जब दर्द और खुजली बहुत ज़्यादा बढ़ गई, तो प्रशांत डॉक्टर के पास गया. पता चला कि उसे घाव हुआ था और वहां इन्फेक्शन फैल गया. ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि प्रशांत नुकीली चीज़ें प्लास्टर के अंदर डालता था. अब ये गलती बहुत आम है. सिर्फ़ ये गलती नहीं. हड्डी टूटने के बाद लोग बहुत सारी ऐसी ग़लतियां करते हैं, जिनसे लेने के देने पड़ सकते हैं. क्या हैं वो ग़लतियां, जो आपको फ्रैक्चर के बाद हरगिज़ नहीं करनी हैं, चलिए जानते हैं.
फ्रैक्चर के बाद ये ग़लतियां न करें
इन गलतियों के बारे में और जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर दिनेश से.

डॉक्टर दिनेश लिम्बाचियां, ऑर्थपीडिक. गांधी लिंकन हॉस्पिटल, गुजरात
पहली गलती
# फ्रैक्चर के बाद कुछ लोग डॉक्टर की सलाह नहीं लेते. आसपास नीम-हकीम से सलाह लेकर पट्टा लगवा लेते हैं.
# ऐसी स्थिति में जब एक-दो महीने के बाद पट्टा हटता है, तो हड्डी तो शायद जुड़ चुकी होती है, पर वो सही पोजिशन में नहीं बैठी हुई होती है.
# फ्रैक्चर के पहले आपका हाथ या पैर जिस कैपेसिटी से काम करता था, वो नहीं होता.
# कई बार पूरी ज़िंदगी हड्डी डिफॉर्म रहती है.
दूसरी गलती
# डॉक्टर की सलाह को पूरी तरह से फॉलो नहीं करना.
# फ्रैक्चर का इलाज डॉक्टर दो तरह से करते हैं. या तो प्लास्टर लगाकर या सर्जरी करके.
# दोनों केसेज़ में एक से डेढ़ महीने केयर करने को कहा जाता है.
# सर्जरी के बाद दवाई लेने और एक्सरसाइज़ करने को कहा जाता है. जहां ऑपरेशन किया होता है, उसकी केयर करने को कहा जाता है.

# केयर ठीक से न करने की वजह से आपको इन्फेक्शन हो सकता है.
# आसपास के जॉइंट अकड़ सकते हैं.
# प्लास्टर के केस में सही केयर न मिलने पर हड्डी अपनी जगह से हिल सकती है और सही से नहीं जुड़ती.
तीसरी गलती
# कैल्शियम और विटामिन-डी की मात्रा ख़ुराक में कम होना.
# फ्रैक्चर होने के बाद कैल्शियम और विटामिन-डी के सप्लीमेंट दिए जाते हैं, लेकिन कई बार ख़ुराक में उनके सोर्स- जैसे दूध, हरी सब्ज़ी, अंडे कम होते हैं.
चौथी गलती
# शराब, सिगरेट, तंबाकू का सेवन लंबे टाइम तक करना.
# फ्रैक्चर होने के बाद इसे कम से कम कर देना चाहिए.
# ये चीज़ें हड्डी जोड़ने के नेचुरल प्रोसेस को स्लो कर देती हैं.
# इससे हड्डी न जुड़ने की या टाइम से न जुड़ने की तकलीफ़ होती है.

पांचवीं गलती
# डॉक्टर फ्रैक्चर होने के बाद हर कुछ दिन में चेकअप के लिए बुलाते हैं, पर पेशेंट जाते नहीं.
# फ्रैक्चर के बाद रुटीन पहले के जैसा होने में 4 से 6 महीने लग सकते हैं.
# उस दौरान आपको रुटीन इंटरवल पर हॉस्पिटल जाना होता है. ताकि हड्डी जुड़ने के प्रोसेस को मॉनिटर किया जा सके.
# बीच में अगर कोई दवाई बदलने की ज़रूरत है, तो डॉक्टर बताते हैं. ताकि हड्डी जुड़ने का प्रोसेस नेचुरल तरीके से चलता रहे.
# रेगुलर चेकअप के लिए ज़रूर जाएं.
कौन-सी ग़लतियां आपको अवॉइड करनी हैं, ये तो जान गए. पर ऐसी कौन-सी टिप्स हैं, जो फ़िज़ियोथेरेपिस्ट फ्रैक्चर के बाद लोगों को देते हैं, ताकि हड्डियां सही से हील कर सकें. ये जान लेते हैं फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉक्टर निशांत से.

डॉक्टर निशांत तेजवानी,
फिजियोथेरेपिस्ट, गुजरात
# जब प्लास्टर बंधा हो, तो फैट रिच फ़ूड यानी चर्बी वाले पदार्थ कम लेने चाहिए.
# कैल्शियम रिच फ़ूड लेने चाहिए. जैसे बादाम, हरी सब्जियां, दूध, चीज़ वगैरह.
# हड्डियों में कैल्शियम का लेवल बढ़ने से हड्डियां जल्दी जुड़ती हैं.
# कभी भी पेशेंट को डॉक्टर की सलाह के बिना लगाए हुए प्लास्टर को, पट्टे को या ब्रेस को नहीं हटाना चाहिए.
# बिना डॉक्टर की सलाह के उस जगह पर किसी भी पदार्थ से रगड़कर मालिश नहीं करनी चाहिए, न ही उस जगह को खींचकर सीधा करना चाहिए. अगर उस जॉइंट में मूवमेंट नहीं है, तो वहां जोर लगाकर खुद से मोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए.
# धूप सेंकना बहुत ज़रूरी है.
# हड्डियों में विटामिन-डी मेन्टेन करने के लिए धूप ज़रूरी है.
# इससे विटामिन डी-3 मिलता है.

# फ्रैक्चर ठीक करने के लिए विटामिन-डी ज़रूरी होता है.
# सुबह 11 बजे से 2 बजे तक के बीच में 20 मिनट से आधा घंटा तक धूप में बैठिए.
# धूप सेंकते समय ध्यान रहे कि टूटी हुई हड्डी या वो एरिया खुला हुआ हो.
# कपड़े कम से कम रखिए, ताकि धूप शरीर में डायरेक्ट लग पाए.
# प्लास्टर खुलने पर मांसपेशियों में जकड़न पैदा हो जाती है. इस जकड़न को दूर करने के लिए फ़िजियोथेरेपिस्ट द्वारा बताई गई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करिए.
# प्लास्टर निकलने के बाद फ्रैक्चर वाली जगह सूजन आ जाती है और दर्द होता है. इस समय फ़िजियोथेरेपिस्ट की सलाह के अनुसार कॉल्ड पैक (बर्फ़) की सिंकाई या हॉट पैक (गर्म) की सिंकाई करिए. राहत मिलेगी.
अगर आप चाहते हैं कि फ्रैक्चर के बाद आपकी हड्डियां सही-सलामत रहें, तो इन बातों का ज़रूर ध्यान रखिए.
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