रेवती 32 साल की हैं. लखनऊ की रहने वाली हैं. वो प्रेग्नेंट हैं और ये उनकी दूसरी प्रेग्नेंसी है. पहली प्रेग्नेंसी में उनको हेल्थ वाइज कोई ख़ासी परेशानी नहीं हुई. पर दूसरी प्रेग्नेंसी में उन्हें कुछ नया पता चला. रेवती का ब्लड ग्रुप B नेगेटिव है. उनके पति का ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव है और उनके भ्रूण का ब्लड ग्रुप अपने पिता की तरह पॉजिटिव है. अब आप पूछेंगे इसमें दिक्कत क्या है? अब क्योंकि भ्रूण का ब्लड ग्रुप मां के ब्लड ग्रुप से अलग है, इस वजह से उन्हें कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
डॉक्टर्स ने जांच में पाया था कि अलग ब्लड ग्रुप होने का कारण, उनका शरीर भ्रूण को नुकसान पहुंचा रहा था. पर परेशानी वाली कोई बात नहीं है. क्योंकि उसका पता टेस्ट में पहले ही चल गया, इसलिए समय पर रेवती को कुछ इंजेक्शन लग गए. जिससे अब उनका होने वाला बच्चा सुरक्षित है. पर रेवती बताती हैं कि उन्हें इन सारी बातों की जानकारी पहले नहीं थी. उन्हें नहीं पता था कि उनका ब्लड ग्रुप कैसे उनके ही बच्चे की जान का दुश्मन बन जाएगा. वो चाहती हैं कि हम अपने शो पर ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी दें.
अब आपने भी ब्लड ग्रुप शब्द तो बहुत बार सुना होगा. पर क्या आपको इसका मतलब पता है. ब्लड ग्रुप आख़िर होता क्या है? आपका ब्लड ग्रुप क्या होगा, ये कैसे तय होता है? प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड ग्रुप कैसे ख़तरा बन सकता है और सबसे ज़रूरी बात, अगर खून चढ़ाते समय अगर किसी को ग़लत ब्लड ग्रुप का खून दे दिया जाए तो क्या होगा? चलिए इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट्स से. ब्लड ग्रुप क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर संजय गोहिल ने.

