(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
हमें सेहत पर मेल आया Lallantop की एक व्यूअर का, जो नहीं चाहती थीं कि शो पर हम उनका नाम बताएं. 25 साल की हैं, पटना की रहने वाली हैं. उनकी शादी को एक साल हो गया है, पर वो काफ़ी परेशान है. वजह है सेक्स के दौरान दर्द होना. उन्हें सेक्स के दौरान बर्दाश्त के बाहर दर्द होता है, जिसके कारण वो सेक्स करना अवॉयइड करती हैं. पर इस कारण उनके रिलेशनशिप पर असर पड़ रहा है.
अब दिक्कत ये है कि ज़्यादतर लोग सेक्स और सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी किसी प्रॉब्लम के बारे में खुलकर बात नहीं करते. कोई तकलीफ़ होती है तो किसी को बताने में शर्माते हैं. चुप-चाप झेलते रहते हैं. पर इसके कारण सिचुएशन बद से बदतर हो जाती है. जो हमारी व्यूअर के साथ हो रहा है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा वो इस बारे में किससे बात करें. इसलिए वो चाहती हैं कि हम इस टॉपिक पर एक्सपर्ट से बात करके शो बनाएं ताकि उन्हें सही कारण और इलाज पता चल सके.
अब इस समस्या के बारे में हम बात करेंगे ही, पर ज़रूरी है कि सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या होने पर डॉक्टर से मिलकर जांच करवाई जाए, क्योंकि सेक्स के दौरान बहुत दर्द होने के पीछे मानसिक और शारीरिक कारण दोनों ही ज़िम्मेदार होते हैं. कई बीमारियों के कारण भी ऐसा होता है. सही समय पर इलाज न करवाने से सेहत पर असर पड़ता है. सेक्स के दौरान दर्द होने की कंडीशन को डिसपेरुनिया कहते हैं. ये क्यों होती है, इसका बचाव और इलाज क्या है, ये जानते हैं एक्सपर्ट्स से.
डिसपेरुनिया क्या होता है?
ये हमें बताया डॉक्टर सारांश जैन ने.
डॉक्टर सारांश जैन, सेक्सोलॉजिस्ट, एसके जैन बर्लिंगटन क्लिनिक, लखनऊ
-अगर सेक्स के दौरान आपको दर्द होता है.
-चाहे सेक्स की शुरुआत में दर्द हो, बाद में या पूरी प्रक्रिया के दौरान हो.
-इसे डिसपेरुनिया कहते हैं.
-ये प्रॉब्लम महिलाओं में पहली बार सेक्स करते समय बहुत ही आम है.
-महिलाओं में एक मेम्ब्रेन होती है जिसे हाइमन कहते हैं.
-ये मेम्ब्रेन वजाइना की ओपनिंग में होती है.
-हाइमन वजाइना की ओपनिंग को आधा कवर करता है.
-सेक्स के दौरान हाइमन स्ट्रेच होता है.
-इस वक़्त दर्द महसूस होता है.
-डिसपेरुनिया की प्रॉब्लम महिलाओं और पुरुषों, दोनों में होती है.
-महिलाओं में ये ज़्यादा कॉमन है.
कारण
-डिसपेरुनिया के कारणों को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है.
-पहला है इमोशनल कारण.
-दूसरा है शारीरिक कारण.
डिसपेरुनिया की प्रॉब्लम महिलाओं और पुरुषों, दोनों में होती है
-इमोशनल कारण में कोई शारीरिक शिकायत नहीं होती है.
-फिर भी सेक्स पेनफ़ुल होता है.
-एंग्जायटी एक बड़ा कारण है यानी घबराहट होना.
-स्ट्रेस से पेल्विक एरिया की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं.
-उस कारण दर्द होता है.
-साथ ही जब इमोशनल तौर पर डिस्टर्ब होते हैं तो भी सेक्स के दौरान सहज महसूस नहीं करते.
-रिलेशन अच्छा नहीं होना.
-अगर सेक्शुअल अब्यूज़ की हिस्ट्री रही है तो भी ऐसा होता है.
-यौन उत्तेजना की कमी.
-ऐसे केसेस में डिसपेरुनिया हो जाता है.
-अगर किसी बीमारी की दवा चल रही है.
-तो इन दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट से भी डिसपेरुनिया हो सकता है.
-फोरप्ले की कमी.
