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गंगूबाई काठियावाड़ी: वो सेक्स वर्कर जिसने डॉन को राखी बांधी और अब आलिया उसका रोल करने वाली हैं

संजय लीला भंसाली बना रहे हैं ये फिल्म.

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बायीं तरफ आलिया भट्ट की अगली फिल्म का पोस्टर, दायीं तरफ असली गंगूबाई काठियावाड़ी का पोस्टर. (इन्स्टाग्राम/विकिमीडिया)
आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली की नई फिल्म आ रही है. नाम है गंगूबाई काठियावाड़ी. मुख्य किरदार आलिया निभाएंगी, और संजय लीला भंसाली खुद इसे डायरेक्ट करेंगे. इसके दो पोस्टर रिलीज़ हुए हैं. पहले वो पोस्टर्स देख लीजिए.  
पोस्टर पर माफिया क्वीन लिखा हुआ है. एक में आलिया कम उम्र की दिख रही हैं. उनके पास पिस्तौल रखी हुई है. दूसरी में उन्हें थोड़ी बड़ी उम्र का दिखाया गया है. फिल्म में वो गंगूबाई काठियावाड़ी का किरदार निभा रही हैं. आखिर थी कौन ये ‘माफिया क्वीन’?
  एस हुसैन जैदी ख़ुफ़िया रिपोर्टर रह चुके हैं. लेखक हैं. मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर उन्होंने काफी लिखा है. कई किताबें छप चुकी हैं. उन पर फिल्में भी बनी हैं. जैसे ब्लैक फ्राइडे, शूटआउट ऐट वडाला, फैंटम. इन्हीं की किताब है, माफ़िया क्वीन्स ऑफ मुंबई. इस किताब में बताया गया है गंगूबाई काठियावाड़ी के बारे में. एक सोलह साल की लड़की, जो मुंबई के रेड लाइट एरिया में आई. एक डॉन के घर में ठाठ से घुसी. उसे राखी बांध आई. रेड लाइट एरिया में काम करने वाली सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए प्रधानमंत्री तक के पास पहुंच गई. कहानी उस लड़की की, जिसकी तस्वीर कमाठीपुरा की हर सेक्स वर्कर अपने पास रखा करती थी.
Mafia Queens 700x400 ये किताब 2011 में आई थी. इसमें आठ चैप्टर हैं. उन्हीं में से एक चैप्टर गंगूबाई पर है. (तस्वीर: विकिमीडिया)


16 साल की गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी. गुजरात के काठियावाड़ की थीं. परिवार वाले बड़े रसूखवाले थे. उन्हें पढ़ाना-लिखाना चाहते थे. लेकिन गंगा के मन में बॉलीवुड रच बस गया था. उन्हें तो फिल्में करनी थीं. बॉम्बे की दुनिया उन्हें खींच रही थी अपनी तरफ. ऐसे में उनके पिता के यहां काम करने आया रमणीक. वो कुछ समय मुंबई में बिता कर आया था. गंगा को ये पता चला, तो उनकी बांछें खिल गईं. रमणीक के ज़रिए उन्हें बॉम्बे की एक झलक पाने का मौका मिल गया था. बातें करते-करते दोनों को प्यार हुआ, और उन्होंने भागकर शादी करने का फैसला कर लिया. मंदिर में शादी की, और कपड़े-लत्ते के साथ मां के कुछ गहने उठाकर गंगा रमणीक के साथ चली गईं. वो लोग मुंबई पहुंचे. कुछ दिन वहां गुज़ारे. फिर रमणीक ने कहा, मैं हमारे लिए रहने की जगह ढूंढता हूं. तुम तब तक मेरी मौसी के पास रहो.
रमणीक की मौसी आकर गंगा को ले गईं. टैक्सी में बिठाकर. गंगा नहीं जानती थीं कि रमणीक ने उन्हें पांच सौ रुपए में बेच दिया है. टैक्सी कमाठीपुरा की ओर निकल गई. बॉम्बे का मशहूर रेड-लाइट एरिया.
गंगा ने बहुत चीख-पुकार मचाई. लेकिन आखिर समझौता कर लिया. उन्हें पता था कि अब वो काठियावाड़ वापस नहीं जा सकतीं. उनके घरवाले उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. समाज में बेइज्जती तो हो ही गई है. पता चलेगा कि वेश्यालय से लौटी हैं, तो न जाने क्या हो. गंगा ने विरोध छोड़ दिया. और वहीं कमाठीपुरा के वेश्यालय में रहना स्वीकार कर लिया. गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी, अब गंगू बन चुकी थीं.
Gangu 4 गंगूबाई की तस्वीर. (स्रोत: माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई)


गंगू के चर्चे काफ़ी दूर तक हुए. लोग कमाठीपुरा आते, तो गंगू के बारे में पूछते. ऐसे में ही एक दिन शौकत खान नाम का पठान कमाठीपुरा आया. सीधे गंगू के पास पहुंचा. उसने बहुत बुरी तरह गंगू को नोचा-खसोटा. और बिना पैसे दिए चला गया. ऐसा एक बार और हुआ. उसे रोकने की कोशिश करने वालों को उसने परे धकेल दिया. गंगू की ऐसी बुरी हालत हुई कि उन्हें अस्पताल में एडमिट होना पड़ा.
गंगू ने ठान ली कि इस आदमी का पता लगाकर रहेंगी. इधर-उधर से जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसका नाम शौकत खान है. और मशहूर डॉन करीम लाला के लिए काम करता है. बस क्या था, गंगू पहुंच गईं करीम लाला के घर के पास. वहां से जैसे ही करीम को गुज़रते हुए देखा, रोककर बोलीं, आपसे कुछ काम है. सड़क पर खड़े होकर गंगू से बात करने के बजाय करीम उन्हें अपने घर ले आया. कहा, छत पर बैठो. और उसके लिए खाने-पीने का सामान भिजवाया. करीम नहीं चाहता था कि एक वेश्या को अपने घर के अन्दर बुलाए. गंगू ये समझ गईं. उन्होंने खाने-पीने के सामान को हाथ तक नहीं लगाया. जब करीम ऊपर आया और उसने ये देखा तो गंगू बोलीं,
जब मेरे आने से आपका घर गन्दा हो सकता है, तो आपके किचन से आए बर्तनों को छूकर इन्हें क्यों गंदा करूं.
Karim Lala Wiki 1960 से लेकर 1980 के दशक तक करीम लाला बॉम्बे के अंडरवर्ल्ड का बड़ा नाम था. लोगों का उसका नाम सुन गला सूखता था. (तस्वीर: विकिमीडिया)