डॉक्टर संजय गोहिल, हेड, हेमेटोलॉजी, मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर लिमिटेड, मुंबई
-हमारा खून प्लाज्मा नाम के तरल पदार्थ में लाल रक्त कोशिका, सफ़ेद रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स से बना होता है.
-लाल रक्त कोशिका को RBC (रेड ब्लड सेल्स) भी कहा जाता है.
-उसकी सतह पर पाए जाने वाला एंटीजन, जो एक प्रकार का प्रोटीन होता है.
-उसकी उपस्थिति या अनुपस्थिति के अनुसार किसी भी इंसान के ब्लड ग्रुप का पता चल सकता है.
-हमें हमारा ब्लड ग्रुप माता-पिता से विरासत में DNA के द्वारा प्राप्त होता है.
-RBC के मेम्ब्रेन पर दो प्रकार के एंटीजन होते हैं.
-एंटीजन A और एंटीजन B.
-अगर खून में एंटीजन A मौजूद है तो ब्लड ग्रुप A है.
-B एंटीजन मौजूद है तो ब्लड ग्रुप B है.
-अगर दोनों एंटीजन मौजूद हैं तो ब्लड ग्रुप AB है.
-अगर दोनों एंटीजन मौजूद नहीं हैं तो ब्लड ग्रुप O है.
-इंटरनैशनल सोसाइटी ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ़्यूशन के मुताबिक अब तक 43 से अधिक ब्लड ग्रुप सिस्टम की पहचान हो चुकी है. कौन-कौन से ब्लड ग्रुप होते हैं? -सबसे ख़ास ब्लड ग्रुप सिस्टम हैं ABO और Rh.
-ABO ब्लड ग्रुप की खोज कार्ल लैंडस्टैनर नाम के साइंटिस्ट ने की थी.
-उनके अनुसार हमारे शरीर में मुख्य तौर पर 4 प्रकार के ब्लड ग्रुप हो सकते हैं.
-ब्लड ग्रुप A, B, AB और O.
-जो पहली बार एक रीसस मंकी (बंदरों की एक प्रजाति) में पाया गया था.
-इसलिए उसे Rh फैक्टर भी बोला जाता है.
-Rh फैक्टर अगर मौजूद है तो ब्लड ग्रुप Rh पॉजिटिव लेबल किया जाता है ( ब्लड ग्रुप पॉजिटिव होगा).
-अगर Rh फैक्टर मौजूद नहीं है तो उसे Rh नेगेटिव लेबल किया जाता है (ब्लड ग्रुप नेगेटिव होगा). ब्लड ग्रुप का क्या रोल होता है? -सबसे बड़ा रोल है ब्लड ट्रांसफ़्यूशन में यानी खून के आदान-प्रदान में.
-अगर किसी इंसान को खून की ज़रूरत पड़ती है तो उसे पूरी तरह से मैच करने वाला खून ही चढ़ाया जा सकता है.
-अगर किसी गलती की वजह से ग़लत खून चढ़ा दिया जाता है तो उससे हिमोलाइसिस हो सकता है.
-मरीज़ की जान का ख़तरा भी हो सकता है.
-पहले से ब्लड ग्रुप की जांच कर के कई बीमारियों को रोका जा सकता है.
-अगर माता-पिता के ब्लड ग्रुप की जांच प्रेग्नेंसी से पहले की जाए तो बच्चे को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है.
-मेडिको लीगल केसेस, पटर्निटी केसेस में भी ब्लड ग्रुप काम आता है. कैसे पता चलेगा आपका ब्लड ग्रुप क्या है? -अपना ब्लड ग्रुप पता लगाने के लिए आप किसी भी ब्लड बैंक या पैथोलॉजी में जा सकते हैं.
-इसके लिए बहुत ही सामान्य सा ब्लड टेस्ट किया जाता है.

-इसमें खून के अंदर एंटीजन, एंटीबॉडी रिएक्शन देखा जाता है.
-फिर ऐसे ब्लड ग्रुप का पता लगाया जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड ग्रुप का क्या रोल होता है? -प्रेग्नेंट औरतों में देखा गया है कि उनके भ्रूण का ब्लड ग्रुप मां के ब्लड ग्रुप से अलग होता है.
-इस अवस्था में मां का शरीर भ्रूण के RBC के खिलाफ़ एंटीबॉडी बनाना शुरू करता है.
-जिसकी वजह से नवजात बच्चे को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
-जैसे मां का ब्लड ग्रुप Rh नेगेटिव है, पिता का ब्लड ग्रुप Rh पॉजिटिव है और भ्रूण का ब्लड ग्रुप पिता के ब्लड ग्रुप की तरह Rh पॉजिटिव है.
-किसी कारण से भ्रूण का खून मां के ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश करता है.
-तब मां का शरीर उसे फ़ोरेन बॉडी मानकर उसके खिलाफ़ एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है.
-ये एंटीबॉडी IgG टाइप होते हैं.

-जो भ्रूण के RBC को खत्म कर देते हैं.
-उसमें हिमोलाइसिस बनाते हैं.
-उसकी वजह से भ्रूण को नुकसान पहुंचता है.
-इस बीमारी से बचा जा सकता है.
-अगर पहले से मां और पिता दोनों का ब्लड ग्रुप पता हो.
-मां को पहले से इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन दिया जाए.
-तो बच्चों में होने वाली खून की बीमारियों से बचा जा सकता है.
भई ब्लड ग्रुप बहुत अहम होता है, ये तो हमें हमेशा से पता था. पर क्यों होता है, ये आज पता चल गया. इसलिए हर इंसान को अपना ब्लड ग्रुप पता होना चाहिए. अब अगर आपको अपने ब्लड ग्रुप की जानकारी नहीं है तो अपना ब्लड टेस्ट ज़रूर करवाएं ताकि आपको पता चल सके.