तमिलनाडु भाजपा से निलंबित नेता गायत्री रघुराम (Gayathri Raguramm) ने 2 जनवरी को पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया. ट्वीट किया कि पार्टी के अंदर महिलाओं को बराबर अधिकार और मौक़े नहीं मिलते. 3 जनवरी की रात दो बजे किए अपने ट्वीट में लिखा,
भाजपा नेता ने पार्टी छोड़ी, बोलीं - "पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं होता!"
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई को 'अधार्मिक' और 'झूठा नेता' भी कह दिया.

"भारी मन के साथ मैंने तमिलनाडु बीजेपी से इस्तीफ़ा देने का फैसला किया है क्योंकि महिलाओं को पूछने के बराबर मौक़े, बराबर अधिकार और सम्मान नहीं दिया जाता. तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख अन्नामलाई के नेतृत्व में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. मुझे एक बाहरी के तौर पर ट्रोल किया जाना मंज़ूर है."
गायत्री ने इसी ट्वीट थ्रेड में ये भी लिखा कि वो अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए निष्ठा रखती हैं. लिखा कि सच्चे कार्यकर्ताओं की किसी को परवाह नहीं है. अन्नामलाई को 'सस्ती रणनीति करने वाला एक झूठा नेता' और अधार्मिक नेता तक कह दिया. गायत्री ने कहा,
"मैं अन्नामलाई के नेतृत्व में नहीं रह सकती. सामाजिक न्याय की उम्मीद नहीं कर सकती."
गायत्री ने पार्टी की महिलाओं से मुख़ातिब हो कर कहा कि महिलाओं को वहां नहीं रहना चाहिए जहां उनका सम्मान नहीं किया जाता है.
गायत्री रघुराम पेशे से ऐक्टर और कोरिओग्राफ़र थीं. 2014 में उन्होंने राजनीति में आईं और भाजपा में शामिल हो गईं. पार्टी की सांस्कृतिक शाखा की प्रमुख बन गईं. फिर नवंबर 2022 में ख़बर आई कि उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया गया था.
राज्य के पार्टी प्रमुख अन्नामलाई ने गायत्री रघुराम को पार्टी के हितों के ख़िलाफ़ काम करने के लिए छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था.
गायत्री रघुराम और औद्योगिक प्रकोष्ठ के नेता ए सेल्वाकुमार के बीच ट्विटर पर विवाद हो गया. गायत्री ने लिख दिया था कि ट्विटर पर उनको ट्रोल करने वालों के लिए सेल्वाकुमार ज़िम्मेदार हैं. इसके बाद, 22 नवंबर को अन्नामलाई ने एक बयान जारी किया कि गायत्री रघुराम को पार्टी के हित के ख़िलाफ़ काम करने और पार्टी की छवि को नुक़सान पहुंचाने के लिए निलंबित कर दिया गया है. और, अब तो गायत्री ने इस्तीफ़ा ही दे दिया.
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