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हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं, झनझनाहट महसूस होती है? जानिए इसके पीछे की वजह

मैग्नीशियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

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मैग्नीशियम की कमी से थकान भी महसूस होती है. (सांकेतिक फोटो)

हेल्दी रहने के लिए आपके शरीर को कई सारे पोषक तत्वों की ज़रुरत होती है. मिनरल्स, विटामिंस, कैल्शियम वगैरह-वगैरह. आज हम ऐसे ही एक मिनरल के बारे में बात करेंगे. ये है मैग्नीशियम. डॉक्टर्स से जानते हैं मैग्नीशियम की कमी से आपके शरीर को क्या नुकसान होता है, दिनभर में मैग्नीशियम की कितनी मात्रा ज़रूरी है और क्या-क्या चीज़ें खाने से आपको मैग्नीशियम मिलता है.

मैग्नीशियम सेहत के लिए क्यों ज़रूरी होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर प्रभात सिंहा ने.

( डॉक्टर प्रभात सिंहा, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर, नई दिल्ली )

मैग्नीशियम शरीर के लिए एक बहुत ही ज़रूरी मिनरल है. इसका शरीर में कई प्रकार का रोल होता है. ये ब्रेन, मांसपेशियों, नर्व्स के कामकाज के लिए ज़रूरी होता है. ब्लड प्रेशर को मेन्टेन करता है. शरीर में कई तरह के एंजाइम होते हैं जो सेल्स के फंक्शन में काम आते हैं. उनके लिए भी मैग्नीशियम बेहद ज़रूरी है. ये शरीर में बाकी इलेक्ट्रोलाइट को भी बैलेंस करता है. 

शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर पोटाशियम की मात्रा घटती है. कैल्शियम में भी कमी आती है. मैग्नीशियम शरीर के अंदर आई सूजन को भी कम करता है. प्रेग्नेंसी, दौरे पड़ने पर भी मैग्नीशियम दवा के तौर पर इस्तेमाल होता है.

मैग्नीशियम की कमी से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है?

इसकी कमी से मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. मसल क्रैम्पस होते हैं. नर्व्स की कमज़ोरी से पैर में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होता है. मैग्नीशियम की कमी से हड्डियां भी कमज़ोर होती हैं. आमतौर पर हमारे शरीर में 25 ग्राम मैग्नीशियम होता है. जिसका लगभग 50-60% हिस्सा हड्डियों के अंदर होता है. कैल्शियम के साथ मिलकर मैग्नीशियम हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करता है. 

मैग्नीशियम की कमी से शरीर के अंदर मौजूद एंजाइम, जो एनर्जी प्रोडक्शन करते हैं, ग्लूकोस कंट्रोल करते हैं, शुगर कम होने पर नए शुगर का निर्माण करते हैं, उन पर भी असर पड़ता है. मैग्नीशियम की कमी से सेल्स का नॉर्मल मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. थकान महसूस होती है.

रोज़ की डाइट में मैग्नीशियम कितनी मात्रा में होना चाहिए?

आपको कितना मैग्नीशियम लेना चाहिए, ये आपकी उम्र और सेक्स पर निर्भर करता है. एक बच्चा जिसकी उम्र 5-6 साल है उसको 100-150 मिलीग्राम तक मैग्नीशियम की ज़रुरत रोज़ पड़ती है. एक एडल्ट जिसकी उम्र 35 साल से ज़्यादा है उसको 300-400 मिलीग्राम मैग्नीशियम की ज़रुरत रोज़ पड़ती है.

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, होल ग्रेन्स, दाल, डेट्स में मैग्नीशियम भरपूर होता है. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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