करीम चौंका. उसने पूछा क्या बात है. गंगू ने पूरा हाल कह सुनाया. करीम ने कहा, अगर ऐसा है, तो अगली बार जब वो आए तो मुझे खबर भिजवा देना. मैं देख लूंगा उसे. ये सुनकर गंगू ने अपने पर्स से धागा निकाला. और कहा,
किसी मर्द ने मुझे इतना सुरक्षित महसूस नहीं करवाया जितना आपने. आज से आप मेरे राखी भाई हुए.
तीन हफ़्तों बाद वो पठान फिर आया, और गंगू पर हमला किया. नीचे मौजूद खबरी दौड़ा और करीम लाला को साथ लेकर लौटा. दस मिनट के भीतर करीम लाला ने वहां पहुंचकर दरवाजा भड़भड़ा दिया. शौकत खान ने गुस्से में दरवाजा खोला, तो सामने करीम को खड़ा देख उसकी घिग्घी बंध गई. करीम ने आव देखा ना ताव, अपने साथ के दो आदमियों के साथ मिलकर दे हॉकी स्टिक पर हॉकी स्टिक, उसे अधमरा कर छोड़ दिया. और गरजा.
गंगू मेरी राखी बहन है. इसे कोई हाथ भी लगाएगा तो उसे छोडूंगा नहीं.
इसके बाद गंगू की धाक जम गई कमाठीपुरा में. जिस घर में वो रहती थीं, वहां पर घरवाली के इलेक्शन हुए. घरवाली वो, जो किसी भी बिल्डिंग के तीस-चालीस कमरे मैनेज करती थी. उनके ऊपर होती थी बड़े घरवाली. जो पूरी बिल्डिंग मैनेज करती थी.  गंगू ने पहले घरवाली के इलेक्शन जीते, फिर बड़े घरवाली के. आस-पास के इलाके में सब जानते थे कि वो करीम लाला की राखी बहन हैं. सब गंगू से दबते थे. गंगू का दबदबा बढ़ा, नाम में कोठेवाली का अपभ्रंश काठेवाली जुड़ गया. अब गंगा, गंगूबाई काठेवाली के नाम से मशहूर हो गईं.
Gangu 3 कमाठीपुरा का वो इलाका जहां गंगूबाई रहती थीं. (तस्वीर: माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई)


जैदी अपनी किताब में लिखते हैं कि गंगूबाई ने रेड लाइट एरिया में काम करने वाली सेक्स वर्कर्स के हक के लिए बहुत काम किया. मुंबई के आज़ाद मैदान में दिए एक भाषण में उन्होंने पूरी भीड़ को थर्रा दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर कमाठीपुरा की औरतें न हों, तो मुंबई की सड़कें औरतों के लिए असुरक्षित हो जाएंगी. मर्दों का वहशीपना वो वेश्याएं झेल लेती हैं, जिनको लोग नीची नज़र से देखते हैं. गंगूबाई ने कहा था,
‘मैं घरवाली हूं, घर तोड़ने वाली नहीं’.
इसी गंगूबाई काठियावाड़ी की तस्वीर कमाठीपुरा के कई कमरों में सेक्स वर्कर्स ने लगाईं. उन्हें मैडम ऑफ कमाठीपुरा कहा जाता था. उनके बारे में बात चलती है कि वो लड़कियों को वेश्यालयों में उनकी मर्जी के खिलाफ नहीं रखती थीं. जो सच में छोड़ कर जाना चाहती थीं, उन्हें जाने का मौका दिया जाता था.
अब इसी गंगूबाई की कहानी दिखेगी परदे पर. जिसने प्यार में धोखा खाया. भाग्य से समझौता किया. अपना दबदबा कायम किया. सेक्स वर्कर्स के हक़ के लिए लड़ी. एक छवि की तरह कईयों के दिल में बसी. सुनहरे किनारे वाली सफ़ेद साड़ी, और लाल बिंदी के साथ. फिल्म की कास्ट में अभी सिर्फ आलिया और विजय राज़ का नाम सामने आया है. कुछ खबरें ये भी बता रही हैं कि इस फिल्म में अजय देवगन गेस्ट अपीयरेंस में दिखाई देंगे, लेकिन कुछ कन्फर्म नहीं किया गया है. अभी इसकी रिलीज डेट 11 सितंबर 2020 बताई जा रही है. प्रोड्यूसर हैं संजय लीला भंसाली और जयंतीलाल गडा (PEN इंडिया लिमिटेड). पहले भंसाली सलमान खान के साथ  इंशाअल्लाह नाम की फिल्म बना रहे थे. लेकिन सलमान के वो फिल्म छोड़ने के बाद भंसाली ने गंगूबाई काठियावाड़ी को बनाने की अनाउंसमेंट की थी.


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