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पंजाब की अकेली महिला मंत्री बलजीत कौर, जिन्हें मुफ्त इलाज करने पर 'धमकी' मिलती थी

कौर ने एक साल पहले नौकरी छोड़ राजनीति में आने का फैसला लिया था.

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बलजीत ने SAD के पूर्व विधायक हरप्रीत सिंह को 40,621 वोटों के अंतर से हराया. (तस्वीर - AAP ट्विटर/फेसबुक)
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी कयासों और समीक्षाओं को फेल कर दिया. सत्ता विरोधी लहर ऐसी चली कि राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अपने 'गढ़' से हार गए. नवजोत सिंह सिद्धू और सुखबीर सिंह बादल जैसे नेता भी अपनी पारंपरिक सीट से हार गए. कुल 117 सीटों में आम आदमी पार्टी के खाते में 92 सीटें आईं. आज, यानी 19 मार्च को, पंजाब की नई कैबिनेट ने शपथ ले ली है. राज्य के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि नई कैबिनेट की शपथ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की शपथ है. उन्होंने कहा,
"आज पंजाब के नए मंत्रिमंडल ने शपथ ली, साथ ही लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का संकल्प लिया. सभी नए मंत्रियों को बधाई. पंजाब को फिर से सुनहरा बनाने के लिए हमें पंजाब के 3 करोड़ लोगों के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम करना होगा."
पंजाब की अकेली महिला मंत्री पंजाब की विधानसभा के लिए इस बार 13 डॉक्टर चुने गए, जिसमें से 10 AAP के टिकट से जीते हैं. 10 में से दो महिला डॉक्टर्स हैं - मोगा से अमनदीप कौर अरोड़ा और मलोट से बलजीत कौर. बलजीत कौर भगवंत मान कैबिनेट की एकमात्र महिला सदस्य हैं. पेशे से आंख की डॉक्टर हैं. बलजीत ने SAD के पूर्व विधायक हरप्रीत सिंह को 40,621 वोटों के अंतर से हराया है. बलजीत कौर के पिता प्रोफेसर साधु सिंह 2014 से 2019 तक फरीदकोट के सांसद थे. अपना पहला चुनाव लड़ने के लिए बलजीत ने नवंबर 2021 में पंजाब सरकार की नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया था. सरकारी नौकरी छोड़ी, फिर लड़ा चुनाव बलजीत ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से नेत्र विज्ञान में एमएस किया. रिटायरमेंट लेने से पहले लगभग आठ सालों तक मुक्तसर के सिविल अस्पताल में पोस्टेड थीं. मुफ्त कन्सल्टेंसी के साथ मुफ्त सर्जरीज़ शुरू करवाई, तो इलाक़े के लोगों के बीच उनका कद बढ़ा. सरकारी नौकरी से इस्तीफे के बाद, बलजीत कौर मुक्तसर शहर के 'सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट' के धर्मार्थ अस्पताल में प्रैक्टिस कर रही हैं. शपथ लेने से पहले बलजीत ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा,
"मैं पंजाब के लोगों और पार्टी आलाकमान को धन्यवाद देती हूं. यह पार्टी की अच्छी मानसिकता है कि उन्होंने एक महिला को कैबिनेट में शामिल किया है. मैं अपने सभी कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करूंगी. एक महिला और डॉक्टर के रूप में, मैं महिलाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए काम करूंगी."
चुनाव प्रचार के दौरान, बलजीत कौर ने महिलाओं को सशक्त बनाने, स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की बात की थी. बलजीत ने एक चुनावी भाषण में कहा था,
"अपनी सरकारी नौकरी के दौरान जब मैं मुफ्त सर्जरी कर रही थी, निजी अस्पतालों ने मेरे खिलाफ एक अभियान शुरू किया था. लेकिन लोगों ने पेशे के प्रति मेरी भक्ति को पहचाना. मुझे उम्मीद है कि वे राजनीति में भी मुझ पर विश्वास करेंगे. हमें लगा कि अगर हमारे पास यहां उचित बुनियादी ढांचा हो, तो हम बेहतर कर सकते हैं. मैं एक सरकारी नौकरी कर रही थी और वहां कमियां देखीं, जिन्हें हम अब ठीक कर देंगे."
देखना होगा कि मान सरकार में मंत्री बनने जा रही बलजीत अपने वादे पर कितना काम करती हैं.