-वजाइना की मांसपेशियां टाइट हो जाना.
-ये जानबूझकर नहीं होता.
-इसके पीछे ट्रॉमा एक कारण होता है.
-शारीरिक कारणों में सबसे आम कारण है वजाइनल ड्राईनेस.
-इसके पीछे कुछ कंडीशंस ज़िम्मेदार हैं.
जब इमोशनल तौर पर डिस्टर्ब होते हैं तो भी सेक्स के दौरान सहज महसूस नहीं करते
-जैसे मेनोपॉज़.
-इसमें एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की कमी हो जाती है.
-ऐसे में दर्द ज़्यादा होता है.
-डिलीवरी के बाद सेक्स के दौरान दर्द होना.
-ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान वजाइनल ड्राईनेस होती है.
-कुछ स्किन डिसऑर्डर भी ज़िम्मेदार होते हैं.
-इसमें खुजली होना, जलन होना, अल्सर होना भी ज़िम्मेदार होते हैं.
-वजाइनल इन्फेक्शन से भी दर्द होता है.
-चाहे वो बैक्टीरिया से हुआ हो या फंगल.
-पोस्ट सर्जरी भी एक वजह है.
-अगर गर्भाशय निकाला गया है.
-इसके अलावा एक कंडीशन है जिसे वाल्वो डाइनिया कहते हैं.
-इसमें वल्वा में दर्द होता है.
-गर्भाशय या ओवरी में गांठ, सूजन.
-फाइब्रॉएड, ओवेरियन सिस्ट, एंडोमेट्रियोसिस.
-इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम.
-ज़रूरी नहीं है कि वजाइनल ट्रैक्ट से जुड़ा ही इन्फेक्शन हो.
-कई बार रेक्टम और आंतों से जुड़े कारण भी होते हैं.
-ब्लैडर में इन्फेक्शन.
-कुछ लोगों में जन्म से ही वजाइना ठीक से डेवलप नहीं हुई होती.
-पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज भी एक कारण है.
लक्षण
-सेक्स के दौरान दर्द होना.
-सेक्स करने से कतराना.
-खुजली या दर्द होना.
बचाव
-मिथकों से दूर रहें.
-फोरप्ले पर ध्यान दें.
-वॉटर सॉल्यूबल ल्यूब्रिकेंट इस्तेमाल करें.
ये प्रॉब्लम महिलाओं में पहली बार सेक्स करते समय बहुत ही आम है
-अच्छा मॉइस्चराइज़र भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
-सही सेक्स एजुकेशन लें.
इलाज
-ये समझना ज़रूरी है कि डिसपेरुनिया मानसिक कारणों से है या शारीरिक.
-अगर ये मानसिक है तो सही काउंसलिंग से ठीक किया जा सकता है.
-फिजिकल एग्जामिनेशन से भी सही कारण पता चल सकता है.
-इसके अलावा पैप टेस्ट, यूरिन टेस्ट भी करवाए जा सकते हैं.
-जो भी कारण होगा उसे ठीक किया जाएगा.
-वजाइनल इन्फेक्शन है तो उसका इलाज दवाइयों से होगा.
-अगर वजाइनल ड्राईनेस एस्ट्रोजेन की कमी से हो रही है तो दवाइयां और क्रीम दी जाती हैं.
-आपसी संबंध अच्छे रखें.
-किसी पोजीशन में ज़्यादा दर्द होता है तो उसे अवॉइड करें.
-कुछ लेज़र ट्रीटमेंट हैं जो वजाइना में नए टिश्यू पैदा कर सकते हैं उसे हेल्दी बनाने के लिए.
-कुछ केसेस में बोटॉक्स के इंजेक्शन भी दिए जाते हैं जो मांसपेशियों को रिलैक्स करते हैं.
-कोई और इलाज के लिए दवाइयां चल रही हैं जिससे वजाइनल ड्राईनेस होती है तो डॉक्टर से डिस्कस करें.
-डॉक्टर की राय लेकर कोई दूसरी दवाई ले सकते हैं.
उम्मीद है जो भी लोग डिसपेरुनिया की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, उन्हें ऐसा होने के पीछे जो वजहें हैं वो पता चल गई होंगी. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें. चुपचाप दर्द न सहते रहें. आगे चलकर ये आपके लिए एक बड़ी प्रॉब्लम बन सकती है.