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जब मिताली राज को अपने बोर्ड एग्ज़ाम और क्रिकेट में से किसी एक को चुनना पड़ा था

जानिए, मिताली से उनके पापा ने बोर्ड एग्ज़ाम के बारे में क्या कहा था

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मिताली राज, जिनकी कप्तानी में भारत ने एशिया कप जीता था. (फोटो-PTI)

'इंडिया टुडे' को 45 साल हो चुके हैं. उसी के फाउंडेशन डे के मौके पर मैग्ज़ीन में 45 हस्तियों के बारे में एक-से-एक बेहतरीन किस्सा छपा था. उन्हीं किस्सों में एक किस्सा हम आपके लिए लेकर आए हैं. हस्ती हैं- मिताली राज. और किस्सा है उनके क्रिकेट के शुरुआती दौर का. तो शुरू से शुरू करते हैं.

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मिताली राज. इंडियन विमेन क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान हैं. वह जब छोटी थीं यानी लड़कपन में, तो पिता के साथ उस एकेडमी में जाया करती थीं, जहां उनका भाई खेलना सीख रहा था. भाई प्रैक्टिस करता था. समय काटने के लिए मिताली आसपास पड़े बल्लों में से एक बल्ला उठाकर खेलने लग जाती थीं. वहां के कोच उन्हें कुछ गेंद डाल दिया करते थे. कई बार कुछ शॉट भी लग जाते थे. मिताली राज ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया-

मैं उस समय आठ-नौ साल की थी. भाई के दोस्तों और उनके ट्रेनर्स ने मेरा बहुत हौसला बढ़ाया. मुझे नेट पर कुछ शॉट्स मारने की परमीशन भी मिल जाती थी. परिवार ने भी लड़का-लड़की नहीं देखा. रुचि देखी और उस जुनून को आगे बढ़ाने के लिए अवसर दिया. उन्होंने कभी पढ़ाई पर ध्यान देने, नौकरी खोजने और शादी करने जैसी चीजों की तरफ धकेला नहीं. बस उन्होंने लगातार मुझे अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

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मिताली ने अपने 12वीं के बोर्ड पेपर के बारे में बताया-

सन 2000 में मेरे 12वीं के बोर्ड एग्ज़ाम थे. उसी दौरान इंटर जोनल टूर्नामेंट थे. उसी के आधार पर न्यूज़ीलैंड में विमेन्स वर्ल्ड कप की टीम के लिए सलेक्शन होना था. उस समय मेरे माता-पिता ने मुझे अपने पैशन को फॉलो करने के लिए प्रोत्साहित किया. मुझे याद है, पापा ने कहा था कि वर्ल्ड कप चार साल में एक बार होता है जबकि बोर्ड की परीक्षाएं अगले साल भी हो सकती हैं. तो बस, मेरा न्यूज़ीलैंड टीम में सलेक्शन हो गया. वर्ल्ड कप में मेरा प्रदर्शन देखा गया. फिर दो साल के अंदर मुझे टीम का वाइस कैप्टन बना दिया गया.

बता दें कि अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए मशहूर रहीं मिताली राज इंटरनेशनल विमेन्स क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं. वह जब 19 साल की थीं, तब उन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ 214 रन बनाए थे. और इससे पहले उन्होंने 1999 में आयरलैंड के खिलाफ वनडे में नाबाद 114 रन की शानदार पारी खेली थी. इसके अलावा मिताली ने 2005 में वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 104 बॉल्स पर 91 रन गढ़कर रिकॉर्ड कायम किया था.

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2006 और 2008 में इंडिया ने मिताली राज की कप्तानी में एशिया कप जीता था.  वह एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 6,000 रन बनाए और महिलाओं के वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाए. 2017 में विमेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप में मिताली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप सीरीज़ में शतक लगाकर ट्रॉफी जीती थी. और दिसंबर 2017 में उन्हें ICC विमेन्स ODI टीम ऑफ द ईयर के लिए नॉमिनेट किया गया था. मिताली को 2003 में अर्जुन अवॉर्ड, 2015 में पद्मश्री और 2017 में वोग स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर से सम्मानित भी किया जा चुका है.

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