमान में रहें.
-कम और पतले कपड़े पहनें.
-ताकि पसीना निकलता रहे और शरीर से गर्मी निकलती रहे. अगर लू लग गई है तो क्या कर सकते हैं? -लू लगना जानलेवा हो सकता है.
-अगर लू लग गई है तो जितना जल्दी हो सके छांव में जाएं.
-शरीर पर गीला तौलिया लपेटें.
-टब में पानी भरकर उसमें बैठें.
-कांख और पीठ पर बर्फ़ मसलें.
-इस तरह से शरीर से गर्मी को निकालना है.
-अगर AC है तो उसमें बैठें.
-अगर डीहाइड्रेशन है तो अस्पताल जाएं.
-वहां नसों के अंदर सलाइन डाला जाता है.
-हाइड्रेशन थेरेपी दी जाती है.
-जब शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस खराब हो जाता है.
India reels as summer temperatures touch 50C - BBC News लू लगना जानलेवा हो सकता है


-तब सोडियम, पोटाशियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम, कैल्शियम दिया जाता है.
-इमरजेंसी में शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस ठीक करना बेहद ज़रूरी है.
-नहीं तो लू लगना जानलेवा हो सकता है.
लू लगना कितना ख़तरनाक हो सकता है, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. ये आपको ज़रूरी अंगों की ऐसी की तैसी कर सकती है. इसलिए डॉक्टर साहब ने जो टिप्स बताई हैं, उनका इस्तेमाल करें. बचकर रहें. ध्यान रखें.

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